सासू मां के बाद ननद भौजाई का मजेदार सेक्स

नोना सिंह

02-09-2023

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जेंडर चेंज सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरे साथ लेस्बियन सेक्स करके सासू माँ को मजा आया. फिर मेरी ननद आई तो वो भी मेरे सुंदर जिस्म का मजा लेने पर उतारू लग रही थी.


प्यारे दोस्तो, कैसे हो आप सब!


आपने मेरी लेस्बियन सेक्स कहानी का पहला भाग सासू मां और बहू का मजेदार लेस्बियन सेक्स


पढ़ा था. आप सभी के मुझे बहुत सारे मेल भी आए और मेरी कहानी पर कमेंट्स भी किए. उस सभी के लिए आप सभी का दिल से शुक्रिया.


पिछली लेस्बियन सेक्स कहानी में आपने पढ़ा था कि अपनी सास के साथ लेस्बियन सेक्स कर रही थी.


अब आगे जेंडर चेंज सेक्स कहानी:


अभी हम दोनों फारिग ही हुई थीं कि तभी किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी. मैंने जल्दी जल्दी अपने आपको ठीक किया और दरवाजा खोल दिया.


सामने देखा तो मेरी ननद खड़ी थी. मेरी ननद श्रेया अपनी पढ़ाई करने शहर से बाहर गई हुई थी, वह वापस घर आई थी.


उसने मुझे देखा और वह एकदम से मेरे गले से लग गई.


वह बोली- हैलो मेरी भाभी जान, कैसी हो? मेरी ननद की उम्र 25 साल की है. उसकी अभी शादी नहीं हुई है.


जब वह मुझसे बोली. तब मैंने उससे लिपटते ही महसूस किया कि मेरी चूत के ऊपर कुछ चुभ रहा है.


वह भी न जाने क्यों झटके से मुझसे अल हुई और अपना बैग उठा कर अन्दर आ गई. मेरे बाद वह अपनी मां यानि मेरी सासू मां के गले लग कर मिली.


तब तक मैं उसके लिए पानी ले आई. उसने पानी पिया और हम दोनों बातें करने लगीं.


हमारी बातें खत्म ही नहीं हो रही थीं. उसी दौरान मुझे मेरे पति का फोन आया.


मैं फोन सुनकर अपने घर जाने लगी. आपको मैंने शायद बताया नहीं था कि मैं अपने पति के साथ एक अलग घर में रहती हूँ.


जब मैं अपने घर जाने लगी तो मेरी ननद बोली- अरे भाभी कहां जा रही हो. मैं भी आपके साथ चलती हूँ. भाई से मिले कितना टाइम हो गया है.


सासू मां बोलीं- हां बहू, इसे भी साथ ले जा और टाइम से वापिस भेज देना अगर रात रुकना भी हो, तो मुझे कॉल कर देना.


मैंने सासू मां को देख कर आंख दबा दी और उन्होंने भी एक गहरी मुस्कान बिखेर दी. फिर हम दोनों जाने लगीं.


मेरा घर अपनी सास के घर से थोड़ी ही दूर है. हम दोनों पैदल ही जा रही थीं.


रास्ते में मेरी ननद को उसकी एक सखी मिल गई तो वह रुक कर उसके साथ बात करने लगी. दो मिनट के बाद हम दोनों चल पड़ी और घर पहुंच गई.


उस वक्त मेरे पति भी घर पर थे. मेरी ननद उनसे मिली और वे दोनों भाई बहन बातें करने लगे.


मेरी चूत गीली हुई पड़ी थी और मुझे मेरे कपड़ों में से अभी माल की स्मेल भी आने लगी थी.


मैं नहाने जा ही रही थी कि श्रेया बोली- भाभी कहां जा रही हो? मैं बोली- मैं बस अभी नहा कर आती हूँ.


उसने कहा- भाभी, मैं आपके लिए एक ड्रेस लाई थी, उसे नहीं पहनेंगी? मैंने कहा- अरे वाह मेरी क्यूट श्रेया, लाओ दिखाओ … क्या लाई हो? उसने कहा- नहीं भाभी, अभी आप जो दिल करे, वो पहन लो. मैं तो आपके लिए नाइटसूट लाई हूँ. उसे आप नाइट में पहन लेना.


