ससुर के लण्ड की दीवानी हो गई मैं

रेहाना खान

29-05-2023

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रियल फॅमिली Xxx स्टोरी में पढ़ें कि जब मैं जवान हुई तो मेरी सहेली ने मुझे अपने भाई का लंड दिखाया. लेकिन मेरी बुर में पहला लंड मेरे खालू का गया. मेरी शुरूआती चुदाई की घटनाओं का मजा लें इस कहानी में!


दोस्तो, मेरा नाम रेहाना बेगम है.


मैं एक बेहद खूबसूरत गोरी चिट्टी हॉट बीवी हूँ। ज्यादा पढ़ी लिखी तो नहीं हूँ पर बहुत बोल्ड और निडर हूँ. मुझे सेक्स बहुत ज्यादा पसंद है।


मैं जब नई नई जवान हुई थी तो लड़कों की तरफ आकर्षित होने लगी थी, उनके पाजामे में हाथ घुसेड़ने लगी थी। मैंने जब पहला लण्ड पकड़ा था, तभी मुझे मालूम हुआ था कि लण्ड एक ऐसी चीज है जो वैसे तो लुंज पुंज पड़ा रहता है लेकिन हाथ लगाते ही खड़ा हो जाता है और बढ़ने लगता है, मोटा होने लगता है।


सबसे पहले मैंने जो लण्ड पकड़ा था वह मेरी सहेली के चचेरे भाई जान का था।


हुआ यह कि एक दिन उसने मुझे अपने घर बुलाया और कहा- यार, आज मैं घर में केवल मैं हूँ और मेरा चचेरा भाई जान है। मेरी अम्मी जान अब्बू के साथ कहीं बाहर गईं हैं। मेरा भाई जान तुमको बहुत पसंद करता है. चलो मैं तुमको उससे मिलवाती हूँ।


मैं जब उससे मिली तो मुझे बड़ा अच्छा लगा।


फिर वह मेरे कान में बोली- रेहाना मेरे भाई जान का लण्ड पकड़ोगी? मैं थोड़ा शर्मा गई और बोली- नहीं बाबा नहीं, मैं नहीं पकड़ूँगी, पता नहीं पकड़ने से क्या होगा? पहले तो मैंने कभी पकड़ा नहीं लण्ड!


वह बोली- कुछ नहीं होगा, बड़ा मज़ा आएगा यार! एक बार पकड़ कर तो देखो!


ऐसा कह कर उसने अपने भाई जान का पजामा खोल दिया वह मेरे आगे नंगा हो गया। मैंने नज़र उठा कर लण्ड देखा तो सिहर गई, थोड़ा सकपका गई.


लेकिन मुझे लण्ड बहन चोद बड़ा अच्छा लग रहा था। मैं बार बार अपनी नज़रें उठा उठा कर लंड देखने लगी।


फिर उसने मेरे हाथ पकड़ कर लण्ड पर रख दिया।


मैंने झिझकते हुए लण्ड पकड़ लिया और मैं अपने आप ही हौले हौले उसे सहलाने लगी।


मुझे देख कर वह बोली- कैसा लगा तुझे मेरे भाई जान का लण्ड रेहाना? मैंने कहा- बहुत अच्छा लगा यार!


फिर उसने अपने कपड़े खोले और मेरे भी कपड़े खोलने लगी। जैसे जैसे मेरे कपड़े खुलने लगे, वैसे वैसे मेरी चूत की आग भड़कने लगी।


इतने में हम तीनों एकदम नंगे हो गए तो मेरी शर्म ख़त्म हो गयी। पहले उसने लण्ड चाटा, फिर मैं भी चाटने लगी।


फिर उसने लंड मुंह में लेकर चूसा … तो मैं भी उसका लंड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी।


वह बोली- तू तो बुरचोदी … अच्छी तरह लण्ड चूस लेती है। मैंने कहा- हां यार, बड़ा मज़ा आ रहा है।


फिर मैं मस्ती से लंड हिलाने और चूसने लगी … उसे अपने होठों से, अपने गालों से टकराने लगी। मैं उसके पेल्हड़ भी सहलाने लगी।


उसने भी मेरी चुम्मी ली, मुझे प्यार किया, मेरी चूचियाँ दबायीं, मेरे नंगे बदन पर बड़े प्यार से हाथ फिराया।


मैं और ज्यादा बेशरम होने लगी मस्ती में आने लगी। तब मैं अपने आप ही लण्ड मुठ्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी। वह मेरा साथ देने लगी.


