चिकनी चाची की रसभरी चुदाई

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13-06-2023

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चाची भतीजा चुदाई कहानी में पढ़ें कि कैसे मेरे दोस्त ने मुझे चाची की चुदाई के बारे में बताया. तो मैं भी अपनी चाची के साथ सेक्स करने की सोचने लगा. मैं चाची के जिस्म को छूने की कोशिश करने लगा.


दोस्तो, मेरा नाम बबलू है, मेरी हाईट पाँच फुट सात इंच की है. मैं दिखने में आकर्षक हूँ.


मेरा लंड पाँच इंच का है और ये ढाई इंच व्यास का मोटा और गोरे रंग का है. मेरे लंड की खासियत इसका गोरा रंग और ज्यादा मोटाई है.


यह मेरी पहली कहानी है, अगर कोई गलती या कमी दिखाई दे तो प्लीज नजरअंदाज कर दीजिएगा. यह सेक्स कहानी मेरी चाची भतीजा चुदाई कहानी है.


मेरी चाची के साथ ये चुदाई सन 2021 की जनवरी महीने की है. हमारा परिवार एक संयुक्त परिवार है, जिसमें चाचा चाची, उनका बेटा व मम्मी पापा और मेरा छोटा भाई रहते हैं.


मेरे दोस्त ने मुझे उसकी चाची के बारे में बताया तो मेरे अन्दर भी अपनी चाची की गांड मारने के कीड़े ने जन्म ले लिया.


मेरी चाची का फिगर 34-30-38 का है. जब भी मैं उनके तने हुए दूध को देखता हूँ तो बस देखता ही रह जाता हूँ.


वे मेरे सामने ही नहा लिया करती थीं क्योंकि उन्हें मैं बच्चों जैसा लगता था. पर मैं सब समझता था.


एक दिन घर के सभी खेत पर गए थे. उस दिन चाची नहाने गईं तो मैं उनके पीछे चला गया.


दरअसल उस समय हमारे घर में बाथरूम नहीं बना था. गांव के हिसाब से ही पुराने जमाने का एक बाथरूम जैसा बना था जिसमें दरवाजा नहीं था.


मैं अन्दर जाकर चाची को नहाते हुए देखने लगा. उन्हें भी मालूम था कि मैं उन्हें देख रहा हूँ.


मैंने हिम्मत करके उनसे पूछ लिया- क्या आप एक बात बताओगी? उन्होंने हां करते हुए कहा- क्या? मैंने कहा- पहले आप कसम खाओ कि किसी को नहीं कहोगी. वो नहाते हुए अपने मम्मों को मसलती हुई बोलीं- बोल न … क्या बात है?


मैंने झट से कह दिया- सेक्स कैसे होता है? उन्होंने गुस्से से मुझे देखा और मुझे बाहर भगा दिया. वे कहने लगीं- तू अभी छोटा है, अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे.


मैं डर गया और भाग आया.


अब उस बात को 15 दिन बीत गए थे.


उसके बाद एक दिन मैंने अपनी बात अपने दोस्त को बताई, तो वो कहने लगा- साले तू तो बड़ा हरामी निकला! अपनी चाची से ही चुदाई की पूछने लगा! मैं कुछ नहीं बोला.


उसने मुझसे कहा- ओके तुम उन्हें टच करने की कोशिश करो और हो सके तो उनके दूध दबा देना. मैंने उसकी बात मान ली और घर आ गया.


उसी रात को टीवी देखने के बाद मैं चाची से पहले उनके रूम में चला गया.


चाची किचन में जा रही थी, किचन उनके रूम से आगे था.


मैं मौका देख कर दरवाजा के पीछे छिप गया. चाची जैसे ही अन्दर आईं, मैंने उनके दोनों बूब्स अपने हाथों में लिए और मसल दिए.


चाची एकदम से डर कर चिल्ला दीं. इससे मेरी फट गई.


जब अंकल ने आवाज देकर पूछा तो वे कहने लगीं कि अरे कोई बात नहीं थी, बस एक चूहा था. उस समय सभी लोग नीचे वाले हॉल में टीवी देख रहे थे.


फिर चाची ने मुझे एक थप्पड़ जड़ दिया मैं चुपचाप अपने रूम में चला गया और सो गया.


अब मुझे डर लगने लगा था. इधर मेरा लंड भूखे शेर की तरह हलचल मचा रहा था.


इस बात को दो महीने बीत गए. चाची ने किसी से कुछ नहीं कहा था.


अब गर्मी शुरू हो गई थी और स्कूल की छुट्टियां शुरू हो गई थीं.


एक दिन चाची नहाने जा रही थीं, उससे पहले मैं बाथरूम में चला गया.


दरअसल चाची को लंड दिखाना बहुत जरूरी था, जब तक उन्हें लंड के दीदार नहीं हो जाते, तब तक वो मुझे जवान मर्द नहीं समझ सकती थीं शायद.