उसकी बात सुनकर हम सभी हंसने लगे.


मैंने कहा कि और कुछ नहीं लेकर आई? श्रेया बोली- ओह नो, मैं अपना बैग वहीं भूल आई. उसमें काफ़ी सामान था, जो मुझे चाहिए था.


मैंने कहा- कोई बात नहीं, घर जा कर निकाल लेना. श्रेया बोली- मेरी भाभी जान, मैं आज कितने दिनों बाद तो मिली हूँ. इतनी जल्दी नहीं जाऊंगी. मैं 2-3 दिन इधर ही रूकूंगी आपके साथ.


मैंने कहा- चल, तेरे भैया ले आएंगे. बोल क्या लाना है? तभी उसके चेहरे पर तनाव सा आ गया और वह बोली- नहीं नहीं … भैया सारा बैग ही ले आना. उसको खोलना मत!


मैंने अपने पति को देखते हुए कहा- सुनिए … उसमें इसका कोई पर्सनल सामान होगा. आप उसे बिना चेक किए ले आना. तो वे बोले- हां हां, कोई बात नहीं. वे उठकर चले गए.


तभी मैंने श्रेया से कहा- तू रेस्ट कर … अलमारी में कुछ कपड़े पड़े हैं, उन्हें पहन कर आराम कर.


वह बोली- ओके भाभी. आप जाओ और जल्दी से नहा लो. आपसे बहुत सारी बातें करनी हैं. मैं जल्दी से वॉशरूम में नहाने चली गई.


हमारे वॉशरूम की कुण्डी कल ही कुछ काम करते हुए पति से टूट गई थी.


मैंने ऐसे ही दरवाजा बंद किया और कपड़े उतारने लगी. मैंने शॉवर चालू किया. मेरी एक आदत है कि नहाती हुई मैं अपनी बॉडी को सामने लगे मिरर पर देखती हूँ. आज भी देखने लगी.


तभी मैंने देखा कि मेरी ननद दरवाजे की झिरी से छुप छुप कर मुझे देख रही है. मैंने मन में मुसकुराते हुए ऐसे दिखाया कि मुझे कुछ पता ही नहीं है.


तभी बाहर से मेरे पति की आवाज़ आई- श्रेया ओ श्रेया रानी. आ जा, तेरा बैग ले आया हूँ. श्रेया चली गई.


मैं भी नहा कर बाहर आ गई और सामान्य बर्ताव करने लगी. मेरे पति बोले- मुझे अभी बॉस का कॉल आया है. एक घंटे के लिए ऑफिस जाना है, तो मैं अभी आता हूँ.


मैं बोली- हां जाइए ओर आते समय कुछ सब्जी ले आना. वे हां कहते हुए चले गए.


मैंने आगे बढ़ कर गेट लगा दिया. मैं और श्रेया बैग खोलकर देखने लगीं.


उसमें ढेर सारे कपड़े थे.


उसने एक ड्रेस निकाल कर मुझे दी- लो भाभी जान, आपकी ड्रेस नाइट के लिए! मैं बोली- क्या? वह हंस कर कहने लगी- मतलब भाभी आपका नाइट सूट.


मैंने देखा कि उसके बैग में एक काला डिब्बा था, जिस पर घोड़ा बना था मैंने पूछा- यह क्या है?


वह बोली- भाभी जान, यह कुछ नहीं बस आयल है मसाज के लिए. दर्द खत्म करता है. मैं बोली- मुझे भी दिखा.


वह बोली- नहीं भाभी, ऐसे नहीं लगाया करते इसे … यह स्पेशल है. प्लीज़ आप इससे दूर ही रहना. मैं बोली- ठीक है भाई, अब तुम्हारे शहर के नुस्खे तुम ही जानो.


हम दोनों बातें करने लगीं.


एक घंटा बाद पति आए तो रात होने को थी.


तभी पति से सब्जी लेकर हम दोनों ननद और मैं किचन में आ गई, खाना बनाने लगी.


मैंने अपने पति से कहा- सासू मां को कॉल कर दो कि श्रेया आज नहीं आएगी. उन्होंने मम्मी से बात की.


