चुदक्कड़ ममेरी बहन की चुदाई

विपिन 002

04-02-2024

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इंडियन टीन सिस्टर सेक्सी कहानी में मैंने अपने मामा की बेटी को उनके पड़ोसी लड़के से चूत मरवाती देखा. तो मैंने सोचा कि मैं भी इस चुदक्कड़ लड़की की चूत का मजा ले लूं.


मैं विपिन मध्य प्रदेश के रीवा जिले का रहने वाला हूँ.


यह इंडियन टीन सिस्टर सेक्सी कहानी मेरे एक दोस्त की है. उसका नाम रितेश है.


दोस्तो, रितेश नाम का एक लड़का बी.टेक फाइनल ईयर का स्टूडेंट अपने मामा मामी के यहां पूरे पांच सालों के बाद गर्मी की छुट्टी मनाने गया था.


वह अपने मामा मामी का लाड़ला इकलौता भांजा जो था. उसे आया देखकर दोनों बहुत खुश हो गए थे. रितेश का बहुत गर्मजोशी से स्वागत किया गया.


यहां मैं आपको बता दूँ कि रितेश के मामा एक मध्यम वर्गीय परिवार के हैं.


उनका एक लड़का जो बीए के पहले साल में पढ़ रहा था. और एक लड़की भी है, जो लड़के से बड़ी थी. इस लड़की का नाम रुचि था.


उन सभी के बीच चाय के साथ साथ इधर उधर की चर्चा चल रही थी.


इसी बीच मामी ने अन्दर आवाज़ दी- रुचि बेटा, जरा खाली ट्रे ले आ … और ये कप ले जा.


रुचि का नाम सुनते ही रितेश की जिज्ञासा बढ़ गई. उसने रुचि को पांच साल पहले देखा था.


वह सोचने लगा कि रुचि बचपन में एकदम चुलबुली थी और अब वह कैसी दिखती होगी!


जैसे ही हाथ में ट्रे लिए रुचि ने कमरे में कदम रखा, रितेश एकदम उसे देखता ही रह गया. गठीला गोरा बदन पसीने से तरबतर, बिखरी हुई ज़ुल्फों को संवारती हुई वह अन्दर आई.


रितेश कुछ संभला और पैर के पास रखा हुआ कप ट्रे में रखते हुए बोला- अरे वाह रुचि, तुम तो इतनी बड़ी हो गई! यह कह कर रितेश ने रुचि के गाल पर एक थपकी दे दी.


रुचि बोली- और आप भी भैया … उसके गाल का स्पर्श रितेश के शरीर में मानो आग लगा गया.


फिर रिश्ते का ख्याल करते हुए रितेश ने उस बात को भुला दिया.


वे दोनों हम उम्र थे तो बैठ कर बातें करने लगे और मामा मामी भी उन दोनों को पढ़ाई की बातें करते देख कर उठ कर बाहर चले गए.


रितेश उधर सैट हो गया और 3-4 दिन ऐसे ही हंसते खेलते निकल गए.


पांचवें दिन की बात है. रितेश अपने बिस्तर पर सोया हुआ था.


अचानक से रात के ढाई बजे रितेश की आंख खुल गई. उसे बहुत जोर की प्यास लगी थी.


उसने अभी अपनी करवट यह सोचकर बदली ही थी कि पानी पीने के लिए उठा जाए कि अचानक अपने पलंग के पास से गुज़रती हुई दो परछाइयों को देखा.


खैर … उनको अनदेखा करते हुए रितेश पानी पीने के लिए उठ गया.


वह पानी पीकर वापस बरामदे में लगी खाट पर आकर लेटा ही था कि उसे कुछ अजीब सी आवाज़ सुनाई दी ‘आह नहीं बाबू … बस थोड़ा सा … आह मर गई बाबू … बस …’ यह आवाज़ भैंसों के तबेले की तरफ़ से आ रही थी.


रितेश उठ गया और उसे यह जानने की उत्सुकता हुई कि साला आधी रात में भैंसों के तबेले में कौन सा बाबू किसका तबला बजा रहा है.


वह धीरे धीरे कदम बढ़ाता हुआ उस आवाज की ओर गया तो पता चला कि भूसा भरने वाले कोठे में पड़ी मेज पर रुचि आधी नंगी लेटी हुई है और उस पर पड़ोस के निर्मल भैया चढ़े हुए हैं.


