दोस्त की खूबसूरत सेक्सी वाइफ- 1

राजेश शर्मा 2

17-01-2022

307,956

सेक्स विद फ्रेंड वाइफ … यह कल्पना मेरे मन में तभी आ गयी थी जब मैंने अपने दोस्त की पत्नी को उसकी शादी में देखा था. मैं उसे पाना चाहता था.


दोस्तो, मेरा नाम राज है. इस समय मेरी उम्र 32 साल है. मेरी शादी 4 साल पहले हो चुकी है. मेरी पिछली कहानी थी: पति के तीन दोस्त और मैं अकेली आज से 1 साल पहले मेरे एक मित्र मुकेश की शादी के रिसेप्शन पार्टी में सभी दोस्त गए थे.


जब मैंने रिसेप्शन पार्टी में मुकेश की वाइफ क्षिति को देखा तो मैं भौचक्का रह गया. सेक्स विद फ्रेंड वाइफ … मैं यही चाह रहा था कि किसी तरह से मुझे मेरे दोस्त की दुल्हन मिल जाए. बला की खूबसूरत हसीना … उसे देखते ही मेरे दिल में हलचल पैदा हो गयी.


आखिर वो थी ही इतनी खूबसूरत … वैसे तो शादी के जोड़े में कोई भी लड़की खूबसूरत लगती है.


उस उस दिन क्षिति ने गुलाबी लहंगा चुन्नी पहना हुआ था और पीछे से बाल भी खुले हुए थे. ब्लाउज तो बैकलेस था जो कि बालों के पीछे से अपनी ब्राइटनेस पीठ को दिखा रहा था.


कमर तो मानो 24 की रही होगी. वो काफी मनमोहक लग रही थी.


वह उस दिन कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी क्योंकि वह सजी-धजी थी.


मेरा सारा ध्यान क्षिति पर ही था.


फिर मैं पार्टी से निकलकर घर आ गया.


मेरा और मुकेश का घर आसपास ही था तो हमारा मिलना हमेशा लगा रहता था. ऐसे ही धीरे-धीरे मेरे और मुकेश के फैमली टर्म्स काफी अच्छे हो गए. धीरे धीरे हमारा उनके घर जाना और उनका हमारे घर आना काफी कॉमन हो गया.


मेरी वाइफ और क्षिति की भी काफी जमती थी. कभी कभार हमारे घर में कुछ स्पेशल बनता तो हम उनके यहां देने जाते हैं और उनके घर से भी हमारे यहां आता ही रहता है.


मेरा और क्षिति भाभी का हंसी मजाक तो होता रहता है.


ऐसे ही एक बार शाम के 8:00 बजे जब मेरे यहां स्पेशल खीर बबी तो वह देने मैं मुकेश के यहां गया. उस समय मुकेश घर पर नहीं था.


2 – 4 बार खटखट करने के बाद भाभी की आवाज आई- कौन है? मैंने उनसे बताया- राज हूं! तो उन्होंने दरवाजा खोला.


मैंने उनके हाथ में खीर का बर्तन दे दिया. तब मैंने देखा कि भाभी ने उस समय अपने चेहरे पर क्रीम लगाई हुई थी.


मैंने हंसी मजाक में कह दिया- तो अच्छा भाभी, आपकी खूबसूरती का राज यह है. इस पर वह हंसी और बोली- क्या भैया, आप भी मेरी मजा ले रहे हो?


लेकिन मेरा नजरिया उनके प्रति कुछ और था. उन्होंने उस समय टी-शर्ट और लोअर पहना था जिसमें उनकी फिगर का अंदाजा लग सकता था. उनका फिगर उस समय 34 – 26 – 36 था जो एक आकर्षक फिगर था. जिसे कोई भी देख कर उन पर फिदा हो जाए.


भाभी की गांड तो उठी हुई थी और उनके बाल उनकी कमर तक आते थे जिनकी उन्होंने चोटी बना रखी थी.


कुछ देर बात करने के बाद मैं वहां से निकल गया.


उनका व्हाट्सएप नंबर तो था ही मेरे पास … धीरे धीरे व्हाट्सएप पर हाय बाय होने लगी. अब तो व्हाट्सएप पर हम जोक्स भी शेयर करने लगे हंसी मजाक वाले … जिनमें कोई बुराई भी ना थी.


ऐसे ही कुछ समय बीता, भाभी से जब भी मिलता तो हमारी हंसी मजाक की होती है. रिस्पांस उनकी तरफ से भी वैसा ही होता है.


कुछ दिनों बाद मेरी वाइफ अपने मायके गई तो यों ही शाम के वक्त मैंने सोचा कि चलो आज रेस्टोरेंट में कुछ खाना खाते हैं. तो मैं निकल पड़ा.


जब मैं रेस्टोरेंट पहुंचा तो वहां देखा कि मुकेश क्षिति भाभी पहले से बैठे हैं. मैं उनसे मिला और बातचीत की.


उन्होंने मुझे अपने साथ ज्वाइन करवा दिया. मेरे काफी ना बोलने के बाद भी वह लोग ना माने. आखिर मैं उनके साथ ही टेबल पर बैठ गया.


