मकान मालकिन भाभी की अन्तर्वासना- 1

कमल 2

24-06-2023

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बिहारी भाभी की वासना का फ़ायदा मुझे मिला जब मेरी मकान मालकिन भाभी ने मुझे लाइन देनी शुरू की. मैंने भी मौके का फायदा उठाकर उनका साथ दिया, उनसे दोस्ती की.


मेरा नाम अंकुश है। मेरी हाईट 5 फीट 6 इंच और मेरे औजार यानि मेरे लौड़े की लंबाई 6 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है। मैं ज्यादा तो नहीं बोलना चाहूंगा; अभी तक मेरे लन्ड को किसी ने शिकायत नहीं करी है।


यह मेरी पहली कहानी है. तो दोस्तो, कुछ त्रुटि हो जाए तो माफ कीजिएगा।


यह घटना तीन साल पहले की है जब मैं अपने मास्टर की पढ़ाई करने की लिए अपने गांव से देवरिया शहर गया था। यह मेरे गांव से ज्यादा दूरी पे नहीं था इसलिए मैंने यह जगह चुनी पढ़ाई के लिए।


जब मैंने कॉलेज की काउंसलिंग करा ली तो यह बात घर में सबको बताई. सब खुश हो गए कि चलो इस बार नजदीक कॉलेज मिल गया।


इससे पहले मैंने काफी दूर रह कर पढ़ाई करी थी तो सबको घर के नजदीक कॉलेज मिलने की खुशी थी।


कुछ दिन बीतने के बाद वह टाइम आ गया था जब मैं रूम की खोज में निकाला।


मुझे कॉलेज से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पे रूम मिला, जिसमें बस 5 लोग रहते थे; अंकल, आंटी, उनका बेटा, उनकी बहू यानि इस कहानी की हिरोइन शालिनी (बदला हुआ नाम) भाभी और उनका 4 साल का बेटा।


शालिनी भाभी का रंग गेहुंआ था परंतु वह बहुत ही आकर्षक थी। उनका फिगर 34-30-36 का था जो मुझे बाद में पता चला। उनकी हाईट 5 फीट 3 इंच की करीब थी।


मेरे किसी रिश्तेदार ने ही मुझे रूम दिलाया था तो मुझे उनकी फैमिली में घुलने मिलने में ज्यादा समय नहीं लगा। मैं शालिनी भाभी से कम और बाकी सबसे ज्यादा बात करता रहता।


कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, सब कुछ सामान्य चल रहा था।


एक रात जब मैं पढ़ाई कर रहा था तो मुझे भाभी की कमरे से कुछ आवाजें सुनाई दी।


उस दिन अंकल और आंटी कहीं बाहर गए हुए थे। घर पर मैं छत पर बने कमरे में था और भैया भाभी और उनका 4 साल का लड़का नीचे थे।


भाभी भईया की किसी बात पे लड़ाई कर रही थी। परंतु मैं कुछ बोलना सही नहीं समझा और मैं सो गया।


अगले दिन जब मैं कॉलेज के लिए तैयार होकर सीढ़ियों से उतर रहा था तो देखा भाभी सामने ही खड़ी थी और मुझे ही देखे जा रही थी। मैंने भाभी को गुड मार्निंग बोला और चला गया.


जब कॉलेज से मैं आया तो भईया बरामदे में कुर्सी लगाकर बैठे हुए थे और मुस्कुरा रहे थे।


मैं- क्या बात है भईया, बहुत मुस्कुरा रहे हो? भईया- मेरा वीजा आ गया।


मैं- वाह भईया, तब तो पार्टी होनी चाहिए. मैंने मजाक में बोला। भईया- चल ले लेना, तू तो अपना भाई है।


मैं ऊपर कमरे में आ गया और सारे कपड़े निकाल कर सो गया। गर्मी के दिनों में जब भी मैं कॉलेज से आता तो सारे ऊपर के कपड़े निकाल के पंखा चलाकर सो जाता था।


जब मेरी कुछ समय बाद आंख खुली तो देखा भाभी मेरे सामने बैठी हुई है और मुझे देख रही है।


मैं- भाभी, आप कब आई? भाभी- बस अभी आई हूं. यह कहना था कि आप आज रात का खाना हमारे साथ खाओगे। मैं- ओके भाभी!