इतने में हम दोनों के चूसते चूसते ही लण्ड झड़ने लगा। उसने मुझे झड़ता हुआ लण्ड चाटना भी सिखा दिया।


उस दिन मैंने पहली बार अपनी सहेली के साथ झड़ता हुआ लण्ड चाटा।


उसके बाद तो मैं बड़ी तेजी से जवान होने लगी, मेरे बूब्स भी तेजी से बढ़ने लगे और मैं लण्ड पे लण्ड पकड़ने लगी। कुनबे के लोग भी मुझे लण्ड पकड़ाने लगे।


रियल फॅमिली Xxx स्टोरी मेरे खालू के लंड से शुरू हुई थी.


एक दिन मेरा खालू मेरे सामने लुंगी खोल कर खड़ा हो गया बोला- बेटी रेहाना, लो मेरा भी लण्ड पकड़ कर देखो! तो मैंने मस्ती से मौसा का लंड पकड़ भी लिया।


उसने मुझे नंगी कर दिया और लण्ड पेल कर खोल दी मेरी बुर। फिर मैं भी पेलवाने लगी लण्ड और चुदवाने लगी अपनी चूत।


इस तरह मैं अपनी शादी के पहले 6 /7 लोगों से चुदवा चुकी थी, मुझे बड़ा मज़ा आने लगा था और मैं भोसड़ी वाली बन गई थी एक चुदक्कड़ लड़की। शादी के पहले ही अच्छी तरह चुद चुकी थी। कई लण्ड का मज़ा ले चुकी थी।


मैं शादी के बाद ससुराल आ गई तो सबसे पहले अपनी सास से मिली और फिर ननद से भी मिली।


वहां मैं अपनी सास को देख कर खुश इसलिए हुई कि वे अभी एकदम मस्त जवान और सेक्सी दिखतीं थी। उनकी बेटी यानि मेरी ननद भी बेहद खूबसूरत और अच्छी नाक नक्श वाली है।


मेरी सास मेरी ननद की माँ नहीं बल्कि उसकी बड़ी बहन लगती थीं।


सास का नाम है आहिरा बेगम और मेरी ननद का नाम है हिना।


सच बताऊँ दोस्तो, मेरे मन आया कि अगर मैं लड़का होती तो सबसे पहले सास की चूत में लण्ड पेल देती. सास की चूचियों के बीच में भी घुसेड़ देती लण्ड! फिर उसी के सामने बड़े प्यार से चोदती उसकी बिटिया की बुर.


मेरी सास की बिटिया यानि मेरी ननद भी बुर चोदी बड़ी हॉट लड़की है। मैं सोचने लगी कि मेरी शादी के एक साल पहले उसकी शादी हो चुकी है तो वह अब तक जाने कितने लण्ड खा चुकी होगी?


वैसे मैं भी अपनी शादी के पहले कई लण्ड खा कर आई हूँ। खूब मस्ती से कई लोगों से चुद कर आई हूँ। यह बात केवल दो लोगों को मालूम है। एक तो मुझे मालूम है और दूसरे मेरी चूत को!


बाकी किसी भोसड़ी वाले को कुछ नहीं मालूम!


अपनी सुहागरात में मैंने अपने शौहर से जिस अदा से कसमसाते हुए, सिसकारियों लेते हुए चुदवाया कि उसे पूरा यकीन हो गया कि आज ही उसने मेरी कुंवारी चूत की सील तोड़ी है। मुझसे कहीं ज्यादा तो वह खुश था मुझे चोद कर! यह बात मुझे बाद में मेरी ननद ने बताई।


मेरी ससुराल में सब मादरचोद मुझे बुरी नियत से देखने लगे। मैं भी मज़ा लेने के लिए अपने जिस्म का प्रदर्शन करने लगी। कभी अपनी मस्त मस्त टांगें और घुटने दिखाती, कभी अपने बड़े बड़े मम्मों के दीदार कराती, कभी अपनी आँखें मटका मटका कर बातें करती, कभी तिरछीं निगाहों से देख देख कर सबका मन मोह लेती।


एक दिन मैं सास और ननद तीनों बैठी हुई चुहलबाजी कर रहीं थीं, हंसी मजाक कर रहीं थीं।


तभी अचानक सास ने पूछा- बहू, मुझे सच सच बता कि तू शादी के पहले कितनी बार चुदी थी? मैंने कहा- यह सच है कि मैं शादी के पहले कई बार चुदी थी. कॉलेज के लड़कों से भी चुदी थी और कुनबे के लोगों से भी!