सासू मां बोलीं- मेरी बात बहू से कराना जरा! मेरे हाथ सब्जी काटने में बिज़ी थे तो मैंने कह दिया- स्पीकर पर लगा दो. मैंने बात की- मां जी नमस्ते.


‘नमस्ते बेटी, क्या कर रही हो.’ ‘कुछ नहीं मां जी, खाना बना रही हैं हम दोनों.’ बेटा, मेरा सारा बदन टूट रहा है. जैसी मालिश तुमने दिन में की थी, वैसी हो जाती तो आराम मिल जाता.


‘अरे मां जी, मैं अभी आ जाती हूँ.’ ‘नहीं नहीं बेटी, कोई बात नहीं … तुम कल आ जाना … अभी तुम्हारे पापा से करवा लेती हूँ.’ ‘ओके मां अपना ध्यान रखना.’


पति बोले- कर दिया करो मालिश मां की. मैंने कहा- हां जी, आप कहें तो आपकी भी कर दूँ क्या?


ननद हंसने लगी और बोली- भाभी मेरी भी कर दो. आज मेरा सारा बदन टूट रहा है. इतने लंबे सफर से आई हूँ. ‘अरे मेरी श्रेया रानी खाना खाकर घूमने चलेंगे … और बाद में आकर तेरी भी मालिश कर दूँगी. कौन सी बड़ी बात है!’


हम दोनों ने खाना बना कर साथ बैठकर खाया और घूमने चले गए.


घूमने के बाद जब घर आए, तो पति को नींद आ रही थी. वे बोले- मैं तो सोने जा रहा हूँ. सुबह जल्दी उठना है. और वे गुडनाइट बोलकर चले गए.


ननद बोली- मेरी प्यारी भाभी जी … नाइट सूट पहनने का टाइम हो गया. मैं फ्रेश हुई ओर नाइटसूट पहना. यह बहुत सेक्सी और हॉट था. ऊपर मम्मों के पास से काफी टाइट था, जिसमें से मेरे निप्पल बिल्कुल चमक रहे थे. पजामे का ऊपर से हिस्सा टाइट गांड और चूत को कस रहा था. ये नीचे से बिल्कुल खुला था.


मैं जब वॉशरूम से बाहर आई तो श्रेया ने भी निक्कर और टी-शर्ट पहनी हुई थी; उसके निप्पल भी दूर से दिख गए.


वह बोली- हाय भाभी … तुम पक्का किसी को मारोगी!


उसने मेरे पास आकर अपनी उंगलियों से निप्पल को छेड़ा. मेरे सारे जिस्म में करेंट दौड़ गया.


मैं बोली- हट … दूसरे शहर में रहकर बहुत शैतान हो गई. वह बोली- चलो भाभी जी, आज मालिश ही कर दो. थक गई हूँ मैं तो.


मैं बोली- हां चल, वो वाला आयल भी दे दे घोड़े वाला. उसी से कर दूँ. वह बोली- नहीं भाभी, आज दूसरा वाला आयल ही लगा दो.


मैंने पूछा- बोल कहां करूं मालिश? वह बेड पर एकदम से लेटकर बोली- पहले कमर पर.


मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर किया और तेल उठा कर लगाने लगी. उसके मुँह से ‘उम्म् भाभी मजा आ रहा है … आह.’ की आवाज आने लगी.


तभी मेरे दिमाग़ में सासू मां आ गईं और मैं उन्हें याद करती हुई ननद की मालिश करने लगी. ननद बोली- भाभी, भाई तो सो गए होंगे अभी? मैं बोली- हां.


वह बोली- यार भाभी, पूरी मालिश कर दो ना प्लीज़! मैंने कहा- अरे इसमें प्लीज़ वाली क्या बात है. बोल कहां करूं?


उसने कहा- निक्कर और टी-शर्ट उतारकर अच्छे से कर दो. मैंने ऐसा ही किया.


उसने ब्रा नहीं पहनी थी. चूत कवर करने के लिए बस एक पैंटी पहनी थी.


वो पैंटी साधारण पैंटी जैसी नहीं थी, मर्दों जैसी चड्डी थी और कुछ अजीब सी थी.


