गांव वाली भाभी को पटा कर चोदा

अभय कुमार 7

05-03-2024

14,850

न्यू भाभी Xxx कहानी में मैंने अपने फुफेरे भाई की सेक्सी बीवी को पटाकर चोद दिया. एक बार तो मैंने उन्हें फोन पर चुदाई के लिए कह दिया था. लेकिन वे नाराज हो गयी थी.


दोस्तो, मेरा नाम अभय है. मैं एक छोटे से गांव से हूँ.


मेरी ये नई सेक्स कहानी मेरी बुआ की बहू यानि कि मेरी भाभी की चुदाई की है कि कैसे मैंने भाभी को पटा कर उनको चोद दिया. बुआ के बेटे की शादी कुछ महीने पहले ही हुई थी.


ये न्यू भाभी Xxx कहानी आज से एक महीना पहले की है.


मैं भाभी के पीछे कई दिनों से लगा हुआ था. मैं उनको पटाने के लिए हर कोशिश कर रहा था पर मुझे अब तक सफलता नहीं मिली थी.


हमेशा से ही मैं और भाभी फोन पर बातें करते थे. मैं उनसे बहुत मजाक भी किया करता था.


एक दिन मैंने मजाक में ही भाभी से बोल दिया कि भाभी जी मैं आपके साथ सेक्स करना चाहता हूँ.


भाभी बोलीं- भैया, यह आप क्या बोल रहे हैं. नहीं, ये नहीं हो सकता है. बस यह कह कर भाभी ने फोन रख दिया.


फिर दूसरे दिन मैंने उनको कॉल किया. तो भाभी ने फोन काट दिया.


मैंने फिर से लगाया. तब कहीं जाकर दो तीन बार में भाभी ने फोन उठाया.


मैंने कहा- सॉरी भाभी, मैं बहक गया था. मुझे माफ़ कर दीजिए! भाभी बोलीं- ओके ठीक है, कोई बात नहीं.


मैं फिर से बोला- एक बात बोलूँ भाभी … आप बुरा तो नहीं मानेंगी? तो भाभी बोलीं- हां बोलिए!


मैं बोला- भाभी आपको देख कर किसी का भी मन डोल जाएगा क्योंकि आप बहुत सुन्दर हैं. इस पर भाभी हंस कर बोलीं- मन डोल जाएगा, इसका क्या मतलब है?


मैं बोला- छोड़िए भाभी जी. आप बुरा मान जाएंगी! भाभी बोलीं- आप बताइए ना. मैं बुरा नहीं मानूँगी.


मैं बोला- मन डोल जाएगा से मतलब है कि किसी का भी आपको चोदने का मन करने लगेगा. भाभी हंसती हुई बोलीं- किसी की हिम्मत ही नहीं होगी कि वह मुझे चोद सके … सिवाए आपके भैया के!


उनके मुँह से चोद सके शब्द सुनकर मैं कुछ खुल गया और बेधड़क बोला- एक में हिम्मत है. भाभी बोलीं- किस में हिम्मत है?


उनकी इस बात पर मैं बोला- मेरे में हिम्मत है, आप चाहें तो आजमा कर देख सकती हैं. भाभी बोलीं- ऐसा हो ही नहीं सकता कि आप में मुझे छूने की भी हिम्मत आ जाए.


तो मैं बोला- आप बाजी लगा कर देख लो. अगर मैं हार गया तो आप जो बोलोगी, मैं वह करूंगा … और अगर आप हार गईं तो मैं आपको जो बोलूंगा … वह आपको करना होगा. कुछ देर सोचने के बाद भाभी बोलीं- ठीक है.


फिर मैंने फोन काट दिया.


अब मैंने अपनी बुआ से उनके फोन पर बात की. तब बुआ बोलीं- मैं और तुम्हारे फूफा, व भैया कोलकाता जा रहे हैं, तुम यहां पर आते जाते रहना.


यह सुनकर तो मेरी बाँछें खिल गईं … साली लॉटरी ही लग गई. मैं बोला- ठीक है.


उन सबके चले जाने के दो तीन दिन के बाद मैं भाभी के घर गया तो भाभी ने मुझे बड़े सम्मान के साथ बिठाया और मेरे लिए नाश्ता लगा लाईं.


नाश्ते की प्लेट रख कर भाभी बोलीं- मैं बस अभी आई. चाय ला रही हूँ.


कुछ देर के बाद चाय भी आ गई. उसके बाद भाभी किचन में चली गईं और खाना आदि बनाने लगीं.


मैं धीरे से उठा और मैंने मुख्य दरवाजा लॉक कर दिया. फिर आकर बैठ गया और भाभी से बातें करने लगा.


