इंस्टाग्राम से मिली दिल्ली की लड़की के साथ मजा

बेब लव

04-02-2024

0

होटल ओयो सेक्स कहानी में मैंने एक हसीं जवान लड़की के साथ सेक्स का अधूरा मजा लिया. वह मुझे इन्स्टाग्राम से मिली थी. लम्बी बातचीत के बाद मैं उससे मिला था.


मेरा नाम रोहण (बदला हुआ) है. अभी मैं 22 साल का हूँ. मेरा कद 6’2″ है.


दोस्तो, यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. उस वक्त मैं नया नया जवान हुआ था.


मुझे किसी दोस्त से अन्तर्वासना वेबसाइट की जानकारी मिली तो मैंने एक कहानी पढ़ी.


उस दिन से मैं इस साइट का शैदाई बन गया और रोजाना बेनागा मैं इस साइट पर सेक्स कहानी पढ़ता हूँ.


हालांकि उस वक्त एक या दो जीबी डाटा ही मिलता था जिसमें पूरा महीना काम चलाना पड़ता था. इसी लिए सेक्स कहानी पढ़ कर ही मुठ मारने का जुगाड़ हो जाता था.


मैं फिलहाल एक ऐसी कंपनी में जॉब करता हूँ, जो काम के चलते मुझे पूरे भारत में कहीं भी भेज देते हैं.


यह बात जनवरी 2021 की है. उस समय मेरी कोई भी जीएफ नहीं थी. मेरे अब तक 3 लड़कियों से ब्रेकअप हो चुके थे.


मैं इंस्टाग्राम पर चूतियों की तरह लड़कियां खोजता रहता था. हर किसी हॉट सी दिखने वाली लड़की को मैसेज कर देता था और यही उम्मीद मन में लिए रहता था कि आज कोई ना कोई पट ही जाएगी.


कोई पट भी जाती … तो साली मुझे अच्छी नहीं लगती … अच्छी वाली भाव नहीं देती थी. जो अच्छी भी है और भाव भी दो, तो साली बहुत दूर की निकल आती थी.


ऐसे ही चलता रहा.


एक दिन एक दिल्ली वाली लौंडिया मिली. वह एकदम हॉट माल थी. मैं उसे देख कर पगला गया.


मेरी उस बन्दी का नाम शहाना (बदला हुआ) है, वह 21 साल की है. उसके बदन का सही साइज़ मुझे नहीं मालूम. लेकिन वह स्लिम और बहुत सेक्सी है.


दूर की तो यह भी थी लेकिन अच्छी लगी थी, तो जुड़ा रहा.


उससे बात हुई. उसे मेरी कुछ बातें अच्छी लगती थीं. जैसे कि मेरा बात करने का तरीका, आटिट्यूड … हेयर स्टाइल.


मेरी उससे बात होने लगी. मुझे उस वक़्त यह उम्मीद नहीं थी कि मेरी जिंदगी के सबसे बेहतरीन पलों में से एक पल मैं इस बंदी के साथ गुजारूँगा. ऐसे ही बात होती रही.


मैं बातचीत में थोड़ा माहिर हूँ, तो जल्दी ही खुल कर सेक्स की बातें होने लगीं. वैसे भी मैं किसी भी लड़की से बातचीत शुरू होने के 3-4 दिन में सेक्स को लेकर स्टार्ट हो जाता हूँ. फिर चाहे कोई भी लड़की हो.


सोच यह रहती थी कि या तो लड़की पॉज़िटिव रिस्पॉन्स देगी या साली ब्लॉक कर देगी. हम लौंडे भी एक ही नियम बनाए हुए थे कि पटी तो ठीक, नहीं तो इंस्टाग्राम पर फिर से खोजबीन चालू.


तो इस लड़की को मेरे साथ सेक्स की बातें अच्छी लगने लगी थीं. ऐसे ही मैं उसके साथ अपनी हर चीज शेयर कर देता था.


वह भी बिंदास बात करने लगती थी. चूत में फिंगरिंग करना … लंड की मुठ मारना … चूत के बाल निकालना. ये सब बातें बड़े खुले तरीके से होने लगी थीं.


दोस्तो, अब उस लड़की से सेक्स की बात इतनी मस्त होने लगी थी कि अब आप सब लड़के लोग अपना अपना लंड पकड़ लो और लड़कियां अपनी अपनी चूत में उंगली डाल ही लो, क्योंकि गारंटी है कि अब आपसे रहा नहीं जाएगा.


