पड़ोसन भाभी की चूत चोदी

नितिन शर्मा

06-05-2023

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हॉट इंडियन भाभी चुदाई कहानी में पढ़ें कि रात को भाभी के साथ सेक्स का मजा लेने के बाद अगले दिन नहा धोकर मैंने चुदाई का प्रोग्राम रसोई में ही शुरू कर दिया.


मैं विहान आप लोगों के लिए अपनी पड़ोसन निशा भाभी की चुदाई की कहानी लाया हूँ. इससे पहले आपने मेरी कहानी पड़ोसन भाभी के साथ सेक्स का जुगाड़ पढ़ी थी.


अब उसके आगे की हॉट इंडियन भाभी चुदाई कहानी का मजा लीजिए.


जब मैं सुबह उठा तो देखा भाभी मेरे साथ लिपट कर सो रही थीं. मैंने निशा भाभी को उठाया और एक किस की.


भाभी मुझे देख कर मुस्कुराईं और चूम कर नहाने चली गईं. मैं बेड पर ही लेटा रहा.


जब भाभी जा रही थी, तब उनकी मटकती हुई गांड देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. अब मुझे निशा भाभी की गांड मारनी थी.


कुछ देर में निशा भाभी नहा कर किचन में चली गईं. मैं बाथरूम में चला गया.


बाथरूम से नहा धो कर निकला और मैं सीधा किचन में आ गया.


उधर निशा भाभी रोटी बना रही थीं. मैंने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और उनके मम्मे दबा दिए.


निशा भाभी हंस कर बोलीं- लगता है जनाब का सुबह सुबह ही मूड बन गया है! मैं- मेरी जान तुम हो ही इतनी हॉट कि कभी भी, कहीं भी मैं तुम्हें चोद सकता हूँ.


निशा भाभी- पहले खाना खा लेते हैं जान … बाकी काम बाद में … ओके! मैं- तुम अपना काम करो, मुझे अपना काम करने दो.


निशा भाभी रोटी बनाने लगीं और मैं उनकी गर्दन पर किस करने लगा. उनके पेट पर हाथ घुमाने लगा. मैं उन्हें गर्म करने लगा.


धीरे धीरे हाथ भाभी की चूत पर ले गया और चूत सहलाने लगा. गर्दन पर किस करते करते ही मैंने निशा भाभी को अपनी तरफ घुमाया और स्मूच कर दी, जिसमें निशा भाभी मेरा पूरा साथ दे रही थीं. वो स्मूच इतनी वाइल्ड थी कि निशा भाभी भूल चुकी थीं कि वो खाना बना रही हैं और उनके हाथ में आटा लगा हुआ है.


स्मूच करते करते हम दोनों एक दूसरे की ज़ीभ भी चूस रहे थे. कभी मैं निशा भाभी की जीभ को अपने मुँह में ले लेता और कभी निशा भाभी मेरी जीभ को अपने मुँह में.


फिर मेरे दिमाग़ में आया कि क्यों ना अपनी लार आपस में अदला बदली की जाए. बस मैंने अपनी लार निशा भाभी के मुँह में छोड़ना शुरू कर दी और उन्होंने भी वैसा ही किया. उस स्मूच में हम दोनों ने काफी देर तक लार का आदान प्रदान किया.


स्मूच करते करते मेरा एक हाथ निशा भाभी के मम्मे मसलने लगा. तब पता नहीं निशा भाभी को क्या हुआ कि उन्होंने मुझे धक्का देकर अचानक से दूर कर दिया.


तो मैंने पूछा- क्या हुआ? भाभी कुछ बोली नहीं, बस फ्रिज में से आइसक्रीम निकाल कर ले आईं.


वो अपने मुँह में आइसक्रीम भरने लगीं और एक चम्मच आइसक्रीम मुँह में ले कर मुझे स्मूच करने लगीं.


