पड़ोसन चाची की चूत और गांड मारी

मनीष साहू

28-07-2022

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Xxx देहाती चुदाई कहानी मेरे पड़ोस में रहने वाली हॉट और सेक्सी माल की है. मैं उन्हें चाची कहता हूँ. एक बार मैंने चाची को मम्मों के ऊपर पेटीकोट बांधे देखा तो …


दोस्तो, मैं राज उत्तर प्रदेश के एक छोटे से जिले से हूं. मैं अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूं. मैं इस पर रोज अपडेट होने वाली सारी सेक्स कहानियां पढ़ता हूं और हर चुदाई कहानी को इंजॉय भी करता हूं.


प्यारी चूत वाली आंटी, भाभी और मेरी उम्र के सभी लड़कियों व लंडधारियों को मेरा नमस्कार.


आज मैं अपनी एक सच्ची घटना आप लोगों के बीच प्रस्तुत कर रहा हूं, मेरी Xxx देहाती चुदाई कहानी में अगर कोई भूल हो माफ कर देना. मैं एक सरकारी कर्मचारी हूं.


मेरी उम्र 28 साल है और मेरे लंड की साइज कुछ इस तरह से है कि ये 7.6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है. आप समझ सकते हैं कि ऐसा लंड किसी भी चूत का भरता बना सकता है.


करीब एक साल पहले मेरी जॉब सरकारी विभाग में लग गयी थी. मैं अपने गांव में अपने प्यार और बर्ताव के चलते सभी लोगों का प्रिय था.


आपको लोगों को तो पता ही है, जब किसी की भी अगर कम उम्र में अगर सरकारी नौकरी मिल जाए, तो लोगों का बर्ताव आपके प्रति और भी अच्छा हो जाता है.


मेरे इसी रवैये की वजह से मेरी पड़ोस की एक चाची भी बड़ी खुश थीं. चाची का नाम प्रीति था. वो देखने बहुत हॉट और सेक्सी माल थीं.


मैं सच कह रहा हूँ कि अगर उनको कोई भी एक बार भी देख ले, तो मेरी गारंटी है कि वो बिना मुठ मारे नहीं रह सकता था. मेरे घर के पास में ही उनका भी घर था. इस वजह से मेरी उनसे बातचीत होती रहती थी.


एक दिन की बात है प्रीति चाची ने अपने लिए नया एंड्राइड फ़ोन ख़रीदा और उसमें उनको जियो की सिम डालनी थी. उनको अभी सिम लेनी थी.


मैं सुबह फ्रेश होकर सुबह ऑफिस के लिए निकल ही रहा था. तभी चाची जी ने मुझे आवाज देकर बुलाया.


मैं उनसे मिलने गया तो वो नहा कर बाहर आ गई थीं. मुझसे मिलने की जल्दी में चाची ने अपने पेटीकोट को अपने मम्मों के ऊपर तक बांध कर रखा था. उनका मस्त भीगा जिस्म मुझे गर्माने लगा था.


चाची को ऐसे देख कर मेरा मन किया कि काश ये मेरी चाची ना होती तो अभी उनको पटक कर चोद देता. लेकिन मैंने किसी तरह से अपने आपको रोका.


मैंने उनसे पूछा- हां चाची, क्या काम था? उन्होंने मुझे 500 रूपए दिए और बोलीं- करन मुझे एक जियो की नई सिम लाकर दे दो.


मैं भी शरारती शब्दों में बोला- चाची. अगर मैं आपको सिम लाकर दूंगा, तो मुझे क्या मिलेगा! मेरी बात के जबाव में उन्होंने जो शब्द बोले, मैं तो सुन कर दंग रह गया.


उन्होंने अपने होंठ दबा कर कहा- तुम सिम लाकर तो दो, मैं तुम्हें अपनी सबसे कीमती चीज दूंगी. मैंने भी शरारत करते हुए पूछा- क्या दोगी … बताओ तो चाची? उन्होंने आंख मारते हुए कहा- अगर सिम लाकर दोगे, तो मैं तुम्हें बहुत मजा दे सकती हूं.


उस वक्त मुझे ऑफिस के लिए देरी हो रही थी, तो मैंने तुरन्त आंटी के हाथ से रूपए लिए और उनको बाय बोल कर ऑफिस के लिए निकल गया.


जब शाम को घर आया तो मैंने आंटी को सिम कार्ड दे दिया. उन्होंने मुस्कुरा कर मुझे रात को खाना खाने के लिए बुलाया क्योंकि वो घर पर अकेली थीं. चाचा बाहर गए हुए थे.


मैं भी करीब दस बजे रात को फ्रेश हुआ और अपना बिस्तर लगा कर उनके घर आ गया. मैंने जैसे ही उनके घर का दरवाजा खटखटाया, प्रीति चाची ने दरवाजा खोल दिया.