उन लोगों का खाना चालू हुआ ही था. मेरे लिए खाना आर्डर किया गया.


इतने में मुकेश को फोन आया और उसे अर्जेंटली कहीं जाना था. मुकेश ने कहा क्षिति से- मुझे अर्जेंट जाना है. एक काम करो तुम खाना खा लेना! और मुझे कहा- राज प्लीज यार, क्षिति को घर तक छोड़ देना! इतना कहकर वह निकल गया.


इतने में मेरा ऑर्डर भी आ गया. मैंने देखा कि भाभी ने उस दिन ग्रीन कलर का शॉर्ट कुर्ता और रेड कलर की लेगी पहनी थी जिसमें वह काफी हॉट लग रही थी. और उन्होंने अपने बालों को साइड से जुड़ा बनाया था. कानों में छोटे झुमके लटके हुए, हाथों में मेहंदी और चेहरे पर हमेशा की तरह खूबसूरती वह काफी हॉट लग रहे थे.


उनका फिगर तो था ही … हॉट कुर्ता थोड़ा टाइट होने के कारण उनके बूब्स साफ समझ आ रहे थे.


हम खाना खाते खाते बातचीत करने लगे.


बात करते करते मैंने उनसे कहा- भाभी, आप आज बहुत खूबसूरत लग रही हो और हॉट भी! इस पर वह हंस पड़ी.


फिर मैंने कहा- क्यों भाभी, आज मुकेश के साथ डेट पर आई थी? वह बोली- आई तो मुकेश के साथ ही … पर डेट मना तो राज के साथ रही हूं. और हम हंस पड़े.


मैंने कहा- भाभी डेट तो बॉयफ्रेंड के साथ मनाते हैं. इस पर वह बोली- आज तो तुम ही मेरे बॉयफ्रेंड हो.


हमारी ऐसी नॉन वेज बातें चलती रही.


डिनर करने के बाद हम लोग वहां से निकल पड़े. मुझे उन्हें घर छोड़ने जाना था.


मैं उनके घर के पास पहुंचा ही था कि मुकेश का फोन आया कि उसे आने में 1 घंटा लग जाएगा. भाभी ने भी उसे बताया- हम लोग घर की ओर निकल पड़े हैं.


फिर हम लोग भाभी के फ्लैट के पास पहुंचे. भाभी आगे-आगे चल रही थी और मैं उनके पीछे था.


पीछे से उनकी मटकती गांड को देखकर मेरा ईमान डोल पड़ा क्योंकि उनका कुता कुछ शॉर्ट और टाइट भी था.


भाभी ने दरवाजा खोला और अंदर चली गई. मैं दरवाजे पर ही रुका था.


इतने में भाभी बोली- राज तुम भी आ जाओ. मैं अंदर गया और दरवाजा भेड़ दिया.


हम दोनों दरवाजे के पास ही खड़े थे लेकिन कुछ बातचीत नहीं कर रहे थे. शायद मेरे और उनके दिल में एक ही बात चल रही थी.


भाभी ने उस दिन लाल लिपस्टिक लगाई थी जो उन पर सूट कर रही थी.


हम दोनों एक दूसरे के सामने थे और कभी मैं उनसे नजर चुराता तो कभी वह मुझसे!


इस तरह करीब 2 मिनट हो गए, हम दोनों के चेहरे पर मुस्कान भी थी. फिर मैं और भाभी दोनों एक साथ बोल पड़े. हम दोनों के मुंह से ‘मैं’ शब्द एक साथ निकला था.


और हम दोनों एक दूसरे की आंखों में डालकर आंखें देखने लगे.


ना जाने उस पल में क्या हुआ कि हम दोनों एक दूसरे के इतने समीप आ गए अचानक से मैं और वह दोनों आगे बढ़े और एक दूसरे के होंठ पर होंठ रख दिए. और हमारा एक लंबा किस का दौर चला. इस दौरान ना मैंने उन्हें छुआ … ना उन्होंने मुझे! बस हमारे होंठ एक दूसरे से मिले थे, हमारी जीभ भी एक दूसरे के मुंह के अंदर घूम रही थी.


हमने करीबन 10 मिनट तक स्मूच किया. इसके बाद हम लोग अचानक अलग हो गए और फिर एक दूसरे की ओर देखकर हंसने लगे.


भाभी ने मेरे होंठों की ओर इशारा करके बताया कि उनकी सारी लिपस्टिक मेरे होंठों पर थी.


मैंने अपने जेब से रुमाल निकाल कर अपने होंठों को साफ़ कर लिया और भाभी से कहा- अब मैं निकलता हूं. वह कुछ नहीं बोल रही थी.


मैं जैसे ही पलटा और दरवाजे को खोलने ही वाला था कि भाभी पीछे से आकर मुझसे चिपक गई. उनके बूब्स की गर्माहट मैं मेरी पीठ पर महसूस कर रहा था.


क्षिति ने मुझसे पूछा- कब मिलोगे? मैंने उसकी इस बात का जवाब दिया- जल्दी समय आने पर!


और मैं दरवाजा खोल कर वहां से निकल गया.