भाभी आइसक्रीम अपने मुँह से मेरे मुँह में डालने लगीं. मैंने मना किया, जिससे वो आइसक्रीम का सारा रस हम दोनों के मुँह पर लग गया. हम दोनों एक दूसरे को पागलों की तरह चाटने लगे और स्मूच करने लगे.


इतनी कामोत्तेजित करने वाली स्मूच मैंने आज तक नहीं की थी. अब मेरा लंड खड़ा हो चुका था और उधर भी आग लग चुकी थी.


मैंने स्मूच करते करते निशा भाभी की कमीज निकाल दी. अन्दर भाभी ने ब्रा भी नहीं पहनी थी, जिससे भाभी के रसीले मम्मे मेरे सामने झूमने लगे थे. मैं भाभी के मम्मों पर भूखे शेर सा टूट पड़ा और काटने चूसने लगा.


निशा भाभी ने मुझे रोका और कहा- मम्मों पर आइसक्रीम लगा कर चूसो और मुझे मज़ा दो. मैं- जैसे मेरी रानी का मन.


मैंने उनके मम्मों पर आइसक्रीम लगाई और बारी बारी से दोनों मम्मे चूसने लगा. भाभी के मम्मे चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था और वे भी ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थीं- आह चूसो इनको … सारा रस निकाल दो इनका … अयाया आआअहह … निचोड़ लो इनको.


निशा भाभी की बातें सुन कर मैं और ज़ोर से चूसने लगा और मम्मों पर काट भी दिया, जिससे भाभी के मम्मों पर निशान बन गए.


काटने से उनको बहुत दर्द भी हुआ. मम्मे चूसते हुए मेरा एक हाथ भाभी की चूत पर था और उनका हाथ मेरे लंड पर. निशा भाभी मेरे लंड की सहला रही थीं और मैं उनकी चूत को.


निशा- चोद दो मुझे! मैं- मैंने तुमको मज़ा दिया न जान … अब तेरी बारी है.


हम दोनों किचन की फ्लोर पर लेट चुके थे तो निशा ने स्मूच शुरू कर दी और मेरी शर्ट निकाल दी. अब निशा भाभी ने आइसक्रीम उठाई और मेरे निप्पल पर लगा कर चूसने लगीं.


मेरे निपल्स पर मुझे ठंडी आइसक्रीम पर भाभी की गर्म जीभ का फेरना बहुत अच्छा लग रहा था. पर भाभी के काटने से दर्द भी हुआ तो गुस्से में मैंने निशा भाभी को नीचे कर दिया और उनके मम्मों पर काट काट कर निशान बना दिए.


मैंने भाभी के मम्मों को बहुत बुरी तरह चूसा और चमाट भी मारे जिससे निशा भाभी को बहुत दर्द हुआ. वे हंसती हुई कहने लगीं- अब पता चला, जब काटते हुए चूसा जाए, तो कैसा लगता है? मैं- तेरे मम्मे इतने बड़े हैं तो इनको तो चूसा ही जाएगा ना!


निशा- तो आराम से चूसो … प्यार करो ना … तुम तो काटने लगते हो! मैं- ओके मेरी जान, पर कभी कभी काटना भी पड़ता है. निशा- तो प्यार से, आराम से काटो!


अब हमारी फिर से स्मूच शुरू हुई. इस बार रोमाँटिक स्मूच थी; आराम से प्यार से, स्लो और मज़े ले कर.


अब निशा भाभी का हाथ मेरे लंड को ढूंढने लगा था. उन्होंने मेरे शॉर्ट्स को निकाल दिया और मैं पूरा नंगा हो गया था.


अब मैंने भी निशा को नंगी कर दिया.


मेरे लंड को देख कर निशा उस पर झपट पड़ीं और लंड से खेलने लगीं. वो जल्द ही घोड़ी बन गईं और मुझे नीचे लेटा दिया. वो लंड के टोपे को चूसने लगीं.


सच में मज़ा आ गया यार … जैसे निशा भाभी लंड चूसती हैं, वैसे कोई नहीं चूस सकती. लंड चूसते वक़्त सिर्फ़ आवाज़ ही आवाज़ आती थी.


