कंजूस चाची की जवान लौंडिया की चूत चोदी

रवि राजपूत

29-08-2022

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यंग सिस्टर फक़ स्टोरी मेरी चाची की बेटी है. चाची ने मेरे पैसे मार लिए तो बदले में मैंने उसकी बेटी को पटा कर उसकी चूत मार ली.


आप सभी उन मर्दों को मेरा नमस्ते, जो इधर अपने लंड को शांत करने आए हैं … और जो लड़कियां चूत में उंगली करने आई हैं, उनको मेरा प्यार.


सच में चूत भी क्या चीज है. बस चोदने का मन करता जाता है … चाहे बहन की ही क्यों न हो. यह मेरी सच्ची यंग सिस्टर फक़ स्टोरी है. मजा लें.


इससे पहले भी मेरी एक चचेरी बहन को मैं चोद चुका था. उसकी कहानी चचेरी बहन की चूत की गर्मी शांत की मैं पहले लिख चुका हूँ. अब यह मेरे दूसरे चाचा की जवान बेटी है जिसे मैंने चोदा.


लंड को चूत कब कहां मिल जाए, कुछ कह नहीं सकते. अब देखो ना … उस दिन मैं लैपटॉप पर कुछ जरूरी काम कर रहा था और अचानक गांव से मेरी चाची का फोन आया- अभी अर्जेंट रिचार्ज करा दे, पैसे बाद में दे दूंगी.


वैसे मेरी चाची गांव में रहती हैं और आंगनवाड़ी केंद्र चलाती हैं. मैं शहर में रहता हूँ. गांव जाने का कोई प्लान नहीं था.


मुझे ये भी पता था कि चाची शायद पैसा नहीं देंगी. लेकिन उन्होंने हालत कुछ ऐसे बताए कि मुझसे रहा नहीं गया.


चाची ने कहा, तो मैंने रिचार्ज कर दिया.


अब अपने पैसे लेने गांव जाने का प्लान तो नहीं था लेकिन अपने पैसे लिए बिना मुझे भी चैन नहीं आ रहा था.


दो चार दिन हो गए चाची ने रिचार्ज होने के बाद कोई बात नहीं नहीं की.


फिर उसी बीच मेरे बापू का फोन आया. बापू मतलब पापा … मैं ऐसे ही कभी कभी उन्हें बापू बोल देता हूँ.


उनको गाड़ी की आर सी चाहिए थी जो कि मेरे पास थी. पापा मम्मी गांव में ही रहते हैं.


मैंने सोचा कि चाहूँ तो पापा की जरूरत के कागज़ किसी बस में आने जाने वाले के हाथ से ही भिजवा सकता हूँ. लेकिन चाची से पैसे लेने का यही सही मौका है, मैं उनसे अपने पैसे भी ले आऊंगा और मम्मी पापा से भी मिल लूंगा.


मैंने शनिवार के दिन घर जाना तय किया और शनिवार को गांव वाले घर आ गया.


उधर जाकर मालूम हुआ कि चाची 2 दिन से कहीं मेहमानी में गई थीं. मतलब पैसा नहीं मिला. मैंने सोचा ये तो गड़बड़ हो गई, जिस काम के लिए 400 रुपए लगा कर गांव आया, वो तो हुआ ही नहीं. चाची ने तो धोखा दे दिया.


फिर मैंने सोचा कि शायद वापस आकर दे देंगी, इसलिए मैंने सोमवार की छुट्टी कर ली और वहीं रुका रहा.


सोमवार की शाम को चाची जी घर आ गईं. इस बीच मैंने सोचा कि फोन करके बोल दूँ कि घर पर चाचा तो हैं, उनसे ही ले लेता हूँ.


लेकिन मेरे चाचा मजदूरी करते हैं. उनके पास पैसा नहीं होगा. इसलिए मैंने चाची से लेना ठीक समझा.


सोमवार शाम को चाची आईं, तो मैंने बोला- चाची, रिचार्ज का पैसा दे रही हो या इंतजार करवाओगी? चाची बोलीं- इतनी जल्दी तू पैसा लेने आ भी गया?


मैंने कहा- वो बापू को काम था तो आना पड़ा. अब आपके रिचार्ज के पैसे के लिए 400 रुपए बिगाड़ कर दुबारा तो नहीं आऊंगा.


चाची थोड़ी गर्म होती हुई बोलीं- अभी पैसा मिला नहीं है. अगली बार जब आए, तब ले लेना.


मैंने मन में कहा कि ये तो गजब की कंजूस चाची है. साली पलटू निकली. जब जरूरत थी, तब तुरंत काम करवा लिया और अब नखरे कर रही है.


इस बात को लेकर हल्की फुल्की बहस भी हो गई. लेकिन काकड़ी ने पैसे नहीं दिए.


मैंने भी कह दिया- दुबारा जिंदगी में कभी काम पड़ेगा तब बात करूंगा. चाची- तू अपने 600 रुपए के लिए मुझसे बहस कर रहा है. मैं तेरे पैसे खा तो नहीं जाऊंगी.


