पड़ोसन कश्मीरी भाभी की चूत चुदाई- 2

आतिश खोखर

10-11-2023

31,130

कश्मीरी भाभी की चुदाई कहानी में मैंने अपने पड़ोस में रहने वाली एक जन्नत की हूर जैसी गोरी चिकनी भाभी को चोदा. वह रोज मेरी मम्मी के पास आती थी पर वह मुझे देखा करती थी.


दोस्तो, मैं आपको अपने पड़ोस में रहने वाली हानिया भाभी की चुदाई की कहानी सुना रहा था. कहानी के पहले भाग मेरे लंड को मिली पहली चूत में अब तक आपने पढ़ा था कि हानिया मेरे साथ चुदने के लिए मचल उठी थीं और कमरे में चलने के लिए कहने लगी थीं. मैं उन्हें अपनी गोद में उठाकर कमरे में ले आया और उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया.


अब आगे कश्मीरी भाभी की चुदाई कहानी:


भाभी के साथ लेटने से पहले मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी. अब मैं बेड पर चढ़ गया और उनकी ब्रा खोलने लगा. ब्रा खुलते ही भाभी के 36 इंच के बूब्स मेरे सामने नंगे हो गए.


वाह … क्या मस्त नज़ारा था. मेरे मन में आया कि काश यह वक़्त यहीं रुक जाए और बस मैं उन्हें यूं ही देखता रहूँ.


हानिया भाभी ने मुझे अपनी चूचियों पर खींचा तो मैंने उनके एक दूध को मुँह में ले लिया और दूसरे को हाथ से दबाने लगा.


वे ‘उउ उम्म्म्म आह…’ करके आवाज़ निकालने लगीं. भाभी की गर्मागर्म सांसें भी निकलने लगीं.


उन्होंने मुझे चुम्बन करना शुरू कर दिया. साथ में वे अपने कोमल हाथों से मेरे बालों में हाथ घुमाने लगीं.


मैंने बारी बारी से भाभी के दोनों मम्मों को दस मिनट तक चूसा और उन्हें चूस चूस कर लाल कर दिया.


अब मेरा एक हाथ भाभी की चूत पर चला गया और उनकी गीली पैंटी में उनकी चूत का गर्म पानी मेरा हाथ पर महसूस हुआ. मैं समझ गया कि भाभी बहुत तड़प रही हैं और उनकी चूत पूरी की पूरी गीली हो गई है.


मैंने भाभी की पैंटी को उंगलियों से साइड में किया और एक उंगली उनकी गीली चूत में घुसा दी. भाभी ‘आआआह उम्म …’ करके आवाज़ निकालने लगीं.


मुझे भी ऐसा लगा, जैसे मैंने किसी गर्म भट्टी में उंगली दे दी हो. सच में क्या मस्त गीली चूत थी उनकी!


भाभी अब मेरी पैंट खोलने में लग गईं और जल्द ही उन्होंने पैंट का बटन खोल दिया. मैंने भी झट से अपनी पैंट उतार दी.


अब चड्डी में मेरा खड़ा लंड भाभी को मदहोश कर रहा था. उन्होंने अपने हाथ को मेरे अंडरवियर में डाला और मेरा तना हुआ लंड अपने हाथ में लेकर उसे आगे पीछे करने लगीं.


मुझे भी मज़ा आने लगा. किसी लड़की का हाथ आज पहली बार मुझे मेरे लंड पर होने के कारण मेरे मुँह से कामुक आहें निकलने लगी थीं.


मैं उन्हें किस करता रहा और साथ में उनके बूब्स चूसता और मसलता रहा. कश्मीरी भाभी मेरे लंड को सहलाती रहीं.


फिर मैंने भाभी को धक्का देकर लेटा दिया और उनकी पैंटी उतार दी.


पैंटी उतरते ही भाभी की शेव की हुई चूत मेरे सामने आ गई जो मेरे उंगली करने से गीली हो चुकी थी.


मैंने उनकी जांघों को चूमना शुरू किया और उनकी चूत की तरफ बढ़ता गया.


मैंने उनकी चूत की खुशबू ली तो भाभी भी मस्त हो गईं.


पहले मैंने अपनी हाथ की दो उंगलियों से भाभी की चूत को खोल कर देखा तो उनकी चूत अन्दर से बिल्कुल गुलाबी रंग की थी. उनका छेद काफ़ी टाइट लगा जिससे मुझे पता चल गया कि वे बहुत प्यासी हैं.