मेरे लंड को उन्होंने गले तक उतार लिया था. जल्द ही हम दोनों 69 पोज़िशन में आ गए.


मैंने उनकी फ़ुद्दी पर आइसक्रीम लगा दी और चाटने लगा. भाभी ने भी मेरे लंड पर आइसक्रीम लगाई और चुसाई शुरू कर दी.


निशा भाभी बहुत ही बुरी तरह से लंड को चूसती हैं.


फिर भाभी ने मुझे सीधा किया और एक चॉकलेट लेकर मेरे लंड पर लगा दी. फिर वो लंड को चूसने लगीं.


अब किचन में भाभी के लंड चूसने की कामुक आवाजें और मेरी गर्म सिसकारियां ही गूंज रही थीं. वो पूरा लंड गले तक ले जातीं और जब भी लंड उनके गले से लगता, तो मेरी तो खुशी का ठिकाना ही नहीं रहता.


जब वो लंड चूस रही थीं, तब सिर्फ़ ‘ओह आह …’ ही कर रही थीं. च्प च्प की आवाज़ आ रही थी.


एक बार तो निशा भाभी ने लंड पूरा मुँह में ले लिया और मेरा हाथ पकड़ कर अपने सिर पर रख दिया. वो अपने सिर पर मेरे हाथ को दबाने लगीं. मैंने भी उनके सिर को ज़ोर से दबा दिया … जिससे कुछ सेकेंड के लिए मेरा पूरा लंड भाभी के गले में थम सा गया था.


अब बारी आ गई थी चुदाई की. मैंने अपने एक हाथ से भाभी की चूत को दबा कर मसला और उनकी चूत की दरार में अपनी उंगली पेलने लगा.


उनकी चूत पूरी तरह से भीगी हुई थी. यहां तक कि उनकी जांघें भी चूत के रस से भीग गई थीं. मैंने निशा भाभी को गोद में उठाया और स्मूच करते करते उन्हें किचन की पट्टी पर बिठा दिया.


मैंने उनकी टांगें खोलीं और अपना लंड उनकी फ़ुद्दी पर सैट करके धीरे धीरे अन्दर पेलने लगा. भाभी ने अपनी टांगों को खोला और मुझे ज़ोर से भींच लिया. उनके मुँह से कामुक सिसकारियां निकलने लगीं- आआ आआहह. भाभी की चूत इतनी गीली थी कि लंड आराम से अन्दर चला गया पर चूत में कसाट अभी भी बरकरार थी.


निशा भाभी ने अपनी टांगें मेरे चूतड़ों पर लपेट दीं और मुझे भींच लिया. आअहह …


जैसे ही लंड अन्दर गया तो भाभी बोलीं- आह जानू धीरे धीरे से करना! मैंने भाभी के होंठ चूसे और कहा- अब से सैंयां बोलेगी मुझे तू जानेमन!


भाभी बोलीं- आआह मेरे सैंयां … तुम ही सब कुछ मेरे … बस आराम से करना … आह सब कुछ तुम्हारा ही है. मैंने लंड को थोड़ा बाहर निकाला और आराम आराम से धक्के मारने लगा.


निशा भाभी की कामुक सिसकारियां चालू थीं- आआह आअहह … धीमे पेलो न जान आह … कितना मजा दे रहे हो!


मैं भाभी से बात भी करता जा रहा था और उनकी चुदाई भी कर रहा था- अब से रोज देगी ना फ़ुद्दी मुझे मारने के लिए … आईं आंह … बोल मेरी रांड! निशा- अया हां हां मेरे राजा … जितनी चाहे मार लेना … आह रगड़ दो आह.


इतना सुनते ही मैंने एक ज़ोर से स्ट्रोक मारा … भाभी की कराह निकल गई. निशा- अया एयेए आराम से! मैं- तेरी फ़ुद्दी बहुत ही चिकनी और गहरी है मेरी जान … साली पूरा अन्दर तक खा लेती है अयाया.