ये मेरे एक दोस्त की सलाह थी कि बिना लंड दिखाए किसी भी महिला को सेक्स के लिए मनाना मुश्किल काम होता है.


फिर मैंने देखा कि चाची बाथरूम की तरफ आ रही हैं. उसी वक्त मैंने फुल आवाज में पोर्न वीडियो चालू कर दिया और लंड बाहर निकाल कर मुठ मारने लगा.


चाची मुझे नंगा देख कर भाग गईं. मुझे लगा कि अब जरूर ये मम्मी पापा से कह देंगी. तो तुरंत मैंने अपना पैंट पहना और चाची के पीछे जाकर खड़ा हो गया.


जब तक चाची उधर से चली नहीं गईं, तब तक मैं वहीं खड़ा रहा.


अब मैंने चाची के नाम की मुठ मारना चालू कर दिया था.


चाची ने अपनी तरफ से मुझे कोई सिग्नल नहीं दिया.


इस बात को अरसा हो गया.


अब मेरा लंड भी बड़ा हो चुका था और हैल्थ भी काफी अच्छी हो गई थी.


वो ठंड का मौसम था. घर पर मम्मी पापा, मैं और चाची थीं. मम्मी पापा सो रहे थे.


मैंने मौके की नजाकत को समझा और चाची के कमरे में घुस गया.


वे भी गहरी नींद में थीं और दरवाजे में कुंडी नहीं लगी थी.


मैंने चाची के रूम में जाकर दरवाजा बंद कर दिया और चाची को देखने लगा.


मेरा लंड भी ऐसे खड़ा हो गया मानो आज तो उसे मौका मिल ही गया था. मैंने पैंट नीचे करके चाची को देखते हुए लंड सहलाना चालू किया.


फिर चाची के पास जाकर उनके बूब्स दबाने लगा. उनके इतने मस्त और कसे हुए बूब्स मैंने आज तक नहीं हाथ में लिए थे.


हालांकि कॉलेज जाने के बाद मैं अब तक बहुत सारी चुत पेल चुका था. मैंने लंड चाची के होंठों पर रगड़ना शुरू कर दिया और थोड़ी देर में उनकी नींद खुल गई.


मुझे ऐसा करता देख कर चाची गुस्सा हो गईं. वे मुझे गुस्से से देखने लगीं.


हालांकि अब मैं काफी हट्टा कट्टा मर्द हो गया था और चाची भी मेरे सामने छोटी लगने लगी थीं. वे बोलीं- ये सब क्या है बबलू?


मैंने पहले तो कुछ नहीं कहा, बस चुपचाप सर झुकाए बैठा रहा. चाची ने फिर से पूछा- कुछ बोलते क्यों नहीं हो?


मैंने कहा- चाची, मैं आपको भुला नहीं पाता हूँ. जबकि मैंने आपसे भी सुंदर और सेक्सी लड़कियों के साथ सेक्स कर लिया है. वे मेरी तरफ देखने लगीं फिर मुस्कुरा कर बोलीं- ऐसा मुझमें क्या देखा तूने जो तेरे चाचा को नहीं दिखाई देता?


मैंने कहा- चाचा चूतिया है तो मैं क्या कर सकता हूँ. इस बात पर चाची हंस दीं.


मैं अपनी पैंट पहनने लगा.


उन्होंने मना कर दिया और बोलीं- अब अपना अन्दर क्यों कर रहे हो. क्या तुम भी चूतिया हो? मैंने उनकी तरफ देखा तो चाची की आँखों में वासना दिखाई दे रही थी. साथ ही उनकी इस बात से मुझे हरी झंडी मिल गई.


मैंने फिर से अपने सारे कपड़े उतार दिए और चाची को देखने लगा. मेरा लंड चाची की तरफ देखता हुआ उन्हें सलामी दे रहा था.


वे उठ कर मेरे पास आईं और मेरे लंड को देखने लगीं. मैंने आगे बढ़ कर चाची को किस करना शुरू कर दिया और वो भी मेरा पूरा साथ देने लगीं.


मैंने उनकी साड़ी ब्लाउज निकाल कर अलग कर दिए. वो ब्रा पैंटी में मेरे सामने थीं.


मैंने उनकी ब्रा पैंटी भी निकाल कर अलग कर दी. चाची को पूरी नंगी कर दिया था. वे सच में नोरा फतेह अली खान लग रही थीं.


मैं उन्हें अपनी बांहों में भर कर किस करता रहा. वे भी मेरी मजबूत भुजाओं में पिसने लगीं.


मैंने उन्हें खुद से जरा अलग किया और उनकी चूचियों को देखने लगा. चाची शोखी से बोलीं- इन्हें देखा नहीं जाता बबलू … इनसे खेला जाता है. मैंने कहा- हां चाची खेलने का मन तो है.