एक दिन मैं उससे चूत में उंगली करने की बात कर रहा था.


उसने मुझे बताया हर लड़की फिंगरिंग करती है, बस साली कोई बताती नहीं है. मुझसे उसने यह भी कहा- हर लड़की की चूत का रस 8-10 मिनट में निकल जाता है. मैं तो खुद दो उंगलियां एक डालती हूँ.


उस दिन मुझे लगा कि यार यह बंदी मुझसे जरूर चुदवाएगी.


ऐसे ही वह अपनी चूचियों के फ़ोटो वगैरह भी भेजने लगी.


मेरे बहुत जिद की कि अपनी चूत की फ़ोटो भी भेजो. लेकिन कुतिया राजी ही नहीं हुई.


फिर भी हम दोनों लगे रहे. जब उससे बात करके लंड अकड़ जाता तो मैं पॉर्न में ब्लू-फिल्म देख कर खुद को खुश कर लेता.


उसके साथ मैं आठ महीने तक लगा रहा. उसके बाद मेरी कंपनी वालों ने मुझे हरियाणा जाने की तारीख बता दी.


यह बात जनवरी 22 की है. मैंने शहाना से बात की और उससे बोला- मैं अपनी कंपनी के काम से आ रहा हूँ … तू मिलेगी क्या?


उस वक्त मैं दक्षिण भारत में था. यह आपको भी पता है कि दक्षिण भारत में उतनी ठंडी नहीं होती जितनी दिल्ली में होती है.


उसने मुझसे आने की तारीख वगैरह पूछ ली, मिलने के लिए हां भी कर दी.


तब तक वह मुझे प्यार करने लगी थी. अब भी करती है.


जैसे ही उसने हां बोला, बस मैं अलग ही दुनिया में आ गया. मैं यही सोचता था कि पहली बार किसी लड़की को हग करूँगा, किस करूँगा, लड़की के दूध दबाऊंगा, पियूंगा, उसकी चूत देखूँगा, अपना लंड दिखाऊंगा. न जाने क्या क्या सोचने लगा था.


मुझसे रहा नहीं जा रहा था कि कब जाऊं और कब उसे चोद दूं.


आख़िर वह दिन भी आ गया.


उससे पहले मैंने ओयो के एक होटल में कमरे की बुकिंग कर ली थी. इतनी ज्यादा चुल्ल थी कि कंडोम के भी दस पीस वाला पैक दक्षिण भारत से ही लेकर चला था.


भैनचोद सच बताऊं तो मुझको भरोसा नहीं हो रहा था कि मैं दिल्ली जा रहा हूँ और उधर एक ऐसी लड़की से भी मिलूँगा, जो चूत देने को रेडी है. होटल ओयो सेक्स के लिए मैं मरा जा रहा था. आख़िरकार चौबीस घंटे की लंबी यात्रा के बाद मैं दिल्ली आ गया.


मैं सुबह 5 बजे पहुंच गया था. इधर की ठंड अपने पूरे शबाव पर थी. सर्द थपेड़े पड़े तो गांड फट गई.


मैं जल्दी से जल्दी अपने होटल के कमरे में पहुँच गया और कंबल ओढ़ कर आराम करने लगा.


उस वक्त भी साली नींद तो आ नहीं रही थी; बस दिमाग में यही चल रहा था कि शहाना कब आएगी और कैसे क्या होगा.


फिर मैंने कंडोम का पाउच फाड़ा और बाहर निकाल कर उसे लंड पर चढ़ा कर भी देखा कि साला ऐन मौके पर केएलपीडी न हो जाए. साली दिल्ली की लड़की है कहीं चूतिया समझ कर मेरी हंसी न उड़ाने लगे.


मेरा यह पहला अवसर था जब किसी लड़की के साथ ओयो सेक्स करने का मौका मिलने वाला था. अब तक सिर्फ बकचोदी ही हुई थी.


फिर सुबह के 9 बजे उसका कॉल आया. वह बोली- मैं आ गयी … तुम बाहर आओ.


मेरी नसों में खून में उबाल आ गया समझो बुद्धि ने काम करना बंद कर दिया. मैं उसके साथ ऐसे ही 2-3 मिनट तक कॉल पर बात करते हुए बाहर आया और उससे पूछा कि किस तरफ हो?