घर आकर मैं उस स्मूच के बारे में ही सोचता रहा. फिर मैं सो गया.


दूसरे दिन सुबह मैं उठा तो फोन में क्षिति का गुड मॉर्निंग मैसेज था … साथ में किस थी. मैं जान चुका था कि भाभी पट चुकी है. बस अब सही समय का इंतज़ार करना था.


मैंने दोपहर के वक्त क्षिति से काफी रोमांटिक बातचीत की और कहा- सही समय का इंतजार करो, हम मिलेंगे.


दूसरे दिन मेरी पत्नी लौट आई.


जब मैं शाम को घर पहुंचा तो मेरी वाइफ के साथ क्षिति पहले से बैठी थी. हमारा चाय नाश्ता हुआ.


क्षिति को मुकेश का फोन आया कि वो लेट आएगा तो क्षिति बोली- मैं चलती हूं.


इस पर मेरी वाइफ ने मुझे क्षिति भाभी को घर छोड़ने को कहा.


मैंने अपनी बाइक पर क्षिति को घर छोड़ा. रास्ते भर हम दोनों ने कोई बात नहीं की.


क्षिति बाइक पर मुझसे एकदम चिपक कर बैठी थी. उसके बूब्स मेरी पीठ से टकरा रहे थे और उसका हाथ मेरी कमर से होते हुए आगे की ओर था जो हल्का हल्का मुझे सहला भी रहा था.


बाइक रुकी तो क्षिति मुझसे ऊपर चलने के लिए बोली. मैं भी उसके आग्रह को ठुकरा ना सका.


वह आगे आगे और मैं उसके पीछे पीछे उसके फ्लैट की ओर चले.


क्षिति ने उस दिन पटियाला सूट पहना था, लाल रंग का कुर्ता ऊपर था और नीचे पीले रंग की सलवार थी. उसने पीले रंग की ओढ़नी ले रखी थी और बालों की चोटी बना रखी थी.


क्षिति ने दरवाजा खोला और मुझे अंदर बुलाया.


मैं जैसे ही अंदर गया … क्षिति ने दरवाजे की चिटकनी लगा ली. अब मैं और क्षिति दोनों रूम में अकेले थे.


मैं और क्षिति दोनों एक दूसरे की तरफ बढ़े. एक दूसरे को गले लगाते हुए मैंने चुम्बनों की बौछार क्षिति के गालों पर कर दी.


मैं उसके होंठों को चूसने लगा.


मैंने अपना हाथ बीच में डालते हुए अपनी ओढ़नी को उसके शरीर से अलग कर दिया. उसकी बैकलेस कुर्ते वाली पीठ पर मैं अपने दोनों हाथ चला रहा था और उसके चेहरे पर चुम्बन करे जा रहा था.


वह बेचैन हो रही थी और वह भी मेरा साथ दे रही थी.


हम दोनों किस करते करते उसके बेडरूम तक आ गए. और मैंने उसे अपनी बाहों में उठाया और हम बिस्तर पर एक साथ गिर गये. लेकिन हमारी किस की रफ्तार कम ना हुई.


मेरे हाथ उसके पूरे शरीर पर घूम रहे थे. उसकी पीठ, उसकी कमर, उसके हिप्स तक मेरा हाथ पहुंच गया था, जिन्हें मैं दबा रहा था.


मैंने अपने हाथ को उसके कुर्ते के अंदर डाल दिया और उसकी नंगी कमर पर चलाने लगा और दबाने लगा. और ऊपर से उसके चेहरे उसके गले और उसके माथे पर चूमाचाटी जारी रखी.


हम दोनों बेड पर एक दूसरे के ऊपर नीचे हो रहे थे.


अब मैं थोड़ा नीचे होते हुए सामने की ओर से उसके बूब्स पर किस करने लगा और दबाने भी लगा. कुछ पल बाद मैं उसके कुरते को ऊपर करके उसके नंगे पेट पर किस करने लगा.


वह तो मानो मदहोश होने लगी. मैं भी अपना आपा खो रहा था.


तभी क्षिति के फोन पर मुकेश का फोन आया. वह फोन पर उससे बातचीत करने लगी.


लेकिन मैं अभी भी नहीं रुका था, मैं उसकी कमर पर किस किए जा रहा था और क्षिति हंसती हुई मुकेश से बात कर रही थी. मुकेश ने बताया कि वह 15 मिनट में आ जाएगा.


फिर क्षिति ने फोन काट दिया और मुझे रोकते हुए कहा- आज के लिए बस इतना ही! चलो जल्दी जाओ, मुकेश आने वाला है.


मैंने भी बेड से उठकर उसे किस करते हुए उसके घर से विदा ली. दुर्भाग्य से आज भी हमारे बीच में इससे ज्यादा सेक्स विद फ्रेंड वाइफ ना हुआ.


कहानी कैसी लग रही है दोस्तो? मेल और कमेंट्स में बताएं. [email protected]


सेक्स विद फ्रेंड वाइफ कहानी का अगला भाग: दोस्त की खूबसूरत सेक्सी वाइफ- 2


अन्तर्वासना

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