यह कह कर मैंने उनके एक दूध को अपने होंठों में दबा कर खींचा तो चाची की मीठी आह निकल गई. वो बोलीं- ऊँह बिल्कुल जानवर हो गया है तू तो … क्या शहर में ऐसे ही चूसता है? मैंने कहा- चाची, आज तक मैंने ऐसे आम चूसे ही नहीं हैं. आज मुझे रोको मत … मुझे जीभर के पी लेने दो.


वे मेरे सर को अपने मम्मों पर दबा कर बोलीं- पी ले मेरे राजा बेटा.


मैंने अब उन्हें बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उनके दूध पीने लगा. कुछ देर बाद चाची बोलीं- अब तू नीचे आ जा, मैं तुझको लटकते आमों का रस पिलाती हूँ.


मैं नीचे लेट गया और चाची मेरे ऊपर चढ़ कर अपने दोनों दूध बारी बारी से मेरे मुँह में देने लगी थीं. सच में चाची की चूचियों में अमृत था. भले ही कुछ निकल नहीं रहा था लेकिन तृप्ति पूरी मिल रही थी.


कुछ मिनट बाद मैं उनके सामने नीचे हो गया और उनकी गुलाबी चुत को चाटना शुरू कर दिया.


मैंने जैसे ही उनकी चुत में मुँह लगाया वो एकदम से हड़बड़ा गईं और मुझे अपनी चुत से हटाने की कोशिश करने लगीं.


ऐसा इसलिए हुआ था कि चाची ने अब तक कभी भी चुत नहीं चटवाई थी. मैं लगा रहा और चाची की लाख कोशिशों के बावजूद मैंने उनकी चुत से मुँह नहीं हटाया.


कुछ ही पलों में उनके मुँह से कामुक आवाजें निकलने लगीं- आह आह ओह … मर गई … अब मत तरसाओ प्लीज़ जल्दी डाल दो.


मैंने उन्हें लिटाया और उनके ऊपर चढ़कर किस करते हुए कहा- पहले मेरा लंड चूस दो! उन्होंने मना कर दिया.


मैंने आग में घी पहले ही डाल दिया था. वे काफी गर्म हो चुकी थीं. तभी मैंने कहा- चाची, जब तक लंड नहीं चूसोगी. मैं अन्दर नहीं डालूँगा.


अंत में हार मानकर चाची लंड चूसने लगीं. आह क्या मस्त लंड चूस रही थीं मजा आ गया.


कुछ मिनट लंड चूसने के बाद चाची पलंग पर आकर बैठ गईं और चुत में उंगली करती हुई मुझे आंख मारी.


मैंने जल्दी से उन्हें किस किया और लंड का सुपारा चुत पर रगड़ने लगा. चाची रोने जैसी मुँह करके बोलीं- क्यों तड़पा रहा है … अब डाल भी दे. मैं मर जाऊंगी, अब बर्दाश्त नहीं होता.


मैंने झट से लंड अन्दर डाल दिया. आधा लंड अन्दर जाते ही चाची आह आह करने लगीं.


मैंने उनके होंठों पर किस करते हुए उनकी आवाज को दबाया और उनके बूब्स दबाने लगा.


चाची कई महीनों से चुदी नहीं थीं और इसलिए उनकी चुत काफी टाईट लग रही थी.


कुछ पल किस करता रहा, फिर एक जोर का धक्का दे दिया. चाची अकड़ने लगीं- आह जोर से डाल आह आह!


मैंने धक्के देने की स्पीड बढ़ा दी और चाची झड़ कर निढाल हो गईं. मैंने अपनी गाड़ी चालू रखी.


अब चाची को ज्यादा मजा आने लगा था. वे बोल रही थीं- और तेज चोद, फाड़ दे मेरी चुत … ये कब से लंड की भूखी थी … आज इसे शांत कर दे.


लगभग 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा निकलने वाला था तो मैंने कहा- चाची कहां निकालूँ? उन्होंने कहा- अन्दर ही डाल दे. मैं अन्दर झड़ गया और उनकी चुचियों को चूसने लगा.


चाची को किस करते करते कब मुझे नींद आ गईं, कुछ पता ही नहीं चला.


एक घंटे बाद मैं उठा और चाची को जगाया. हम दोनों ने कपड़े पहने.


किस करते करते चाची ने कहा- आज तुमने मुझे जन्नत की सैर करवाई है, आज से मैं तुम्हारी हूँ. जब चाहे, जैसे चाहे चोद लेना, मैं कभी मना नहीं करूंगी.


हम दोनों किस करके अलग हो गए.


आपको मेरी चाची भतीजा चुदाई कहानी कैसी लगी? मुझे कमेंट्स में बताएं.


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