जैसे ही उसको देखा … आह नशा फट गया. क्या मस्त लग रही थी. उसने हल्के स्लेटी रंग का एक स्कार्फ अपने सर और गले में बांधा हुआ था.


कसम से क्या बताऊं, अब तक तो ऐसा था कि किसी लौंडिया के साथ एक सेल्फी भी मिल जाए, तो यही हमारे लिए बहुत बड़ा था … और अब तो खुद लौंडिया ओयो तक आ गई थी.


आपका भाई उस दिन एक अलग ही लेवल पर था. जैसे ही वह आई भैनचोद मेरी तो उससे हाथ मिलाने की भी हिम्मत नहीं हुई.


एक छोटे से गांव का लौंडा और वह दिल्ली की बंदी. सच बता रहा हूँ कि इस तरह से सामने से मिलने पर मेरी फट गयी थी.


फिर मैं अन्दर आ गया. रिसेप्शन पर एक बुड्ढा बैठा था.


वह बोला- सेकंड पर्सन लड़की है? मैं बोला- हां … पर ओयो पर तो जेंडर और बाकी डीटेल्स को लेकर कुछ भी पूछा ही नहीं था. यदि पूछा जाता, तो डाल देता. मैंने ऑलरेडी पूरा पेमेंट भी किया था, बाद में यह सब बोलकर परेशान ना करें.


बुड्ढे ने समझ लिया कि लौंडा तेज है, वह उसने कहा- ठीक है. उसने केवल शहाना का आधार कार्ड पूछ लिया.


शहाना आधार कार्ड नहीं लाई थी.


उसने अपने मोबाइल में मेल में सारे डॉक्यूमेंट्स आदि सब चैक कर लिए, पर आधार नहीं मिला था. उसके पास परिचय के लिए उसके परीक्षा के एडमिशन कार्ड आदि सब थे, पर बुड्ढा उनसे संतुष्ट नहीं था और मान ही नहीं रहा था.


वह बोला- सर आप यहां सोफा पर बैठ कर बात कर सकते हैं, लेकिन अन्दर ले जाना है तो आधार कार्ड जरूरी है. घर वापस जाकर लाने में तो दो घंटा लग जाते.


वह बोली कि मैं दिन में ही रुक सकती हूँ. रात को नहीं रुक सकती हूँ. मैंने कहा- कोई सहेली का माँग ले. क्योंकि उसका आधार डाउनलोड करने पर ओटीपी का एसएमएस उसके बाप के मोबाईल पर जाने वाला था.


बिना ओटीपी के होने वाला नहीं था.


शहाना ने सहेली से बात की तो उसने मना कर दिया. वह बोली- पापा को फोन कर देती हूँ कि कॉलेज का काम है, आप ओटीपी भेज दो.


मैं उसका आधार नंबर डाउनलोड करने लगा. साइट ने ओटीपी भेज दी. एक बार ओटीपी डाल दी, पर डाउनलोड नहीं हुआ.


फिर से एक बार ओटीपी के लिए कॉल किया. इस बार काम हो गया. मैं खुश हो गया. अब साला फिर से पासवर्ड पूछने लगा. इसमें भी कुछ मिनट लग गए.


फिर बुड्ढे ने आधार कार्ड ले लिया और शहाना के थंब इंप्रेशन लेकर जाने दिया. मैं बहुत खुश हुआ.


फिर कमरे के लिए सीढ़ियों पर चढ़ते समय मैंने शहाना से हाथ मिलाया.


‘हैलो … दिस इज रोहन.’ उसने भी हंस कर हाथ मिलाया.


फिर इतनी लंबी टिकिर-पिकिर के बाद रूम में पहुंच ही गए.


रूम में पहुंचते ही मैंने दरवाजा बंद किया और उसकी तरफ देखा.


उसकी दिल की धड़कनें इतनी तेज हो गईं, जो उसके छोटे छोटे समोसे जैसे मम्मों के ऊपर से ही साफ दिख रही थीं.


शहाना दिल्ली की थी जरूर, मगर शरीफ लौंडिया थी. वह घबरा गयी थी.


मैंने कहा- अरे आराम से बैठो … किसी बात की जल्दी नहीं है और न ही हरेक बात जरूरी है. जिसमें तुमको खुशी मिले, वह मेरे लिए भी अच्छा है. कुछ मिनट के बाद वह थोड़ी सामान्य हुई.