यह नजारा देख कर रितेश एकदम से कंप गया कि रुचि लंड लेने लगी है.


रितेश बिना कुछ कहे वापस आ गया और सोने की कोशिश करने लगा.


वह सुबह मामा मामी को रूचि की इस करतूत को बताने का सोचने लगा.


काफी देर बाद उसकी नींद लग गई और सीधा सुबह ही उठा. अगली सुबह एकदम सामान्य थी.


इसी बीच रितेश ने कुछ छानबीन करने की कोशिश की. लेकिन उसके हाथ कुछ नहीं लग सका.


वह रुचि के पास जाकर उसी से निर्मल के बारे में बात करने लगा था. पर उसके हाथ कुछ नहीं लग सका.


अब उसके मन में रुचि को लेकर कुछ सोच बदल गई थी. उसे वह एक चोदने लायक माल नजर आने लगी थी. उसके मन में रुचि को बहन की नजर से देखने का भाव खत्म हो गया था और हवस पैदा हो गई थी.


दो दिन बाद रितेश और उसका ममेरा भाई शाम को गांव में घूम रहे थे. उन दोनों ने घूमते घूमते ही थोड़ी मस्ती का मूड बना लिया था और पास ही के एक ठेके से देसी दारू के दो पव्वे ले लिए.


रितेश को अंग्रेजी शराब पीने का शौक था पर देशी ने अन्दर जाते ही देसी रंग दिखा दिए.


दोनों गपशप करते हुए रात के लगभग साढ़े ग्यारह बजे घर पहुंचे. उस वक्त तक सब सो गए थे.


थोड़ा बहुत खाना खाकर वे दोनों अपने अपने बिस्तरों पर चले गए. बरामदे में तीन खाटें बिछी हुई थीं. एक पर रितेश, एक पर रूचि और एक उसके ममेरे भाई सोहन के लिए.


दारू के नशे में रितेश का दिमाग़ ज़्यादा ही हिल रहा था. रात को पौने तीन बजे तक उसे नींद ही नहीं आ रही थी.


उसे सिर्फ रुचि की चुदाई की बात ही दिमाग में घूम रही थी. आखिरकार रितेश नशे में उठा और वह रुचि की खटिया की तरफ़ आ गया.


वहां पानी की सुराही रखी थी, उससे दो चार घूँट पानी पीने के बाद रितेश ने ये देखा कि सब सो रहे हैं. चाँदनी रात में घर का मुख्य दरवाजा बंद था और बाहर बरामदे में वे तीनों ही थे.


उसकी नज़र रुचि की गोरी आधी खुली हुई टांगों पर टिक गई थी. अचानक से रितेश को एक आइडिया आया.


वह नजर बचा कर उसकी टांगों पर हाथ फेरने लगा, फिर उसकी छाती को सहलाने लगा.


ये सब देखने के लिए रुचि का भाई बहुत दूर था. उसकी खाट बरामदे से दूर आम के पेड़ के नीचे लगी थी. बरामदे से पेद की दूरी लगभग 20 फीट होगी.


अचानक रूचि करवट बदलकर उठ गई और वह कुछ बोलती, उसके पहले ही रितेश ने उसके मुँह पर हाथ रख दिया.


वह बोला- कुछ मत बोलना … मुझे मालूम है कि तू और निर्मल तबेले में क्या गुल खिला रहे थे!


रूचि थोड़ी घबरा गई. वह उठ कर बैठ गई और उसने चुप रहने की बात मान ली.


रुचि ने पहले पानी पिया.


फिर वह बोली- क्या निर्मल का क्या कह रहे थे आप … क्या देखा था आपने भैया? रितेश बोला- हां, तू जरा साइड में आ, तुझसे निर्मल वाली बात करना है.


फिर रितेश ने उसे उसी भैंसों वाले तबेले में ले जाकर सारी बात बताई.


रुचि की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. पर वह हिम्मत करके बोली- मैं सुबह मम्मी और बुआ को बता दूँगी कि आप रात को मेरे साथ क्या कर रहे थे?


रितेश ने एक वहशी मुस्कान के साथ कहा- हां जाकर बता दे, मैं भी उनके सामने तेरे कांड खोल दूँगा. वह चुप हो गई.


फिर अचानक से मुस्कुरा दी. रुचि की मुस्कान देखते ही रितेश ने उसको अपनी बांहों में भर लिया.