मैं खड़े खड़े धक्के लगाए जा रहा था और लंड फ़ुद्दी में रगड़ मारता जा रहा था. निशा- ऊव ऊवू आआह.


मैंने स्पीड बढ़ाई और करारे धक्के मारने लगा. निशा ने भी मुझे कस कर पकड़ लिया. ‘फॅक फॅक ठप ठप …’ की आवाज़ से किचन गूंजने लगा था.


कुछ देर बाद मैंने लंड फ़ुद्दी से बाहर निकाला और डाइनिंग टेबल की चेयर पर बैठ गया. अब मैंने हाथ आगे बढ़ाए और भाभी को अपनी तरफ खींच लिया.


मैं उन्हें लंड के लिए तड़पाना चाहता था.


वो मेरे झटके देने से सीधा आकर मेरी गोद में बैठ गईं- ऊँह … क्या करते हो यार … मैं एकदम से डर गई. भाभी मेरे होंठों को चूसने लगीं और मैंने उनके दोनों मम्मों को हाथ में भर कर दबाने लगा और आटे की तरह मसलने लगा.


दूध मसलते हुए और होंठ काटते हुए मैं भाभी को तड़फाने लगा. निशा का चेहरा एकदम लाल हो गया था. भाभी की आंखें बंद थीं.


फिर मैंने निशा भाभी को चेयर पर बिठा दिया और खुद नीचे बैठ कर उनकी फ़ुद्दी को चाटने लगा. भाभी ने मेरे बालों को कसके पकड़ लिया और सिसकारियां लेने लगीं- आह उफ्फ़ आआअहह! मैं- निशा मेरी जान … तेरी फ़ुद्दी कितनी खूबसूरत है!


मेरी बात सुन कर निशा भाभी मुस्करा कर बोलीं- तो जल्दी करो ना … मेरी फ़ुद्दी में अपना मस्त लंड डाल दो ना यार … अब मत तड़फाओ.


इतना सुनते ही मैंने निशा के एक दूध को मुँह में भर लिया और चूसने लगा.


तभी निशा भाभी ने हाथ आगे किया और मेरे लंड को पकड़ लिया. उन्होंने मुझे खड़ा कर दिया और लंड की खाल को पूरा पीछे कर दिया. लंड का सुर्ख लाल हो चुका सुपारा सामने आ गया.


भाभी की आंखों में वासना के डोरे गहरे हो गए और उन्होंने चीते की सी फुर्ती दिखाते हुए मेरे लंड को अपने मुँह में भर लिया. मैं मुस्कुरा दिया.


निशा भाभी ने लंड चूसते हुए आखों के इशारे से पूछने लगीं कि क्या हुआ? मैं- पहले तो मुँह में लंड ले ही नहीं रही थीं और अब मुँह से बाहर ही नहीं निकाल रही हो लंड को. इतना क्या पसंद आ गया तुझे मेरी रंडी!


निशा भाभी ने कोई जवाब दिया. उन्होंने बस लंड को बहुत ही मस्त चूसा और गीला करके छोड़ दिया. फिर भाभी ने मेरी आंखों में देखते हुए पूछा- चूसना कैसा लगा? मैं- माइंड ब्लोइंग … तुम तो सच में जबरदस्त चुसक्कड़ हो जान!


अब हम दोनों फेस टू फेस खड़े थे तो भाभी ने लंड को पकड़ा और अपनी फ़ुद्दी पर सैट करने लगीं. मैं अभी भाभी को और तड़पाना चाहता था.


मैं नीचे बैठ गया और भाभी की फ़ुद्दी पर भूखे भेड़िए की तरह टूट पड़ा. मैंने उनकी टांगें फैला दीं और उनकी रस टपकाती फ़ुद्दी को मुँह में भर कर ज़ोर ज़ोर से चूसने लगा.