तब सास बोली- यार, चुदी हुई तो मैं भी बहुत थी अपनी शादी के पहले। मुझे इस बात की ख़ुशी है कि तू भी चुदी हुई है। मैं वास्तव में चुदी हुई बहू चाहती थी। और सुन, तेरी बुरचोदी ननद भी खूब चुदी थी अपनी शादी के पहले। मेरी ननद बोली- अरे भाभी जान, तेरी सास ने खुद मेरी बुर चुदवाई थी अपने देवर से! अपने देवर लण्ड पेला था मेरी चूत में तेरी सास ने भाभीजान। फिर मैंने भी अपनी शादी के बाद अपने देवर का लण्ड इसकी चूत में पेला था और रात भर पेलती रही। मैंने खूब चुदवाया फिर तेरी सास का भोसड़ा। बदला तो लेना ही था तो ले ले लया।


मैंने दोनों की बातें सुनकर खूब एन्जॉय किया।


अब मुझे मालूम हो गया कि मुझे ससुराल में चुदाई का मज़ा खूब मिलेगा।


एक दिन मेरी फुफिया सास की बेटी हिबा आ गयी। वह भी शादीशुदा है.


उससे भी बातें होने लगीं। बातों बातों में मैं उससे पूछ बैठी- यार हिबा, यह बताओ कि इन कुनबे में सबसे बड़ा और सबके मोटा लण्ड किसका है? उसने दिमाग दौड़ाया और फिर एकदम से बोली- यार, सबसे बड़ा और मोटा लण्ड तो तेरे ससुर का ही है भाभी जान. मेरे हाथ के बराबर तो लम्बा हैं उसका लण्ड और मेरी कलाई के बराबर मोटा!


तो मैंने पूछा- क्या तुमने कभी मेरे ससुर का लण्ड पकड़ा है? वह बोली- हां पकड़ा है यार … और चुदवाया भी है। उसने तो मेरी बुर फाड़ डाली थी। तीन दिन तक मेरी चूत में दर्द होता रहा। अच्छा रुको!


उसने फोन अपनी अम्मी जान को लगाया और पूछा- अम्मी जान, कुनबे में सबसे बड़ा और मोटा लण्ड किसका है? उसने जबाब दिया- हिना के अब्बू का लण्ड! उसके लण्ड के मुकाबले किसी का लण्ड नहीं है बहनचोद पूरे कुनबे में। उसके बाद तेरे ससुर का लण्ड आता है।


मैंने कहा- हाय दईया, तेरी अम्मीजान तो सबके लण्ड के बारे में जानतीं हैं। हिबा बोली- अरे यार रेहाना भाभी, मेरी बुर चोदी अम्मीजान बहुत बड़ी चुदक्कड़ औरत है। पूरे कुनबे के लण्ड का मज़ा लेती है मादरचोद और मेरे मियां से भी खूब घपाघप चुदवाती है भोसड़ी वाली।


अपने ससुर लण्ड के बारे में सुनकर मेरी तो चूत की आग बहुत जयादा ही भड़क उठी। मैंने ठान लिया कि अब मैं किसी न किसी दिन अपने ससुर का लण्ड पकड़ कर ही दम लूंगी।


मेरे ससुर का नाम है फ़िरोज़। वह 48 साल का एकदम गोरा चिट्टा जवान मर्द है। वह अपने काम धंधे में मशगूल रहता है और उसकी बीवी और बेटी ग़ैर मर्दों लण्ड में मशगूल रहतीं हैं। अब तो उसकी बहू भी यानि मैं सास ननद के साथ गैर मर्दों के लण्ड का मज़ा लूटने लगी हूँ।