भाभी- मैं चलती हूं, मुझे काम है। मैं- ठीक है भाभी।


भाभी जा रही थी तो उनकी गांड गजब ही हिलती थी, उसको देखकर मेरा मूड ही खराब हो गया। मैंने बाथरूम में जाकर मुठ मारी तो मेरा लन्ड शांत हुआ।


दो घंटे बाद भईया का कॉल आया- आ जाओ, डिनर तैयार है।


सब खाना खा रहे थे और भाभी मुझे अजीब नज़रों से देख रही थी और स्माइल दे रही थी।


मैं समझ गया कि भाभी की चूत की खुजली मिट नहीं रही है इसलिए आज कल भाभी मुझे अजीब तरह से देख रही है।


वह मेरे सामने बार – बार अपने साड़ी के पल्लू को भी सही कर रही थी। जब भी उनका पल्लू नीचे आता तो उनके 34 साइज के दूध का क्लीवेज दिखाई देता। मैं समझ गया कि बिहारी भाभी की वासना जोर मार रही है.


मैंने जल्दी जल्दी खाना खत्म किया और ऊपर कमरे में आकर फिर से उनको याद करके मुठ मारी; जब तक मेरा लन्ड शांत नहीं हुआ हिलाता रहा।


भाभी मुझसे क्या चाहती थी, मुझे तो नहीं पता था परंतु मैं भाभी को जम कर चोदना चाहता था। परंतु उनसे ना ही बात हो पाती थी ज्यादा, और न ही उनको चोद भी सकता था. क्योंकि भैया हमेशा घर पर ही रहते थे इसलिए मैं मेरी भाभी से बात करने में फटती थी।


कुछ दिन ऐसे ही बीतने के बाद वह भी दिन आ गया जब भईया को दुबई जाना था दो साल के लिए।


मैं उनको लखनऊ एयरपोर्ट पे छोड़ने उनके साथ निकल गया।


उनकी अगली सुबह फ्लाइट थी तो हम दोनों रात को ही ट्रेन ले ली और टाइम से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंच गए।


वहां पहुंचने के बाद भैया ने मुझे समझाया- देख अंकुश, अभी तू ही है घर में, मम्मी पापा और अपनी भाभी का ध्यान रखना। अगर उनको कोई दिक्कत हो तो हेल्प कर देना. भईया ने कहा मुझे।


मैं- आप टेंशन ना लो भैया, कुछ भी दिक्कत नहीं होगी. मैं हूं ना।


फिर भईया ने फ्लाइट पकड़ ली मैं घर आ गया।


जब घर आया तो सबने पूछा कि वे सही से बैठ गए थे ना। मैंने हां बोला।


परंतु आंटी की आंखों में मैंने आंसू देखे तो मैंने उनको सांत्वना दी कि मैं हूं ना अभी … आप टेंशन ना लो, मैं आप सब का ध्यान रखूंगा।


वास्तव में भईया पहली बार जा रहे थे दूसरे देश में काम करने के लिए।


मैं भईया को छोड़ के लखनऊ से आया और अपने कमरे में सोने चला गया।


कुछ समय बाद मैं सोकर उठा तो देखा कि भाभी का कॉल आया हुआ था।


मैंने कॉल बैक किया और भाभी उधर से बोली- थोड़ा नीचे आना। मैं- ओके आता हूं।


भाभी- कल मुझे अपने मायके जाना है कुछ दिनों के लिए। मैं- क्यों क्या हुआ भाभी? भाभी- मेरे भाई की बीवी का बच्चा हुआ है। वे सब हॉस्पिटल में हैं। मुझे कल ही जाना पड़ेगा।


मैं- अंकल आंटी जानते हैं? भाभी- हां, मेरे पापा ने उनको फोन करके बताया। मैं- ठीक है, कल चलेंगे फिर!


तब तक अंकल आ गए और उन्होंने बोला- इसको इसके मायके छोड़ आना कल! मैं- कल मेरा कॉलेज है अंकल जी! अंकल- कॉलेज से आना, तब छोड़ आना। मैं तो बूढ़ा हो गया हूं जवान होता तो तुझे क्यों बोलता। मैं- ठीक है अंकल जी, मैं छोड़ आऊंगा.


मुझे गुस्सा भी आ रहा था कि भाभी को अभी जाना जरूरी था क्या?


जब हम अगले दिन जा रहे थे तो रास्ते में भाभी मुझसे बोली- क्या हुआ अंकुश, गुस्सा हो क्या अपने भाभी से? मैं- नहीं, मैं क्यों होऊंगा गुस्सा आपसे? बस मन नहीं कर था बात करने का!


मैं भाभी को उनके मायके पहुंचकर रात में ही अपने कमरे पर आ गया। आते ही मैं सो गया.