मैंने अपनी ज़ुबान से भाभी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.


वे इतने दिनों बाद अपनी चूत पर किसी मर्द की जीभ का अहसास पाते ही मचल उठीं और भाभी का बुरा हाल हो गया था.


भाभी फड़फड़ाने लगीं और मादक आवाजें निकालने लगीं. साथ में मुझसे बोलने लगीं- राजा, इसकी प्यास बुझा दो … यह बहुत प्यासी है.


मैं भाभी की चूत चाट रहा था और साथ में ही एक उंगली भी उनकी चूत में करने लगा था. जिससे भाभी मदहोश होने लगीं और मादक आवाज़ में कहने लगीं- आआह उम्म्म्म … ऐसे ही चूसते रहो … हम्म बड़ा मजा आ रहा है.


कोई दस मिनट तक उनकी चूत चाटने के बाद भाभी अकड़ने लगीं और उनकी चूत ने पानी छोड़ दिया. उनकी चूत से काफ़ी ज्यादा पानी निकला. मैंने अपनी ज़ुबान से उनकी चूत को चाट चाट कर एकदम साफ कर दी.


फिर भाभी उठीं और वे मेरे ऊपर आ गईं. उन्होंने मेरे अंडरवियर को उतार कर मेरे लंड को पकड़ लिया.


मेरे लंड पकड़ कर उन्होंने उसे ऊपर से नीचे तक देखा और अपनी ज़ुबान से चूसना और चाटना शुरू कर दिया.


उनकी गर्म जीभ मेरे लंड से स्पर्श होते ही मेरे अन्दर एक करेंट सा लगा और मैं मदहोश हो गया. ऐसा लगा जैसे मैंने किसी गर्म भट्टी में अपना लंड दे दिया हो.


मेरी कामुक आवाज निकलने लगी- आआह भाभी … आह हह … ह्म्म्म्म!


कुछ मिनट तक मेरा लंड चूसने के बाद भाभी बोलीं- अब मेरे से बर्दाश्त नहीं होता, तुम जल्दी से मेरी चूत की आग शांत कर दो.


वे इतना कह कर चूत खोल कर चित लेट गईं और मुझसे बोलने लगीं- आतिश, अब मुझे चोद दो, अब बर्दाश्त नहीं होता. मेरी चूत में अपने मूसल जैसे लंड को पेल दो और चूत की प्यास बुझा दो.


मैंने भी उन्हें तड़फती देखा तो उन्हें चोदना ही ठीक समझा.


मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और मैं भाभी की दोनों टांगों को खोल कर उनकी चूत पर अपना सात इंच लंबा व तीन इंच मोटा लंड घिसने लगा. इससे भाभी और गर्म होने लगीं और उनकी चूत पानी छोड़ने लगी.


मैंने उनकी चूत की फांकों में लंड को फंसाया और एक तेज झटका दे मारा. मेरा मोटा लंड भाभी की चूत में फंस गया और भाभी की मां चुद गई- आआह ह्म्म्म मर गयी … आराम से चोद आतिश … मैं काफ़ी दिनों बाद चुद रही हूँ.


मैंने उनकी चिल्लपौं को नजरअंदाज करते हुए एक और झटका दे मारा. मेरा पूरा का पूरा लंड उनकी चूत में घुसता चला गया.


भाभी मेरे इस झटके के लिया तैयार नहीं थीं इसलिए झटके लगने के साथ ही भाभी की और तेज आवाज़ निकल गयी. साथ ही उनकी आंख से पानी भी निकल गया.


‘उई मां मर गयी आह … आराम से करो आतिश … बहुत दर्द हो रहा है.’ जब भाभी ज़ोर से चिल्लाईं तो मैंने उनके होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और उन्हें किस करने लगा. साथ में मैं उनके बूब्स दबाने लगा.


भाभी थोड़ी शांत होने लगीं.


मैं लंड अन्दर रख कर उनके सामान्य होने का इंतजार करने लगा. जैसे ही भाभी थोड़ी शांत हुईं, मैंने अपनी कमर को हिलाना शुरू कर दिया और हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए.


मेरा लंड कश्मीरी भाभी की गीली और टाइट चूत में घपाघप गपागप चलने लगा. हानिया भाभी की मादक आवाजें निकलने लगीं.


उनके साथ ही मेरी भी आवाजें निकलने लगीं- आआह भाभी, क्या मस्त चूत है आपकी … उम्म्म. ऐसी चूत को आज तक कहां छिपा कर रखा था आपने … आप मुझे कब से तड़पा रही थीं.