मैं हवस का भूखा प्राणी उस पर टूट पड़ा. मैंने उसे ज़ोर से पकड़ लिया.


बापू कसम … क्या महक रही थी वह … उसके जिस्म के हर जर्रे से खुशबू का सैलाब आया हुआ था.


मैं जब दूसरों की सेक्स कहानी यह बात पढ़ता था कि क्या खुशबू थी उसके जिस्म की … तो मैं सोचता था कि साला चूतिया बना रहा है. लेकिन कसम से जो खुशबू उसकी बॉडी से आ रही थी, वह कमाल की थी.


उसके शैंपू से धोये हुए बाल, जो मेरे चेहरे पर आ रहे थे … एकदम रेशमी सा अहसास करवा रहे थे. उसके छोटे छोटे बूब्स, जो मेरे सीने में टकरा रहे थे, तो मन कहने लगा था कि यही है जन्नत … सच में मैं उसकी बांहों में खुद को पाकर जन्नत की सैर करने लगा था.


ऐसे ही कभी ऊपर, कभी नीचे … हम दोनों दस मिनट तक एक दूसरे से लिपटते रहे.


इतनी देर में शहाना एक शब्द भी नहीं बोली. उसके चेहरे पर घबराहट सी थी.


वह भले ही कुछ कह नहीं रही थी पर उसके चेहरे पर वह सब साफ झलक रहा था. मैं उसे किस करने लगा.


उसने मुझे अपने होंठों पर चुंबन करने नहीं दिया. मैं तब भी लगा रहा और मुझे उसके जिस्म का जो भी हिस्सा चूमने को मिलता, मैं उसे वहां चूम लेता था. चाहे गला हो, गाल हो या उसकी छाती का खुला हिस्सा ही क्यों न हो.


वह मेरे साथ बेचैन होने लगी थी. अब मैं उसके बूब्स मसलने लगा, उसकी पीठ पर हाथ फेरते हुए पीठ को सहलाने लगा.


जनवरी में दिल्ली की सर्दी और शहाना के जिस्म की गर्मी दोनों में एक रस्साकशी सी चल रही थी.


मैंने जब से होश संभाला था, तब से जवान लड़की के दूध इतने नजदीक से नहीं देखे थे. मैं पहली बार शहाना के बूब्स देख रहा था. पहली बार ही मम्मों को हाथ सहला रहा था और दबा भी रहा था.


कुछ ही देर बाद मैंने शहाना के एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और पीने लगा. उसको भी मज़ा आने लगा था.


मैं एक दूध को सहलाता था, एक को पीने लगता था. थोड़ा ज़ोर से दबाता तो उसे दर्द होता था.


अब तक पॉर्न फिल्मों में जो भी देखा था और सेक्स कहानियों में पढ़ा था, वही सब धीरे धीरे ऊपर से नीचे तक चल रहा था.


मैं उसके जिस्म के हर गुंदाज हिस्से को दबाने लगा. कभी वह मना करती, कभी सहयोग करती.


फिर मैंने स्वेटर उतारने को बोला. वह मना करने लगी.


मैंने कहा- सिर्फ़ स्वेटर ही उतारो. टी-शर्ट नहीं उतारना. वह मान गई.


थोड़ी देर बाद टी-शर्ट की बारी आई तो वह मना करने लगी.


उसने कहा- बूब्स तो देख ही लिए … अब क्या बाकी रहा है? मैंने कहा- उतार दे ना यार!


उसने नखरे करते हुए टी-शर्ट और ब्रा को निकाल दिया. मैंने भी अपनी टी-शर्ट और बनियान निकाल दी.


हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर पड़े रहे वह मेरी कुछ हरकतों को करने से मना करती, तो मैं उसका हाथ पकड़ कर दबा लेता था.


मैंने फिर से लिप-किस के लिए ट्राइ किया. वह मना करने लगी.


मैं उसकी पैंट खोलने की कोशिश करने लगा तो उसने मना कर दिया.


फिर वह उठकर दूर जाकर बैठ गयी. मैं उसे मना कर अपनी बांहों में उठा लाया.


अब मैंने उसकी बेल्ट खोल दी और पैंट का हुक भी खोल दिया. वह कुछ समझ पाती कि मैंने उसकी पैंट ज़ोर से नीचे को खींच दी और निकाल कर दूर फेंक दी.