मैं उनको देख कर एकदम से अवाक रह गया. उस रात मुझे लगा आज जरूर जन्नत नसीब होने वाली है.


चाची ने एक पारदर्शी नाइटी पहनी हुई थी और उसके अन्दर का नजारा गजब का था. ना अन्दर ब्रा थी और ना ही पैंटी पहनी थी.


कुछ पल के बाद चाची ने मेरा हाथ पकड़ मुझे अन्दर खींचा और बोलीं- कहां खो गए. मेरे मुँह से निकल गया- आज आप एकदम क़यामत लग रही हो, अगर आप मेरी बीवी होतीं, तो अभी पटक कर चोद देता.


मेरे मुँह से चुदाई की बात सुन कर चाची ने भी वासना से कहा- पहले अन्दर चलो, खाना खा लो, फिर आज तुम मुझे अपनी बीवी समझ कर चोद ही दो. मैं भी देखती हूं कि तुम मुझे कितना खुश करते हो. मैंने कहा- चाची ज्यादा खुश होने के चक्कर में छेद न फटवा लेना.


चाची बोलीं- आज छेदा ही तो फड़वाना है … आ मैं भी देखती हूँ कि तेरे औजार में कितना दम है. मैंने कहा- क्यों चाचा के औजार से मन नहीं भरता है क्या?


चाची बोलीं- तेरे चाचा के औजार में दम होता तो आज मैं दो चार बच्चों की मम्मी न बन गई होती. मैंने कहा- ओहो … ये बात है. चली चाची आज आपको पूरा सुख देने का जिम्मा मेरा है.


हमने साथ में खाना खाया और फिर वो मुझे अपने बेडरूम में ले गईं. हम दोनों साथ में ही बेड पर लेट गए और मैं चाची के मखमली बदन से खेलने लगा.


मैं उनके होंठों का रसपान कर ही रहा था कि उन्होंने अचानक रोक दिया और बोलीं- कुछ टाइम रुको राज, पहले मैं तुम्हारे चाचा से फोन पर बता कर लेती हूँ. उनसे उनके आने की बात करके फिर तुम्हें जन्नत की सैर कराती हूँ.


मैं भी रुक गया और वो चाचा जी बात करने लगीं.


करीब 10 मिनट बात की और चाचा से बोलीं- आज मेरा सर दर्द कर रहा है … अब फोन रख रही हूँ. चाची ने फोन पर चाचा को एक किस देकर फोन काट दिया और अब वो मेरे पास आ गईं.


उन्होंने बताया कि वो कल सुबह आएंगे. अब हमारा खेल शुरू हो गया.


पहले मैंने उनको खूब किस किया. उनकी गर्दन से लेकर होंठ तक का रसपान किया. फिर धीरे धीरे मैं उनके संतरों को निचोड़ने लगा. चाची ‘सी सी सी उफ़्फ़ आह …’ की बहुत ही मादक आवाज निकाल रही थीं.


मैं पूरा मदहोश होता गया. फिर मैं उनकी नाभि में जीभ से चाटने लगा.


कुछ टाइम बाद उन्होंने मेरा लंड पकड़ा और लॉलीपॉप की तरह गपागप चूसने लगीं. प्रीति चाची एकदम रंडी की तरह मेरा लौड़ा चूस रही थीं. मैं उनकी चूत में उंगली कर रहा था.


फिर हम दोनों ने 69 की पोजिशन ले ली और तकरीबन 20 मिनट की इस चुम्मा चाटी व चुसाई में चाची ने अपना रस मेरे मुँह में ही छोड़ दिया. मेरा भी माल उनके मुँह में निकल गया और चाची पूरा माल मेरा गटक गईं.


उसके बाद चाची मेरा लौड़ा फिर से अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगीं.


मैं इस बार उनकी चूत और गांड दोनों में बारी बारी से उंगली करने लगा. कुछ टाइम बाद मेरा लौड़ा फिर से लोहे रॉड की तरह मजबूती से खड़ा हो गया.


इसके बाद चाची बोलीं- यार राज, अब मेरी चूत में अपना लंड डाल दो. मेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है. मैंने भी चाची से कहा- कैसे लोगी मेरा लंड? वो बोलीं- मुझे कुतिया बन कर लंड लेने में बहुत मजा आता है.


मैंने उनको बेड किनारे उतारा और डॉगी बना कर एकदम से उनकी बुर में लंड पेल दिया.


चाची एकदम से चिहुंक गईं और गाली देती हुई बोलीं- भोसड़ी के आराम से डाल … मादरचोद फ्री की चूत समझ कर फाड़ेगा क्या? मैंने भी जोश में आकर एक और जोर का धक्का दिया- साली, फ्री का लंड खा रही है और चुदुर चुदुर भी कर रही है.