उन्होंने धीमी आवाज़ में कहा- आह मेरे लाड़ले देवर … मैं तो कब से आपसे चुदवाना चाहती थी, लेकिन आप कोई मौका ही नहीं दे रहे थे … ह्म्म्म्म … आज भी मैं सिर्फ़ आपके लिए ही घर पर आई थी. मुझे पता था कि आपके घर पर कोई नहीं है, इसलिए मैं इतने गहरे गले वाला सूट पहन कर आई थी ताकि आपको अपने दूध दिखा कर खुश कर सकूँ.


मैंने भी अब अपनी स्पीड बढ़ा दी और तेज तेज झटके मारने लगा.


मैं बोला- आपने मुझे उसी वक़्त यह बताया क्यों नहीं? उन्होंने कहा- मैं बताने ही वाली थी लेकिन जब आपका तना हुआ लंड देखा … तो समझ गयी कि आप खुद मुझे चोदने के लिए तैयार हो! मैंने बोला- उस वक्त यदि आप मुझे कोई सिग्नल दे देतीं तो मैं आपको वहीं चोद देता.


कश्मीरी भाभी मादक आवाजें निकालने लगीं- उफ उफ़ … हमम्म्म देवर जी और ज़ोर से चोदो मुझे … फाड़ दो मेरी चूत को … बहुत तड़फाती है यह! मैंने तेज तेज झटके लगाना शुरू कर दिया और पूरा लंड अन्दर बाहर करने लगा.


इसी बीच भाभी अकड़ने लगीं और उनकी चूत टाइट होने लगी.


कुछ ज़ोरदार झटकों के साथ उनकी चूत ने रस छोड़ दिया. भाभी तड़पने लगीं और ज़ोर ज़ोर से बकने लगीं ‘आह देवर जी मेरा निकल गया.’


मैं मादक आवाज़ में बोला- भाभी, मेरी जान मेरा भी होने वाला है, उम्म्म उफ़फ्फ़.


और मैं तेज तेज झटके लगाने लगा. मेरा भी पहली बार था तो उनकी चूत का गर्म पानी निकला और उन्हीं के साथ मेरा पानी भी उनकी चूत में निकल गया.


हम दोनों लगभग एक साथ में झड़ गए थे. हमारी की सांसें तेज तेज चलने लगी थीं और मैं भाभी के ऊपर ही गिर गया.


मेरी पहली चुदाई इतनी मस्त होगी, यह मैंने कभी सोचा ही नहीं था.


मैं भाभी का साथ चिपक गया और उनको किस करने लगा.


भाभी भी मुझे किस करने लगीं ओर कहने लगीं- तुम्हारे लंड से अपनी चूत चुदवाने में बहुत मज़ा आया आतिश!


मैंने भी कहा- भाभी, मुझे भी आपकी चुदाई करके बहुत मज़ा आया. इतना मज़ा मैंने आज तक नहीं किया.


फिर मैं भाभी की चूत से लंड निकाल का उनके बाजू में लेट गया.


हम दोनों ने कुछ नॉर्मल बात की और एक दूसरे को किस करने लगे.


मैं भाभी के मादक जिस्म पर फिर से हाथ फेरने लगा. इससे हम दोनों वापस गर्म होने लगे.


फिर मैंने भाभी को लंड चूसने का लिए कहा. तो वे मेरे लंड के पास बैठ गईं और लंड को मुँह में लेकर घपाघप चूसने लगीं.


मेरी आंखें मस्ती में बंद हो गईं और मैं उनकी गांड व मम्मों पर हाथ फेरने लगा. भाभी जी के चूसने से मेरा लंड कुछ ही मिनट में फिर से खड़ा हो गया और हम दोनों जल्दी गर्म हो गए.


अब मैंने भाभी को अपने लंड पर बैठने का इशारा किया. हानिया भाभी अपनी चूत में लंड सैट करके बैठ गईं और लंड को अपनी चूत में लेने लगीं.


मेरी आवाज़ निकल गयी- ओह भाभी … कितनी संकरी चूत है आपकी … सच में बहुत मज़ा आ रहा है.


कुछ ही झटकों में मेरा पूरा लंड उनकी चूत में चला गया और भाभी मस्ती में मेरे लौड़े पर गांड उछालने लगीं. मेरे सामने उनकी उछलती हुई चूचियां बहुत ही मस्त लग रही थीं.