मेरा ससुर न दाढ़ी रखता है और न टोपी पहनता है। मुझे तो उसके सर की टोपी नहीं उसके लण्ड का टोपा परेशान कर रहा था।


मैं उसके लण्ड का टोपा देखने के लिए पागल बनी घूम रही थी। उसके हर काम पर नज़रें गड़ाए हुए थी, उसके हर कदम को बड़ी बारीकी से देख रही थी।


मैं उसको नहाते धोते हुए, कपड़े पदलते हुए, लुंगी खोलते और पहनते हुए, नाड़ा खोलते और बांधते हुए इसी मकसद से देख रही थी कि कहीं से मुझे उसके लण्ड की झलक मिल जाए। कहीं से वह लण्ड का टोपा मुझे दिख जाए! लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं दिन पर दिन बेकरार होती जा रही थी।


इधर मैं भी उसे अपने बड़े बड़े मम्मो का उभार दिखाती थी लेकिन निप्पल बिल्कुल नहीं, अपनी मोटी मोटी जांघें दिखाती थी लेकिन चूत बिल्कुल नहीं, अपने चूतड़ भी दिखाती थी लेकिन गांड का छेद बिल्कुल नहीं।


मैं उसे रिझाने में जुटी हुई थी; उसके लण्ड में आग लगाने में लगी हुई थी। मैंने सोचा कि अगर वह मर्द है तो एक न एक दिन मुझ पर टूट पड़ेगा, दबोच लेगा मुझे … पेल देगा अपना लण्ड मेरे जिस्म के हर एक छेद में। जब वह अपनी बहन का भोसड़ा चोद सकता है, उसकी बिटिया की बुर चोद सकता है तो मुझे क्यों नहीं चोद सकता?


जैसे कोई बिल्ली किसी चूहे की तलाश में रहती है वैसे ही मैं भी अपने ससुर लण्ड के तलाश में रहने लगी।


इत्तिफाक से एक दिन मेरी सास अपने मायके चली गई और ननद अपनी ससुराल। घर में मैं थी और मेरा ससुर। बस मुझे मौक़ा मिल गया।


रात को मेरा ससुर आ गया। वह खा पीकर जब वह बिस्तर पर लेटने जा रहा था तो उसने मुझे देखा और बोला- वाह बहू रानी, तुम तो आज माशाल्ला बहुत ही खूबसूरत लग रही हो।


मैं उस समय बाथ रूम से निकली थी और अपना पेटकोट ऊपर चूचियों तक उठा कर बाँध लिया था। मेरी बड़ी बड़ी चूचियों का उभार उसे साफ़ साफ़ दिखाई पड़ रहा था। और साथ में मेरे घुटने भी दिखाई पड़ रहे थे। मेरी बाहें तो एकदम खुली हुई थीं।


उसने मेरा हाथ पकड़ लिया बोला- मैंने तुमको इस तरह कभी नहीं देखा बहू! आज तुम मेरी जान ले रही हो। मेरी नीयत तुम पर ख़राब हो गई है बहू रानी। हटाओ ये बहनचोद पेटीकोट … यह यहाँ क्या कर रहा है?


ससुरे ने मेरे पेटीकोट में हाथ डाल दिया। पेटीकोट के अंदर चूचियाँ भी थीं और चूत भी!


वह मेरे बड़े बड़े मम्मे दबाता हुआ बोला- क्या बात है … इतने बड़े बड़े दूध तो किसी के नहीं है बहूरानी! तुम तो बिल्कुल ज़न्नत को हूर हो. मुझे पता ही नहीं था कि इतनी बड़ी हुश्न की मलिका मेरे घर में ही मौजूद है।


उसने मुझे गोद में उठा लिया और पलंग पर पटक दिया, फिर मेरे ऊपर चढ़ गया।


मैंने कहा- अरे ससुर जी, मैं आपकी बहू हूँ। बहू तो बेटी के सामान होती है। वह बोला- हां होती है. पर आजकल बेटियां भी बड़ी ख़ुशी ख़ुशी देतीं हैं अपनी बुर। तुम भी मुझे दो अपनी बुर बहूरानी।


इतने में उसने मेरा पेटीकोट नीचे उतार कर फेंक दिया। मैं मादरचोद उसकी बाँहों में एकदम नंगी हो गयी।