सुबह उठा तो देखा की भाभी के कई मिस्ड कॉल आये हुआ हैं। मैं जब भी सोता हूँ तो फोन साइलेंट करके ही सोता हूँ।


उठकर मैं नहाया, ब्रेकफास्ट किया और कॉलेज चला गया।


दिन में भी भाभी कई बार मुझे कॉल की परंतु मैंने कॉल नहीं उठाया.


शाम को में भाभी को कॉल किया तो भाभी गुस्से से- कॉल क्यों नहीं उठा रहे थे आप? मैं- रात को सो गया था. और अभी कॉलेज में था तो कैसे उठाता?


भाभी- इतना व्यस्त थे कि 2 मिनट बात नहीं कर सकते थे? मैं- हां व्यस्त था और कुछ … भाभी- ठीक है. रहो … अब कॉल नहीं करूंगी। और फोन काट दिया।


मैंने फिर से कॉल किया और सॉरी बोला.


भाभी- गुस्सा क्यों कर रहे थे मेरे पर? मैं- क्यों आपको नहीं मालूम? भाभी- मुझे कैसे मालूम होगा? बताओगे तभी तो जानूंगी न! मैं- इतनी भी भोली मत बनो आप!


भाभी- कहना क्या चाहते हो तुम? मैं- वह सब क्या था जो आप मुझे किस नजर से देखती थी और अपनी साड़ी का पल्लू बार बार गिरा कर क्यों ठीक कर रही थी मेरे सामने? भाभी- अच्छा तुम क्या समझते हो मुझे? कि मैं किस नजर से देखती हूं तुमको?


मैं- आप मुझे उस दिन हवस की नजर से देख रही थी. बोलो ये बात सही है ना? भाभी- हां देख रही थी तो … मेरा पति तो मुझे संतुष्ट नहीं कर पता था इसलिए देख रही थी। मैं- तो मुझसे प्यास बुझा लो ना फिर भाभी!


भाभी हंसती हुई बोली- ठीक है, तैयार रहना। आऊंगी तो तुमको खा जाऊंगी मैं! मैं- देखता हूं कौन किसको खाता है! भाभी- हम्म्! मैं रात में बात करती हूं. मैं बोला- ठीक है।


रात में भाभी- हाय देवर जी, कैसे हो आप? मैं- ठीक हूं भाभी, क्यों आपको अभी याद आई देवर की?


भाभी- नहीं तो … पूरी टाइम याद आते हो तुम! परंतु क्या करें यहां रिश्तेदार भी तो हैं ना … तो उनको भी देखना पड़ता है। मैं- ठीक है भाभी, उनको ही देखो!


भाभी- नहीं उनको क्यों देखूँ … मुझे तो आपका देखना है। मैं- क्यों मुझे आप देखी नहीं हो?


भाभी- देखी हूं पागल, परंतु मुझे वह देखना है तुम्हारा! मैं- क्या देखना है भाभी, साफ – साफ बोलो ना?


भाभी- तुम्हारा हथियार जो तुम्हारे पैंट में कैद है, दिखाओ ना! मैं- ठीक है, विडियो कॉल करो।


मैंने अपना 6 लंबा और 3 इंच मोटा लन्ड दिखाया तो उनके मुंह आआआह निकल गया।


मैं- भाभी क्या हुआ, आपने इतना बड़ा नहीं देखा?


भाभी- इतना मोटा और लंबा भी काफी है. मेरे हसबैंड से तो बहुत लंबा और मोटा है। मैं- कितना बड़ा है उनका? भाभी- आपसे छोटा और पतला है उनका तो।


मैं- भाभी, इसको लोगी आप अपने चूत में? भाभी- मैं तो इसको खा जाऊंगी। अब रहा नहीं जाता जान … कल आओ आप मुझे लेने!


मैं- मैं आऊंगा भाभी … उससे पहले आज हम मजे कर लें थोड़े? भाभी- कैसे करेंगे मजे?


मैं- भाभी, आज मैं आपको नंगी देखा चाहता हूँ. दिखाओ ना आप अपनी चूत बूब्स और गांड को!


भाभी ने अपने ब्लाउज खोला. उन्होंने लाल रंग की ब्रा पहनी थी। क्या मस्त लग रहे थे उनके चूचे … उम्हाह्ह्ह्ह!