मैंने उनके उछलते हुए दूध पकड़े और उन्हें दोनों हाथों से आटे की तरह मसलने लगा.


भाभी मस्त होकर अपनी चूत चुदवाने का मजा लेने लगीं और अपनी गांड उठा उठा कर कूदने लगीं.


कुछ ही मिनट तक भाभी ने मेरे लंड की सवारी की और वे थक गईं. मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में आने को बोला.


वे जल्दी से कुतिया बन गईं. मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड घुसा दिया और कुत्ते की तरह उन्हें चोदने लगा.


मैं भाभी की कमर पकड़ कर उन्हें ज़ोर ज़ोर से पेलने लगा था जिससे मेरा लंड अब उनकी बच्चेदानी में लग रहा था.


हर धक्का मैं पूरे ज़ोर से मार रहा था और उनकी चूत काफ़ी गीली थी. इस वजह से लंड सटाक से उनकी बच्चेदानी से जाकर टकरा रहा था.


अब भाभी की चूत मेरे लंड का हिसाब से खुल चुकी थी. हानिया को भी लौड़े को अन्दर तक लेने में बहुत मज़ा आ रहा था. वे भी अपनी गांड हिला हिला कर पूरा साथ दे रही थीं- आह मर गई आह साले आतिश कितनी अन्दर तक लौड़े को पेल रहा है … उम्म्मम उफ्फ़ आराम से चोद ना!


भाभी की कामुक आवाज़ निकल रही थी.


पूरे कमरे में हम दोनों की चुदाई की मादक आवाज़ ‘छप छप फट फट.’ भर गई थी.


इस बार का दौर कोई 20 मिनट तक चला और मैं भाभी की चूत में ही खाली हो गया.


मेरे साथ भाभी की चूत ने भी पानी छोड़ दिया. हम दोनों की सांसें तेज तेज चलने लगी थीं.


भाभी झड़ कर ढह गईं और वे नीचे लेट गईं. मैं भी झड़ कर उनके ऊपर ही निढाल हो गया.


कुछ देर बाद मेरा लंड अपने आप भाभी की चूत में से बाहर आ गया और मैं उनके साइड में लेट गया.


फिर हानिया भाभी ने बताया कि उन्हें इससे ज्यादा मज़ा आज से पहले कभी नहीं आया.


मेरा तो फर्स्ट टाइम था, भला मुझे मज़ा कैसे नहीं आता.


हम दोनों बिस्तर पर चित लेट गए और बाद में एक दूसरे की बांहों में बांहें डाल कर सो गए.


चुदाई की थकान ने हम दोनों को गहरी नींद में सुला दिया.


सुबह 5 बजे मेरी आंख खुली और मैंने देखा कि हम दोनों एक दूसरे के साथ ऐसे चिपके थे, जैसे चंदन के पेड़ पर कोई सांप लिपटा हो.


हानिया को नंगी हालत में देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. मैंने भाभी की चूत में लंड घुसा दिया और उनको चोदने लगा.


लंड अन्दर गया तो भाभी भी जाग गईं और मेरा साथ देने लगीं.


हमारा सुबह वाला दौर कोई 30 मिनट तक चला. इसी बीच कश्मीरी भाभी दो बार झड़ गई थीं. फिर मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया.


चुदाई के बाद हम दोनों उठे और साथ में वॉशरूम में आ गए, वहां एक दूसरे को साफ किया और नहा कर बाहर आ गए. हानिया भाभी ने अपनी मैक्सी पहनी और वे चाय बनाने चली गईं.


मैं अपने कपड़े पहन कर बाहर लॉबी में बैठ गया और भाभी चाय लेकर आ गईं.


हम दोनों ने साथ में चाय पी और मैं भाभी को हग व किस करके अपने घर चला गया.


जाते समय भाभी ने रात को फिर से आने की बात कही. मैंने उनकी हां में हां मिला दी और अपने घर चला गया.


उस दिन का बाद मेरा और हानिया भाभी का रिश्ता एक अलग रिश्ता बन गया था. जब भी हमारा मूड होता, हम दोनों चुदाई कर लेते. कभी उनके घर, कभी मेरे घर.


कुछ दिन बाद मैंने हानिया भाभी की गांड भी मारी. वह सेक्स कहानी मैं फिर कभी लिखूँगा.


मेरी यह कश्मीरी भाभी की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी, मुझे जरूर बताएं. [email protected]


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