भाभी भी मुझसे हंस हंस कर बातें कर रही थीं और अपने काम में मशगूल हो गई थीं. मैं धीरे से उठ गया और भाभी के पीछे जाकर उनको कस कर पकड़ लिया और उनकी चूचियों को पकड़ कर मसल दिया.


इस पर भाभी अचानक से डर गईं और बोलीं- ये क्या कर रहे हो … छोड़ो मुझे … ये गलत है! लेकिन मैंने उन्हें नहीं छोड़ा और भाभी के पीछे से ही उनकी गांड में उंगली को घुसा दिया.


मैंने उनकी साड़ी के ऊपर से ही उंगली की थी. इस पर भाभी आगे की तरफ को हो गईं तो मैंने झट से आगे होकर उनको फिर से पकड़ लिया. इस बार मैंने उनको अपनी तरफ घुमाया और अपने सामने करके उनकी चूचियों को दबाने लगा.


भाभी इधर उधर हटने लगीं तो मैंने उनको किचन की दीवार से सटा कर उनकी साड़ी के पल्लू को नीचे गिरा दिया.


अब मैं भाभी के ब्लाउज को खोलने लगा, तो भाभी बोलने लगीं- आप गलत कर रहे हो. ये सारी बातें सबके आने के बाद उनको बता दूंगी. मैंने कहा- आप नहीं बता पाएंगी. वे बोलीं- क्यों?


मैंने कहा- आप मुझसे खुश हो जाएंगी, इसलिए नहीं बताएंगी. वे बोलीं- नहीं तुम मुझे खुश नहीं कर सकते!


मगर मैं अब कहां रुकने वाला था … मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया तो देखा कि भाभी ने अन्दर चोली नहीं पहनी थी. मैं उनकी दूधिया चूचियां देख कर उन्हें चूमने और चूसने लगा.


भाभी कसमसाने लगीं.


कुछ ही देर में मैंने उनकी साड़ी को पूरा खोल दिया. अब भाभी सिर्फ पेटीकोट में ही थीं.


अब मैं उनकी दोनों चूचियों को खूब मसलने लगा और बारी बारी से अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.


वे भी अपनी चूचियों को चुसवाने का मजा लेने लगी थीं. मैंने भाभी को दीवार से सटा दिया और उनके पेटीकोट के नाड़े को ढीला करके खोल दिया.


उनका पेटीकोट सरसराता हुआ जमीन पर गिर गया. वे मुझे अब रोक नहीं रही थीं और न ही कुछ सहयोग कर रही थीं.


कुछ देर के बाद मैंने उनकी पैन्टी की इलास्टिक में उंगलियां फँसाते हुए उसको भी नीचे सरका कर उतार दिया.


वह एकदम नंगी हो गई. अब मैंने अपने पैंट की जिप को खोला और अपना लंड भाभी की चूत में थोड़ा सा घुसेड़ दिया.


फिर जैसे ही मैंने लौड़े को अन्दर पेलने के लिए जोर लगाया तो भाभी चिल्लाने लगीं. मैंने अपने एक हाथ से भाभी के मुँह को दबा दिया.


उसके बाद भाभी दर्द के कारण इधर उधर हाथ पैर पटकती हुई छटपटाने लगीं और उनकी आंखों से आंसू बहने लगे.


मैंने उसी समय एक और तेज झटका दे मारा तो लंड ने भाभी की हालत खराब कर दी. वे कुछ ज्यादा ही छटपटाने लगीं. तो मैं सोच में पड़ गया कि ऐसे क्यों छटपटा रही है. क्या भैया का लंड किसी काम का नहीं है.


लेकिन मैंने उस वक्त अपनी सोच को एक तरफ रखा और पूरी ताकत लगाते हुए जोर जोर से अपना लंड भाभी की चूत में तेजी से अन्दर बाहर करने लगा.


थोड़ी देर तक भाभी को यूं ही धकापेल चोदने के बाद मैंने अपना हाथ भाभी के मुँह से हटा लिया और उनको खूब जोर जोर से चोदने लगा.


अब तक भाभी संभल चुकी थीं, भाभी भी अपनी कमर चलाती हुई मेरे लंड से मजा लेने लगीं. काफी देर तक चोदने के बाद मैं भाभी से बोला कि मेरे लंड का माल गिरने वाला है.


भाभी कुछ नहीं बोलीं. तो मैं और तेजी से भाभी को पेलने लगा.


फिर मैंने उनसे बिना कुछ बोले ही उनकी चूत में अपने लंड का सारा माल गिरा दिया. उन्हें चोदने के बाद मैं भाभी के बगल में खड़ा हो गया.