अब मेरे सामने शहाना अपनी काली पैंटी में थी. सच में क्या माल लग रही थी.


इतनी गोरी गोरी टांगें, इतना गोरा पेट, छोटे छोटे गोरे गोरे तने हुए बूब्स! मेरा लंड तो वैसे ही कमरे में आने के बाद से ही खड़ा था लेकिन अब तो यह हॉट नज़ारा देखते ही इतना ज़ोर से लहराया कि क्या क्यूँ!


लंड की झुरझुरी देख कर शहाना भी हंस दी. उसकी नजरों में मेरे लंड का उभार साफ दिखने लगा था.


मैंने उसकी मुस्कान देख कर अपनी पैंट खोल दी. अब हम दोनों अंडरवियर में थे.


मैंने उसकी चूत में उंगली डाल दी और उसके ऊपर पड़ा रहा. वह सिसकारने लगी तो मैंने बिना देर किए उसकी पैंटी भी निकाल दी.


मैंने उसकी चूत को देखा तो वह पूरी गीली थी. तभी मैंने अपनी भी अंडरवियर उतार कर फेंक दी.


मेरा लौड़ा सलामी देने लगा था. मुझे रहा नहीं जा रहा था.


दोस्तो, जैसे पॉर्न में होता है, वैसे ही मैंने भी उसकी चूत चाटने की सोची. उसकी दोनों टांगें उठा कर फैलाईं तो मेरे सामने चूत पर हल्के हल्के काले बाल थे.


उसकी चूत शेष जिस्म की दूधिया रंगत के सामने थोड़ी काली थी.


उस वक्त उसकी चूत बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थी. मैंने अपना मुँह बंद कर लिया और कुछ सेकंड तक उसकी चूत के ऊपर रगड़ दिया.


मुझसे चूत को चाटा नहीं गया, पता नहीं क्यों … घिन सी आई.


उसके बाद मैंने कंडोम निकाल कर अपने लौड़े पर चढ़ाया. वह भी साला पूरा आखिर तक चढ़ा ही नहीं.


वह देख कर मना करने लगी- प्लीज इस बार नहीं प्लीज. उसने बताया कि वह ओयो के कमरे तक आ गई थी और यह जताने आई थी कि वह मुझसे प्यार करती है, इसलिए ही आई थी.


उसे शायद सेक्स भी करना था लेकिन वह डरती थी. क्योंकि किसी महान चूतिए या चूतियन ने उससे कहा होगा कि कंडोम पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता है.


मैंने उससे बहुत बोला लेकिन वह मना करती रही. फिर मैं वैसे ही उसे अपनी बांहों में लेकर नंगा लेटा रहा.


मैंने उसके सामने कंडोम में ही मुठ भी मार ली. मैं इतना ज्यादा गर्म हो चुका था कि पांच मिनट में ही सारा माल निकल गया.


मैंने कंडोम निकाल कर एक कागज की पुड़िया में पैक किया कि बाहर कहीं फेंक दूंगा. उसके बाद हम दोनों नंगे ही चिपक कर कंबल ओढ़ कर लेटे रहे.


मैं उसकी चूत में उंगली करता रहा. लंड तो डाल ही नहीं सका. फिर ऐसे ही लेट कर चुम्मा चाटी हुई और उसके बाद कपड़े पहन कर कुछ फ़ोटो लिए.


बाहर घूमने गए, पिज़्ज़ा खाया, लौड़ा लस्सुन यही सब चलता रहा.


जो बंदा एक बंदी को ओयो तक लेकर आया, उसे नंगी भी कर सकता था, वह उसे चोद भी सकता था. लेकिन मैंने उसका फ़ायदा नहीं उठाया.


दोस्तो, मेरी ओयो सेक्स कहानी यहीं खत्म हो गई थी. आपको सेक्स कहानी कैसी लगी, नीचे कमेंट्स में जरूर बताना.


अभी सितंबर 2022 में उससे फिर से मिलने जा रहा हूँ. इस बार उससे तय कर लिया है कि 100% सेक्स करेंगे.


वह भी चुदने के लिए राजी हो गई है. देखो क्या होता है!


दोस्तो, अगली सेक्स कहानी में फिर से मिलेंगे. आप इस होटल ओयो सेक्स कहानी पर कमेंट्स जरूर करें. [email protected]


First Time Sex

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