वह मेरे दूध खूब अच्छी तरह से मसलने लगा, मेरी चूत सहलाने लगा और मेरे नंगे जिस्म पर हाथ फिराने लगा।


फिर मैंने भी उसका लौड़ा टटोलना शुरू किया।


जैसे ही मेरा हाथ उसके लण्ड से टकराया, वह एकदम नंगा होकर अपना खड़ा लण्ड मुझे दिखाता हुआ बोला- लो मेरा लण्ड चूसो मेरी बहू रानी … जैसे कुनबे की सब बहू बेटियां चूसतीं हैं।


लण्ड देखते ही मेरी बहनचोद गांड फट गई। मेरे मुंह से निकला- हाय दईया, इतना बड़ा लण्ड … बाप रे बाप … यह तो बिल्कुल घोड़े का लण्ड लग रहा है।


मुझे पहली बार इस बात का अहसास हुआ कि लण्ड इतने बड़े बड़े भी होते हैं।


मैंने कहा- मैं लण्ड चूसूंगी बाद में, पहले जी भर कर देख तो लूं तेरा ये भोसड़ी का लण्ड। तेरा लण्ड जितना खूबसूरत लग रहा है उतना ही खूंखार भी लग रहा है। तेरा तो लण्ड चूत क्या भोसड़ा भी फाड़ डालेगा बहनचोद।


फिर मैंने कहा- ससुर जी, तू बेटी चोद इतना हरामी है यह मुझे नहीं मालूम था। तू अपनी बेटी बहू की बुर लेता है। बेटी बहू की बुर में लण्ड पेलता है, तुझे शर्म नहीं आती?


वह बोला- यहाँ सब लोग लेते हैं अपनी बेटी बहू की बुर! हमारे यहाँ चुदाई में सब जायज़ है, कुछ भी गलत नहीं है। जब लण्ड खड़ा होता है तो उसे चाहिए बुर, वह बुर चाहे जिसकी हो. चूत जब गरमा जाती है तो उसे चाहिए लण्ड वह लण्ड चाहे जिसका हो. तूने भी तो बड़ी मस्ती से पकड़ लिया अपने ससुर लण्ड, तुझे शर्म आई क्या?


उसकी बात में दम था।


मैं लण्ड चारों तरफ से घुमा घुमा कर देखने लगी और बीच बीच में बड़े प्यार से उसका टोपा भी चूमने लगी।


फिर मैंने अपने पर्स से इंची टेप निकाला और लण्ड को नापा। लण्ड साला 9″ लंबा और 6″ मोटा निकला। मैंने इंची टेप लण्ड पर लपेट कर नापा।


मुझे लण्ड नापने का बड़ा शौक है, मैं जो भी नया लण्ड पकड़ती हूँ उसकी नाप लेकर अपनी डायरी में लिख लेती हूँ।


मैं एक भूखी बिल्ली की तरह लण्ड चाटने लगी, पेल्हड़ भी चाटने लगी। उसकी झांटें बिल्कुल साफ़ थीं तो लण्ड चाटने में बड़ा मज़ा आ रहा था।


वह भी मेरी बुर चाटने लगा।


मैंने पूछा- तुमको अपनी बहू की बुर कैसी लगी ससुर जी? तो वह बोला- तेरी बुर तो बड़ी लाजबाब है बहू रानी, एकदम मक्खन मलाई की तरह है। बड़ा मज़ा दे रही है मुझे!


वह मेरी गांड भी चाट रहा था। वह अपने दोनों हाथों से मेरी चूचियाँ मसल रहा था, मेरे नंगे जिस्म को अपने दांतों से पोले पोले काट काट कर मज़ा ले रहा था.


मैं भी हर पल उत्तेजित होती जा रही थी। मैं फिर लण्ड मुंह में भर कर चूसने लगी। मुझे पराया मरद नंगा नंगा बहुत ही प्यारा लगता है। मैं तो ससुर के लण्ड में खो गईं।


मैंने लण्ड को अपने चेहरे पर और अपनी चूचियों पर खूब मजे से रगड़ रगड़ कर मज़ा लिया।


मन में मैंने सोच लिया कि मेरा ससुर ही मेरा असली शौहर है। मैं इसके लण्ड का मज़ा खुल्लम खुल्ला लेती रहूंगी। मुझे किसी भोसड़ी वाले का डर नहीं है।


काफी देर तक यह सब होता रहा।


फिर उसने मेरी टांगें फैलाई और लण्ड धच्च से घुसा दिया मेरी चूत में अंदर! मैं केवल उफ़ कह कर रह गयी क्योंकि मैं चुदी हुई थी इसलिए दर्द का तो कोई सवाल ही नहीं था.