मैं भाभी से बोला- मुझे आपको पूरी नंगी देखना है. तो भाभी झट से मान गई।


भाभी अपने सारे कपड़े एक – एक करके निकलती गई और मैं उनको देख कर अपना लन्ड हिलाता रहा।


क्या मस्त चूचे थे उनके एकदम टाइट! लग रहा था कि भैया ने उनको सही से चूसे ही नहीं थे।


उनका गेहुंआ और चिकना बदन … मेरे होश उड़ा रहा था. मन कर रहा था कि अभी जाकर भाभी को चोद दूं।


जब भाभी ने अपनी पैंटी उतारी तो … क्या चूत थी! दोस्तो, आपको अपने शब्दों में बयान ही नहीं कर पाऊंगा।


मैं- भाभी, चूत को फैलाकर दिखाओ ना … प्लीज उंगली करो ना उसमें! मुझे आपकी चूत का रस पीना है. भाभी- ओके देवर जी, यह देखिए अपनी शालिनी भाभी की चूत!


मैं- भाभी, एक बार मुझसे चूत चुदवाकर गई होती … इतनी मस्त चूत लेकर क्यों भाग गई भाभी? भाभी- आप टेंशन ना लो मेरे राजा. जल्दी ही इस चूत में आपका मोटा काला लन्ड होगा। जल्दी ही आऊंगी अपने देवर से चुदवाने के लिए! मैं भी तड़प रही हूँ जान. आपके भईया मुझे संतुष्ट नहीं कर पाते. उस दिन हमारी लड़ाई हुई थी।


हम दोनों ने ऐसे ही विडियो कॉलिंग पे बात करते रहे। एक दूसरे को जिस्म दिखाकर दोनों झड़ गए।


भाभी अपना चूत में उंगली कर रही थी और दूध दबा रही थी और मैं उनको देख कर लन्ड हिला रहा था। ऐसे ही हम मस्ती करके एक दूसरे के पानी निकलकर सो गए।


अगले दिन जब उठा तो देखा भाभी अपनी ढेर सारी न्यूड फोटो सेंड करी थी।


क्या मस्त जिस्म था उनका!


भाभी को तो ऊपर से बहुत देखा था, परंतु न्यूड भाभी देख कर मेरा लन्ड खड़ा हो गया। फिर मैंने भाभी की फोटो देखते हुए मुठ मारा और फ्रेश होकर कॉलेज चला गया।


कॉलेज जाते हुए सोच रहा था कि आज भाभी को लेने जाना है और उनकी फोटो मेरे दिमाग में अभी भी घूम रही थी। मेरा लन्ड मेरे जींस में खड़ा होकर दर्द करने लग गया था।


जब मैं शाम को कॉलेज से आया तो अंकल ने बोला- जाकर शालिनी को लेकर आओ, आने को बोल रही थी।


एक घंटे के बाइक राइडिंग कर के बाद भाभी के घर पहुंच गया। पर भाभी वहां दिख नहीं रही थी और सारे रिश्तेदार भी चले गए थे।


10 मिनट के बाद एक लड़की मेरे लिए चाय लेकर आई, क्या मस्त माल़ लग रही थी। जब वह गई तो मैं उसको ही देख रहा था।


तभी मेरे पीछे से मेरे कान में किसी ने धीरे से बोला- क्या देख रहे हो? मैंने पीछे मुड़कर देखा तो भाभी थी। वह मुझे देख कर हंस रही थी।


मैं- कहां थी आप? और यह लड़की कौन है। भाभी- यह मेरी छोटी बहन है आरती।


मैं- ओह … ओके!


फिर मैंने कहा- भाभी, जल्दी रेडी हो जाओ, चलते हैं हम! भाभी हंसती हुई- क्यों आपका लन्ड मानने में नहीं आ रहा है? मैं- नहीं आ रहा है. मुझे आपको चोदना है, जम कर बहुत इंतजार कराया है आपने!


भाभी- आज नहीं, कल सुबह चलेंगे। मैं- आप जानती हो न कि मैं आपको चोदना चाहता हूं. तो मुझे आज क्यों बुलाया? भाभी- आपसे चुदवाने के लिए!


मैं- परंतु यहां पर कैसे करेंगे? भाभी- वो मैं कुछ कर लूंगी डार्लिंग, आप टेंशन ना लो।


भाभी ने अपने ही घर में कैसे मुझसे चुदाई करवाई, आप अगले भाग में पढ़ पायेंगे.


तब तक आप मुझे ईमेल में बताइए कि बिहारी भाभी की कहानी कैसी लग रही है। मुझे आपके ईमेल का इंतजार रहेगा। [email protected]


बिहारी भाभी की वासना की कहानी का अगला भाग:


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