सफेद कॉलर की वन पीस ड्रेस में रुचि किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही थी. अब रितेश उसे अपनी बांहों में भरकर चूमे जा रहा था. रुचि भी मजा लेने लगी थी.


उस वक्त उस तबेले में जल रहा 100 वॉट का बल्ब भी उनके बदन की गर्मी के आगे ठंडा पड़ गया था. फिर रितेश ने रुचि को वहीं तबेले में रखी एक टेबल पर बैठा दिया और किस करते करते उसके ड्रेस को ऊपर करने लगा.


अन्दर काले रंग की ब्रा और पैंटी देखकर रितेश पागल हो उठा. उधर रुचि को देखकर लग ही नहीं रहा था कि ये सब वह किसी मजबूरी में कर रही है.


रितेश ने धीरे धीरे कपड़े हटाने शुरू कर दिए. रुचि की ब्रा उतारते ही उसके एकदम सफेड बोबे और उन पर चॉकलेटी निप्पल कड़क होने लगे.


रितेश ने एक निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और किसी छोटे बच्चे की तरह चूमने लगा.


वह दूध चूसने का मजा लेते हुए अपना एक हाथ रुचि की चड्डी में डालने लगा. रुचि ने भी कोई विरोध नहीं किया.


रितेश ने अपना पूरा हाथ रुचि की चड्डी में डाला और सेक्सी सिस्टर की चूत को सहलाने लगा. रुचि कामातुर होने लगी थी. आज उसे एक नए लंड का स्वाद मिलने की उम्मीद होने लगी थी.


उसने अपनी टांगें फैला दीं जिससे रितेश के हाथ की एक उंगली ने चूत में अपना स्थान पा लिया.


चूत में रितेश की एक उंगली को महसूस करते ही रुचि की गर्म आह निकल गई.


रितेश रुचि की चूत में उंगली को आगे पीछे करने लगा.


फिर धीरे से रितेश ने रुची की चड्डी की इलास्टिक में अपनी उंगलियां फँसाईं और चड्डी को उसकी टांगों से बाहर निकाल दिया. उसकी मुलायम चूत देख कर रितेश की आह निकल गई.


इंडियन टीन सिस्टर की एकदम गोरी चूत और उस पर गहरे भूरे रंग की फाँकों वाली लाइन. आसपास उगे हुए कुछ रेशमी काले बाल देख कर ऐसा लगता था मानो कुछ दिन पहले ही चूत की शेविंग की है.


रितेश से रहा नहीं गया और उसने अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया. वह रुचि की चूत को अपने मुँह में भरकर चूसने लगा.


रुचि तो उसकी इस हरकत पर पागल ही हो उठी, रुचि कामुक आवाजें निकालने लगीं- ऊवू भैया बस … आह मर गई … आह … बस भैया मुँह हटा दो … और पेल दो भैया … बस … उई!


रितेश चूत को मसलते हुए बोला- साली छिनाल, पड़ोसी का लंड लेती है और मुझे भैया बोल रही है … साली बहन की लौड़ी … मुझे डार्लिंग बोल कुतिया! रुचि बेशर्म होकर बोली- ओके डार्लिंग … अब डाल दो!


‘हां तो खड़ी हो जा और पहले इसे चूस मादरचोद!’ रितेश ने लंड उसके मुँह की तरफ़ करते हुए कहा.


‘नहीं भैया, मुझे उल्टी आ जाएगी … प्लीज ऐसा मत करवाओ.’ रितेश गरजा- माँ की लौड़ी, नखरे कर रही है … अब मैं निर्मल के बारे में बता ही देता हूँ सबको … बोल बता दूँ? ‘नहीं नहीं … मैं कर रही हूँ.’


थोड़ा मना करने के बाद वह मान गई. रितेश ने अपने लंड का सुपारा रुचि के मुँह में दे दिया.


रुचि अब धीरे धीरे करके लंड को चाटने लगी थी. शुरुआत में रुचि को लंड चाटने से अन्दर ही अन्दर उबकाई सी आ रही थी … पर जैसे तैसे करके रितेश ने उसके मुँह में लंड दे ही दिया.


कुछ देर बाद रुचि को लंड चूसने में मजा आने लगा और वह बिंदास लंड को अपने गले तक लेने लगी. उसी समय रितेश ने अपने लंड का कामरस रुचि के मुँह में ही छोड़ दिया.