उसकी चुदाई में मुझे ज़न्नत आने लगा। इतनी अच्छी तरह तो मेरे शौहर ने भी नहीं चोदा था.


उसे भी मज़ा आया तो बोलने लगा- तेरी चूत बड़ा मज़ा दे रही है बहू! मैं आज तेरी चूत फाड़ डालूँगा बुरचोदी रेहाना। तू बहुत गज़ब की चीज है यार। तू भोसड़ी की चुदवाने में बड़ी माहिर है। इतनी माहिर तो तेरी ननद भी नहीं है। हाय तेरी चूत बड़ी टाइट है बहन चोद। मेरा लण्ड चिपक कर घुस रहा है अंदर!


मैंने कहा- हाय रे ससुर जी, चोदे जाओ मेरी फुदी, तेरा लण्ड बड़ा जबरदस्त है यार, धज्जियाँ उड़ा दो मेरी चूत की, मेरी चूत लण्ड लण्ड बहुत चिल्लाती रहती है, आज इसे असली लण्ड मिला है।


फिर क्या … उसने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी। धच्च धच्च, भच्च भच्च, गच्च गच्च की आवाज़ें लगीं।


मैं भी अपनी गांड उठा उठा के मजे से चुदवाने लगी, मस्ती में बोलने लगी- हाय मेरे राजा, खूब चोदो मुझे, तुम मेरे असली हीरो हो, मेरे असली शौहर हो! मैं ही तेरी बीवी हूँ, तेरी रानी हूँ, तेरी रखैल हूँ, तेरी रंडी हूँ, तेरी हरामजादी बुर चोदी चुदक्कड़ बहू हूँ! तू ही मेरी चूत का असली मालिक है. फाड़ डालो मेरी चूत, चीर डालो मेरी बुर, तेरा लण्ड मुझे बहुत पसंद है यार। मैं तेरे लण्ड की गुलाम हो गई हूँ।


फिर उसने मुझे इस कदर चोदा कि मैं दो मिनट में ही खलास हो गयी और उसके लण्ड ने भी उगल दिया वीर्य।


इस तरह मैं ससुर से रात भर चुदी और हर तरफ से चुदी। आगे से भी चुदी, पीछे से भी चुदी और लण्ड पर बैठ कर भी चुदी। मैं तो ससुर के लण्ड की दीवानी हो गयी, उसके लण्ड की गुलाम हो गई।


दूसरे दिन मेरी ननद अपने ससुर फ़राज़ के साथ आ गयी।


मैं तो फ़राज़ को देख कर मस्त हो गयी। वह भी बहन चोद बड़ा बांका मरद था। मेरा दिल उस पर आ गया। मैं तो उसके लण्ड के बारे में सोचने लगी.


रात को जब हम दोनों ननद भौजाई बिस्तर पर आईं तो उधर से मेरा ससुर और मेरी ननद का ससुर भी आ गया।


तब मुझे मालूम हुआ कि मेरी ननद का ससुर मेरे ससुर का दोस्त है। इसी दोस्ती के कारण मेरे ससुर ने अपनी बेटी की शादी फ़राज़ के बेटे से कर दी और हिना मेरी ननद बन गयी उसकी बहू।


मुझे यह भी मालूम हुआ कि ये दोनों अपने ज़माने में एक साथ मिलकर लड़कियां चोदा करते थे, दूसरों की बीवियां और बहू बेटियां भी चोदा करते थे।


मेरा ससुर एकदम खुल कर बोला- यार फ़राज़ तेरी बहू दिल खोल कर तुझे चूत देती है या नहीं? मेरी बहू तो एकदम बिंदास हो कर मुझे अपनी चूत देती है। मैंने कल रात भर कई बार उसकी चूत ली है।


वह बोला- अरे यार, मेरी बहू भी खूब मस्ती से दिल खोल कर देती है अपनी चूत! बड़ा मज़ा आता है उसे चोदने में। मैं तो मस्त हो जाता हूँ। कल मैंने भी रात भर मारी अपनी बहू की चूत!