इस बार लंड काफी अन्दर तक गया था. वो बहुत जोर चिल्लाने लगीं और छटपटाने लगीं.


लेकिन मुझ पर वासना का भूत सवार हो चुका था, मैं रुका ही नहीं और उसी पोजिशन में उनकी चूत का भोसड़ा बनाने लगा.


कुछ देर बाद वो भी अपनी गांड हिलाने लगीं और जोर जोर गाली देने लगीं- आंह चोद भोसड़ी के … आज मुझे रंडी बना कर चोद … बहुत दिनों से तेरा लौड़ा लेना चाह रही … अअअअ उफ़्फ़ आआआ ईई!


चाची मेरा लौड़ा गपागप लेने लगी थीं.


मैं बोला- साली मां की लौड़ी … आज तुझे रंडी बना कर चोदूंगा.


उनके चूतड़ों पर मैं थप्पड़ मारने लगा जिससे उनके दोनों चूतड़ एकदम लाल हो गए.


करीब 7 से 8 मिनट बाद मैंने बोला- अब तू मेरे लंड पर कूद साली रंडी. चल जल्दी से मेरे लंड की सवारी कर. मैं बेड पर लेट गया और वो मेरे ऊपर आकर अपनी चूत मेरे लंड पर सैट करने लगीं.


लंड चूत में गया तो वो अपने मम्मे उछालती हुई लंड पर कूदने लगीं.


उनके मम्मे मस्त हिल रहे थे. बहुत ही कामुक नजारा था.


मैं उनके मम्मों को मसलते हुए गांड उठाने लगा और चाची की चूत चुदाई का मजा लेने लगा.


फिर मैंने उनको बेड पर सीधा लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उन्हें चोदने लगा. तकरीबन बीस मिनट बाद उनका पूरा बदन ऐंठने लगा और हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.


मैं उनके ऊपर ही लेटा रहा. कुछ देर बाद हम उठे और बाथरूम में चले गए.


उधर उन्होंने मेरा लौड़ा अपने मुँह में ले लिया और बाथरूम में ही चूसने लगीं.


चाची बोलीं- राज, तेरे लंड में बहुत दम है. आज एक बार और चोद दे. मैंने हामी भर दी और इस बार हम दोनों ने बॉथरूम में ही खड़े खड़े चुदाई करने का मन बनाया.


इस बार मैं चाची की गांड मारना चाह रहा. मैंने उनसे कहा- आज तू मेरी रंडी है और इस बाथरूम में आज तेरी चूत नहीं, गांड मारूंगा.


वो अपनी गांड मराने तैयार हो गईं.


मैंने शैम्पू लगाया और अपना औजार उनकी गांड में लगा कर धक्का दे दिया और मेरा लंड एक बार में ही अन्दर घुस गया.


चाची की कराह निकल गई. मैं दबादब उनकी Xxx देहाती गांड मारने लगा.


कुछ देर बाद मैंने उनकी चूत में लंड पेल दिया. अब कभी मैं उनकी गांड मारता, कभी चूत चोदने लगता. चाची मस्त मजा ले और दे रही थीं.


इस बार फिर हम दोनों ने बाथरूम में काफी देर तक खूब जम कर चुदाई की और मैंने चाची के तीनों छेद को अच्छे से पेला.


आधा घंटा बाद हम दोनों तृप्त होकर बॉथरूम से बाहर आ गए. चाची जी ठीक से चल नहीं पा रही थीं; उनकी चूत और गांड दोनों छेद सूज चुके थे.


फिर हम दोनों एक साथ बिस्तर पर लेट गए.


मैंने उनसे पूछा- चाची, पिछवाड़ा किसने खोला था? वो हंस दीं और बोलीं- सब कुछ एक दिन में ही जान लेगा क्या?


मैंने कहा- ओके मत बताओ मगर अब आपके छेदों पर मेरा ही राज चलेगा. वो हंस कर लिपट गईं.


कुछ देर बाद उनका एक लंबा किस लेने के बाद मैं अपने घर पर आ गया और अपने बिस्तर पर लेटकर सो गया.


जब सुबह उठा तो मेरा पूरा बदन दर्द कर रहा था. कुछ दूर पर खड़ी प्रीति चाची मुझे देखकर हंस रही थीं.


मैंने भी उनको फ्लाइंग किस दिया और फ्रेश होने चला गया. उस दिन के बाद से हर हफ्ते हमारी चुदाई होने लगी थी.


अब मैं भी बहुत खुश रहने लगा था. जब भी सेक्स का मन करता, तो चाची की चूत की अच्छे से मरम्मत कर देता.


ये मेरी अन्तर्वासना पर पहली Xxx देहाती चुदाई कहानी थी. आप मेल करेंगे तो मेरा उत्साह बढ़ेगा. [email protected]


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