भाभी अपनी गांड हिला कर अपनी फ़ुद्दी को मेरे मुँह पर रगड़ने लगीं और हूँ हूँ की आवाज निकालने लगीं. फ़ुद्दी जब चूस चूस कर एकदम लाल हो गई तो उनको फ्लोर पर उल्टा कर दिया और घोड़ी बना दिया.


मैंने चूत के भाभी की गांड के छेद को भी थोड़ा चाटा और लंड को चूत में सैट कर दिया. अभी भाभी संभल भी नहीं पाई थीं और मैं तेजी से धक्के मारने लगा.


निशा- आ आ ऊवू … क्या कर दिया … आह. मैं- मज़ा आया मेरी जान.


निशा- हाआं मेरे सैंयां … बहुत अच्छा लग रहा है … और रगड़ कर पेलो आह. किचन में ठप ठप की आवाज़ आ रही थीं और थोड़ी देर चोदने की बाद भाभी को मिशनरी पोजीशन में चोदने लगा.


निशा भाभी अब झड़ने वाली थीं. उन्होंने अपनी टांगें मेरी कमर पर लपेट लीं और झड़ गईं. लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था तो मैं उन्हें अभी भी पेले जा रहा था.


निशा भाभी मुझे बोल रही थीं- आह रुको … थोड़ा इंतजार करो. लेकिन मैं फुल स्पीड में चोद रहा था क्योंकि अब और भी मज़ा आने लगा था क्योंकि निशा के झड़ने से और चिकनाहट हो गई थी और लंड मस्त अन्दर बाहर हो रहा था.


चुदाई की आवाजें अब और भी मस्त हो गई थीं ‘फॅक फॅक … फ़च फ़च …’


अब मैं इतनी ज़ोर से चोद रहा था कि निशा भाभी की फ़ुद्दी ही फाड़ देने जैसा मूड बन गया था.


अब मैं झड़ने वाला था- तेरी चूत में पानी निकाल दूँ? निशा- हां भर दो मेरी चूत को!


अब मैंने स्पीड बढ़ा दी और निशा भाभी ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगीं क्योंकि उन्हें अब मजा के साथ साथ दर्द भी होने लगा था.


वो मज़े भी ले रही थीं और मस्त होकर बोल भी रही थीं- अयाया आहह अयाया … चोद दे मुझे आह फाड़ दे मेरी फ़ुद्दी … आह मैं तेरी ही रांड हूँ आह मेरी चूत तेरी गुलाम है आह!


जब मैं झड़ गया और मैंने सारा माल भाभी की फ़ुद्दी में ही निकाल दिया. तो निशा भाभी भी मुझे सहलाती हुई हांफने लगीं और आह आह की आवाज निकालने लगीं.


कुछ देर बाद हम दोनों उठे. लंड और फ़ुद्दी को साफ किया और खाना बनाने आ गए. हम दोनों नंगे ही खाने बना रहे थे.


साथ ही हम दोनों एक दूसरे के साथ खेल भी रहे थे. जैसे स्मूच कर रहे थे और एक दूसरे की बॉडी को टच करते हुए मस्ती कर रहे थे.


कुछ देर बाद खाना रेडी हो गया और हम दोनों खाने का सामान डाइनिंग टेबल पर लेकर आ गए.


मैंने निशा भाभी को अपनी गोद में बिठा कर खाना खिलाया.


मुझे अब निशा भाभी की गांड मारनी थी, तो मैंने भाभी से कहा- जान, मुझे तेरी गांड मारनी है. भाभी ने एकदम से मना कर दिया.


निशा- नहीं रे बाबा, मैंने अभी तक अपने पति से भी गांड नहीं मरवाई. मैं- तभी तो बोल रहा हूँ कि बहुत मज़ा आता है.


दोस्तो, भाभी को किस तरह से गांड चुदाई के लिए मनाया और कैसे उनकी गांड मारी, वो सब मैं हॉट इंडियन भाभी चुदाई कहानी के अगले हिस्से में लिखूँगा. आप कमेंट्स करके बताएं कि आपको कैसा लगा.


हॉट इंडियन भाभी चुदाई कहानी का अगला भाग:


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