भाभी वहां से सीधे बाथरूम में चली गईं और अपनी चूत को साफ करने लगीं.


इधर मैंने अपनी पैंट उठाई और उसकी जेब से एक सेक्स की गोली निकाल कर खा ली और बाथरूम में भाभी के पीछे जाकर खड़ा हो गया.


भाभी अपनी चूत साफ करके जैसे ही मुड़ीं कि वे मुझसे टकरा गईं. वे हंस कर बोलीं- अब क्या है? अब तो अपनी सारी मर्जी पूरी कर ली … अब क्या चाहिए आपको?


मैं बोला कि भाभी आपने कुछ दिन पहले मुझसे बाजी लगाई थी कि जो जीतेगा, वह जो बोलेगा वो हारने वाले को करना होगा. भाभी मेरी तरफ देखने लगीं और मुस्कुराने लगीं.


मैं बोला- मैं जीत गया और भाभी अब मुझे मेरे मन का करने दो.


अब तक मेरा लंड पूरा टाइट हो चुका था.


भाभी ने भी देखा, तो वे बोलीं- अब आप जाओ. पर मैंने भाभी को अपने गले से लगा लिया.


भाभी हंस कर बोलीं- अब रहने दो, फिर कभी मेरा मन करेगा तो मैं आपको बुला लूंगी. लेकिन दोस्तो मैंने गोली खा ली थी, तो मैं कहां जाता.


मैंने भाभी को गोद में उठा लिया और उनको उनके बिस्तर पर ले जाकर लेटा दिया और भाभी के ऊपर चढ़ गया. मैंने फटाफट से अपना लंड भाभी की चूत में घुसेड़ दिया.


वे कुछ कहतीं या कुछ करतीं, तब तक तो मैं उनको जोर जोर से पेलने लगा था. भाभी ने भी कुछ नहीं कहा.


वे वैसे ही लेटी रहीं और मैं उनको ताबड़तोड़ चोदने लगा. इस बार मैंने गोली खाई हुई थी और एक बार झड़ भी चुका था तो लौड़े को कुछ फर्क पड़ने वाला ही नहीं था.


भाभी को चोदते चोदते करीब करीब आधा घंटा हो चुका था.


फिर मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में खड़ा किया और उनकी गांड में थोड़ा सा थूक लगा कर अपना लंड उनकी गांड में घुसेड़ दिया. दोस्तो, भाभी की गांड एकदम टाइट थी.


शायद भाभी ने कभी गांड नहीं मरवाई थी.


वे बकरी की तरह मिमिया रही थीं और मैं उनके मुँह पर अपने हाथ का ढक्कन लगाए हुए उन्हें दबादब चोदने में लगा था. कुछ देर तक मैंने भाभी की गांड मारी, फिर उनको सीधा लेटा दिया.


मैंने फिर से भाभी की चूत में अपना लंड घुसेड़ा और उन्हें चोदने लगा. कुछ देर बाद मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया और भाभी के बगल में लेट गया.


मैं भाभी की चूची को चूस रहा था और भाभी केवल मेरी तरफ देखे जा रही थीं. वे हंस रही थीं.


मैंने पूछा- अब भी कहोगी? न्यू भाभी Xxx मुझे चूम कर बोलीं- नहीं मेरे प्यारे देवर जी. अब तो बस आपके लंड से ही चुदूँगी. मैं खुश हो गया.


दोस्तो, उसके बाद मैं अपने कपड़े पहनने लगा. तो भाभी बोलीं- आज रात को यहीं आ जाना. मैं इंतजार करूंगी.


मैं उन्हें चूम कर अपने घर आ गया. रात को भी जाकर भाभी की आगे पीछे की दोनों तरफ से बार बार ली.


और जब तक उनके घर के लोग वापस नहीं आ गए, तब तक रोज रात भाभी की चुदाई का मजा लिया.


उस दिन के बाद से उनके घर में जब कोई नहीं होता है, तब भाभी खुद ही फोन करके मुझे बुला लेती हैं. मैं भी झट से चला जाता हूं और भाभी को चोद कर वापस आ जाता हूँ.


भाभी ने आज तक ये सारी बातें किसी से नहीं बताई हैं. यह राज हमारे ही बीच में ही है.


इसी लिए मैंने उनका नाम इस सेक्स कहानी में नहीं लिखा है. आपको मेरी न्यू भाभी Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं. [email protected]


मेरी पिछली कहानी थी: पड़ोस की कुंवारी लड़की


Bhabhi Sex

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