मैंने देख कर कहा- यह क्या? वह बोली- भाभी, ब्रांडेड पैंटी है शहर वाली. मैंने कहा- ओके.


तब मैंने उसकी गांड को तेल लगा कर मसल दिया. उसकी गांड काफ़ी ऊपर को उठी हुई थी.


मैंने उसकी टांगों को फैला कर तबीयत से मालिश करना शुरू कर दी. तभी मैंने देखा कि मुझे उसकी चूत नहीं दिख रही तो मैंने मन में कहा कि छोड़ो क्या करना.


मैंने ननद की मालिश कर दी. मुझे लगा पैंटी की वजह से चूत का पता नहीं लग रहा होगा.


मैं बोली कि श्रेया अब घूम जा, आगे से भी मालिश कर देती हूँ. वह बोली- भाभी, भागना मत.


मैं बोली- भागना क्यों? वह बोली- नहीं नहीं मैं ऐसे ही बोल रही हूँ.


मैंने कहा- अब पलट भी जा. वह फिर से कहने लगी कि आगे रहने दो भाभी.


मैंने कहा- पागल हो क्या … स्ट्रेस चला गया क्या … जब आगे से मालिश करवाओगी, तभी पूरा आराम आएगा. तभी वह घूम गई.


मैंने देखा कि उसकी चूत पैंटी में से बहुत ज़्यादा ऊपर को उठी है. पैंटी के ऊपर भी कुछ उभार था.


मैंने कहा- यह क्या है? वह बोली- पैंटी ही ऐसी है. आप मालिश करो.


मैं मालिश करने लगी. मैंने उसके बूब्स पर भी तेल लगा कर उधर की मालिश भी कर दी.


बूब्स के ऊपर मालिश करते हुए मैंने देखा कि वह अपनी चूत को ऊपर से दबा रही थी.


मुझे समझ नहीं आया. मैंने कहा- चल उतार पैंटी, मालिश करके तेरी खुजली दूर कर देती हूँ. वह बोली- नहीं भाभी.


मगर मैंने ज़िद करनी शुरू कर दी- पैंटी तो उतारो. उसने कहा कि चलो खुद ही उतार दो पैंटी


मैं जब उसकी पैंटी को नीचे किया, तो उसमें से एक लंबा सा लंड निकल कर मेरे सामने खड़ा हो गया. तभी श्रेया कोहनियों के बल उठ कर बोली- क्या हुआ भाभी?


मैंने कहा- हे भगवान, यह क्या है? वह बोली- भाभी, मैंने अपना जेंडर चेंज करवा लिया है और मैं जहां पर रहती हूँ, वहां मेरी शादी एक लड़की से हो गई है.


मैं बोली- हे राम, लड़की से शादी! ‘हां भाभी, आज कल सब कुछ चलता है.’


मैं उसके लंड को ही देखती रही. उसने मेरा हाथ पकड़ा और लंड पर लगा दिया.


मेरा हाथ लगते ही उसने आंखें बंद करके आवाज़ निकाली- आअहह. मेरी भी चूत गीली हो गई.


श्रेया बोली- अब लाओ वह घोड़े वाला तेल, वह इस पर लगाओ. इसी के लिए है वह तेल.


मैंने बॉक्स उठाया और तेल निकाला. उसमें से थोड़ा सा तेल लेकर हथेलियों पर लेकर लंड पर लगाया.


उसकी महक बहुत ही ज्यादा मादक थी.


मैंने जैसे ही मालिश शुरू की, उसने मेरे हाथ पकड़ कर कहा- बहुत हुई मालिश … जल्दी से मेरे लंड को अपने मुँह में ले लो. मैं बोली- क्या बोल रही हो, मैंने कभी मुँह में नहीं लिया है?


वह कहने लगी- अरे नहीं लिया, तो अब ले लो … पर जल्दी करो भाभी. मैंने कहा कि तेल लग गया है, साफ करके आओ.


वह बोली कि यह तेल फ्लेवर्ड है. आप ट्राई तो करो. मैंने जब उसका लंड मुँह में लिया तो मुझे करना नहीं आया.


ऐसे तो मैं अपने पति का मुँह में लेती हूँ, पर इसका लंड उनसे ज़्यादा बड़ा था.