इसके साथ ही रुचि उबकाई लेने लगी लेकिन रितेश को कोई फर्क नहीं पड़ा. वह अपने लंड को रुचि के मुँह में ही घुसेड़े रहा.


आखिरकार रुचि को लंड का माल पीना ही पड़ा. कुछ देर बाद वह संयत हो गई. वह अपने मुँह से थूक निकालने लगी.


तो रितेश ने फिर से अपना लंड उसके मुँह में दे दिया. वह फिर से लंड चूसने लगी.


अगले कुछ ही पल बाद रितेश का लंबा मोटा बाबूराव फिर से खड़ा हो गया. फिलहाल रूचि की हिम्मत जवाब दे गई थी. वह मिन्नतें करने लगी- बस अब जाने दो.


पर रितेश बिना चुदाई के कहां मानने वाला था. उसने रुचि को मेज पर ही सीधा लेटाया और उसकी दोनों टांगें पकड़ कर चौड़ी कर दीं.


रुचि की चुदी हुई चूत रितेश के लंड के सामने चिर सी गई. रितेश ने रुचि की चूत पर अपना लंड रखा और पूरे जोश में एक झटका दे मारा.


रितेश का पूरा का पूरा लंड रुचि की चूत में घुसता चला गया. बेचारी ने इतना मोटा लंड इससे पहले नहीं लिया था. निर्मल के लंड से रितेश का लंड डेढ़ गुना मोटा और लंबा था.


एकदम से लंड घुसा तो वह दर्द से पागल हो उठी. मगर रितेश लगा रहा.


कुछ ही देर बाद रुचि लंड से सहयोग करने लगी और चुदाई का मजा लेने लगी.


रितेश काफी देर तक रुचि को अलग अलग आसनों में चोदता रहा.


वह कभी रुचि को घुटनों के बल बिठा कर अपना लंड चुसवाने लगता तो कभी उसे सीधी लिटा कर उसकी दोनों टांगें फैला कर चोदने लगता.


काफी देर तक ताबड़तोड़ चुदाई के बाद रितेश इंडियन टीन सिस्टर की सेक्सी चूत में झड़ गया. झड़ने के बाद रुचि पसीना पसीना हो गई थी. रितेश भी हांफ रहा था.


झड़ने के बाद रितेश ने रुचि से कुछ देर तक लंड चुसवाया. उसके निपल्स को भी चूसा. उसे रुचि के साथ यह सब करने में बड़ा मजा आ रहा था.


रुचि की चूत को खूब चोदने के बाद रितेश ने कहा- चल अब निकल धीरे से … और साली अपना मुँह बंद रखना, वर्ना तू जानती है कि मैं क्या करूँगा. वह हंस कर बोली- हां ठीक है भैया, अब मुँह बंद रखूंगी और चूत खुली.


रितेश समझ गया कि साली अब अपनी चूत में निर्मल का लंड लेने के लिए बिंदास हो गई है. रुचि ने अपनी ब्रा पैंटी को नहीं पहनी, वह सिर्फ अपना वन पीस पहन कर अपनी गांड मटकाती हुई चली गई.


मामा के यहां रहते हुए रितेश ने उसे दो बार चोदा. अब रितेश उधर से अपने घर आ गया.


बाद में रितेश को जानकारी मिली कि उसकी शादी तय हो गई है और अगले दो महीने बाद उसकी शादी होनी थी. रितेश भी उसकी शादी में गया था.


शादी होने के कुछ दिन बाद वह जब रितेश के घर घूमने आई तो रितेश से नजरें मिलाने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी.


आज भी उसके साथ बिताई वे रातें रितेश को याद आती हैं तो उसका मन पागल हो जाता है कि एक बार रुचि की चूत फिर से चोदने मिल जाए. लेकिन उस दिन के बाद से ना रितेश ने उससे कभी बात की … और ना उसने रितेश से नजर मिलाने की हिम्मत की.


इस बात को आज पूरे 8 साल हो चुके हैं. इस बीच में रितेश ने उससे एक दो बार उसके पति के बारे में जरूर पूछा, तो उसने सिर्फ़ इतना ही कहा- ढीला है! लेकिन काम हो जाता है!


रितेश ने पूछा- निर्मल से? वह हंस दी- कोई एक निर्मल हो तो बताऊं!


रितेश समझ गया कि यह पक्की रांड हो गई है.


दोस्तो, आप बताएं कि आपको इंडियन टीन सिस्टर सेक्सी कहानी कैसी लगी. [email protected]


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