तब तक मेरी ननद बोली- अच्छा ठीक है। तुम लोग अपनी अपनी बहू चोद चुके हो अब आज तुम लोग आमने सामने एक दूसरे की बहू चोदो। तब देखो कितना मज़ा आता है?


सब लोग उसकी बात मान गए। मैं तो यही चाहती ही थी। सबके चेहरे पर चमक आ गयी।


मुझे ननद के ससुर ने अपनी तरफ खींच लिया और मेरी बड़े प्यार से चुम्मी ली।


वह बोला- तुम मेरी बहू की भाभीजान हो. मेरा रिश्ता तो तुम्हें डबल चोदने का है रेहाना बहू। मैंने कहा- हां तो फिर दो दो बार चोदो न मुझे! जितना चाहो उतना चोदो।


बस उसने मुझे अपने बदन से चिपका लिया।


उधर मेरी ननद मेरे ससुर से चिपक गयी यानी वह अपने अब्बू जान से चिपक गयी।


दोनों तरफ गज़ब की आग लगी हुई थी।


हम लोगों के धीरे धीरे कपड़े उतरने लगे।


जब मेरी ननद पूरी नंगी हुई तो उसे देखकर मैं मस्त हो गयी।


उसकी बड़ी बड़ी सख्त चूचियाँ बड़ी सेक्सी थीं, उसका कसा हुआ जिस्म और उसकी टाइट चूत किसी को भी अपना दीवाना बना सकती है। मेरी ननद की खूबसूरत बाहें तो सबका मन मोह लेती हैं।


मुझे उसके ससुर का लण्ड देखने की जल्दी थी तो मैंने उसे पहले नंगा किया। वह जब नंगा हुआ तो उसका लण्ड टन्न से मेरे गाल में लगा तो मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।


उसका लण्ड मेरे ससुर के लण्ड जैसा ही था। दोनों लण्ड लगभग एक ही साइज के थे एक ही रंग रूप के भी थे।


बस फरक यह था की इसके लण्ड का टोपा एकदम गोल था जबकि उसके लण्ड का टोपा अंडाकार था।


मैं बिना रुके उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरे बदन का मज़ा लेने लगा।


मेरी ननद ने भी अपना नंगा जिस्म अपने अब्बू जान को सौंप दिया। उसको मालूम था कि उसका शौहर उसकी माँ का भोसड़ा चोदता है इसलिए ननद को अपने अब्बू से चुदवाने में कोई शर्म नहीं थी।


उसका कहना था जो मेरे मियां से चुदवायेगी मैं उसके मियां से चुदवाऊंगी चाहे वह मेरा अब्बू जान ही क्यों न हो … मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।


कुछ देर बार ननद के ससुर ने लण्ड मेरी चूत में पेल दिया और मेरे ससुर ने लण्ड मेरी ननद की चूत में पेल दिया।


ये दोनों भोसड़ी वाले ससुर एक दूसरे की बहू की बुर बेहिचक चोदने लगे। दूसरे की बहू की बुर अपनी बीवी की बुर समझ कर खूब घपाघप चोदने लगे।


फिर क्या … रियल फॅमिली Xxx चुदाई की आवाज़ बढ़ने लगी और चुदाई की महक भी पूरे घर में फ़ैलने लगी।


मुझे अपनी चुदाई से ज्यादा ननद की चुदाई देखने में मज़ा आ रहा था।


मैंने मन में सोच लिया कि कल जब मेरी ननद अपनी माँ को लिवाने उसके मायके जाएगी तब मैं इन दोनों के लण्ड का मज़ा एक साथ लूंगी। दोनों लण्ड से खूब धकाधक चुदवाऊंगी.


और मैंने अगले दिन दोनों लण्ड से एक साथ चुदवाया भी।


तो दोस्तो, मैं आज भी अपने ससुर से चुदवाती हूँ और उसके मस्ताने लण्ड का पूरा मज़ा लेती हूँ।


आपको कैसी लगी यह मेरी सच्ची रियल फॅमिली Xxx स्टोरी? मुझे बताइयेगा जरूर। [email protected]


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