तभी उसने मुझे धीरे धीरे लंड चुसवाना शुरू किया और जल्दी ही वह बहुत गर्म हो गई, मेरे सिर को पकड़ कर जोर जोर से लौड़े को चुसवाने लगी.


फिर वह बोली- चलो भाभी अपने कपड़े उतारो.


मैं खुद इतनी गर्म थी कि मैंने उसी वक्त अपने सारे कपड़े उतार कर फेंक दिए. मेरी चूत का पानी नीचे तक टपक रहा था.


उसने मुझे घोड़ी की तरह बेड के साइड में किया और मेरी चूत में अपना लंड पेल दिया.


लंड चूत का मिलन हुआ तो हम दोनों के मुँह से आवाज़ आई ‘उम्म्म्म उफ्फ़ आअहह.’


वह मुझे चोदने लगी. चोदते चोदते उसने स्पीड तेज़ कर दी.


मुझे लगा कि यह झड़ने वाली है. पर पता नहीं ऐसा क्या खा रखा था उसने कि वह झड़ ही नहीं रही थी.


कुछ देर बाद उसने अपना लंड निकाला और बेड पर चित लेट गई.


उसने मुझसे कहा- अब जल्दी से 69 में आ जा. मैं 69 में आ गई और उसका लंड चूस रही थी. वह मेरी चूत चाट रही थी.


थोड़ी देर बाद उसने कहा- जल्दी से लंड पर बैठ जाओ भाभी. मैं उसकी ओर मुख करके बैठ गई और चुदने लगी.


तभी वह उठी और किस करने लगी. किस करने की वजह से मैं और ज़्यादा गर्म हो गई और झड़ गई.


वह भी रुक गई और बोली कि भाभी तुम लेटो बेड पर. मैं लेट गई और उसने दीवार की ओर मेरा फेस कर दिया. वह मेरे पीछे आ गई.


उसने मेरी एक टांग उठाई ओर पीछे से लंड दाग दिया. ऐसे करते करते मैं पेट के बल आ गई पर वह अब ऊपर से मुझे चोद रही थी.


तभी उसने एक जोर की आवाज़ की और झड़ गई. झड़ते वक्त वह मेरे ऊपर गिर गई, जिसकी वजह से लंड चूत से बाहर निकल चुका था.


तभी उसने मेरे कंधे पर किस करके कहा- हाय भाभी, बड़ी सेक्सी है तू तो!


मैंने बोला कि चल, अभी वेट कर … फिर से करते हैं. वह बोली- नहीं भाभी, अभी हम कुछ नहीं करेंगे. कल करेंगे क्योंकि मैं सफ़र के बाद सच में थक गई हूँ … अभी नींद आ रही है. तुम चिंता मत करो … अभी मैं तुम्हारे पास ही हूँ.


हम दोनों लोग बिना कपड़े पहने ही सो गए थे. सुबह उठ कर देखा तो पति नहा रहे थे. हम दोनों नंगे पड़ी थी.


तभी मैंने श्रेया को उठाया और उसे कपड़े पहना कर दुबारा लेटा दिया. मैं अपने कपड़े पहन कर बाहर आई तो मैंने पति को खाना बनाकर पैक करके दे दिया.


पति बोले- श्रेया सो रही है क्या? मैंने कहा- हां जी.


वे ऑफिस चले गए. वो अभी रास्ते में ही होंगे कि सासू मां दरवाजे पर आ गईं.


मैं बर्तन साफ कर रही थी. मैंने गेट खोला.


मां बोलीं- तेरा पति गया काम पर? ‘हां मां जी, चले गए.’


‘चल, जल्दी से दरवाजा बंद करके आ जा … श्रेया कहां पर है?’ मैं बोली- वो सो रही है.


तभी मां ने मुझे पकड़ा और दूसरे रूम में ले गई. वे मुझे किस करने लगीं. हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए.


हम दोनों यहां पर एक दूसरे को खाने में लगे ही थे कि दूसरे कमरे में श्रेया उठ गई.


श्रेया उठी, तो इसका मतलब आगे की लेस्बियन सेक्स कहानी में श्रेया भी आएगी.


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