आप सोच रहे होंगे कि मेरे पापा भी तो चाची से मेरे पैसे ले सकते थे, इतना खर्चा करके जाने की क्या जरूरत थी.


मैं बता दूँ कि मेरी काकड़ी चालाक लोमड़ी है. किसी और को पैसे नहीं देगी.


जब चाची ने मना कर दिया, तब मैंने पापा को बोला कि आप उससे पैसे ले लेना. मैं फोन करके चाची को, आपको पैसे देने के लिए बोलता हूँ. लेकिन पापा बोले- अरे वो क्या देगी, अभी 2 दिन पहले ही मैंने उधार दिए हुए 5000 रुपए मांगे थे लेकिन गुस्सा करके बहस करने लग गई और फिर बड़ी मुश्किल में 3000 दिए.


मैं समझ गया कि ये औरत पैसा नहीं देगी इसलिए मुझे ही गांव आना पड़ेगा या कोई और तरीके से वसूली करना पड़ेगी.


दोस्तो, मैं कोई लेखक नहीं हूँ इसलिए सेक्स कहानी लिखने में मुझसे गलती हो जाना लाजिमी है. आप तो बस मजे लो मेरी चाची की लड़की की चुदाई का. जिसे मैंने चोद कर अपने पैसे वसूल किए थे.


जब चाची ने पैसे खाने की बात कही तो मैं समझ गया कि ये औरत पैसे नहीं देगी. मैं चाची से बहस करना छोड़ कर पापा के घर आ गया.


पहले मैं सोच रहा था कि चाची की मदद करनी चाहिए और यही सोच कर तुरंत अपना काम छोड़ कर रिचार्ज किया था. अब ये साली रण्डी कुत्ती तो एकदम से पलट गई.


मुझे गुस्सा इतना आ गया था भाई कि चाची के लिए भी मुँह से गालियां ही निकल रही थीं.


फिर मैं गांव से वापस शहर आ गया. अब मैं ये सोच रहा था कि आखिर इस काकड़ी से पैसे कैसे निकलवाऊं.


ऊपर वाला सारे हिसाब रखता है और सब बराबर कर देता है.


समय बीतता गया और मैंने इस जहर के घूंट को पी लिया कि चाची मेरा पैसा खा गई. एक बार फिर से मेरा भरोसा इंसानियत से उठ गया.


बात 600 रुपए की नहीं थी, बात ईमानदारी की थी.


चाची के 3 बच्चे हैं. सबसे आखिरी औलाद एक लड़की है. तीनों के पास मोबाइल नंबर थे और मेरी सबसे बात होती ही रहती थी क्योंकि पैसे की लड़ाई तो काकड़ी से थी. उनके बच्चों में ऐसा नहीं था.


वैसे मैं अभी 27 का हूँ और जॉब करता हूँ. जिसको मैंने चोदा, उसका नाम रिंकी है. वो अभी चुदाई के लिए पका हुआ माल जैसी जवान हो गई है.


सुनने में आया था कि रात को लड़का फोन करता था तो काकड़ी ने पकड़ लिया. फिर उसकी पिटाई भी की थी.


लौंडिया की उम्र चुदाई की थी. बस मेरे दिमाग में जंच गया कि इसको पटा लूं तो 600 के 6000 से भी ज्यादा वसूल लूंगा.


बस फिर क्या था … मैं अपनी बहन से थोड़ा ज्यादा चैट करने लगा. वो भी पहले तो कम रिप्लाई करती थी लेकिन धीरे धीरे लाइन पर आ गई.


धीरे धीरे मैं उससे रात को बात ज्यादा करने लगा.


आप सब तो जानते ही हो कि रात का टाइम इंसान को फिसलने पर मजबूर कर देता है. मैंने गुड मॉर्निंग वाले मैसेज के साथ साथ में दिल वाली, किस वाली इमोजी भेजने से शुरुआत की.


पहली बार उसने कहा कि ये क्या है? तो मैंने कहा- बच्चों वाली है. ये तो चलती है. तू कहे तो बड़े वाली किस भेजूं?


वो बोली- वो क्या होती है? मैंने कहा- मतलब होंठ वाली किस.


वो बोली- नहीं … आपको शर्म नहीं आती. मैं आपकी छोटी बहन हूँ. छोटी बहन के कारनामे मुझे भी पता थे.


मैंने कहा- तो उससे क्या होता है? इस बार उसने रिप्लाई नहीं दिया.


अगले दिन फिर से मैंने गुड मॉर्निंग का मैसेज भेजा, दिल वाली, किस वाली इमोजी के साथ. आज उसका रिप्लाई हमेशा की तरह बस सिंपल गुड मॉर्निंग का आया.


फिर धीरे धीरे सब नॉर्मल हो गया और मैंने उससे हल्के हल्के से मजाक करना शुरू किए.


जैसे किस लड़के के लिए तुझे मार पड़ी वगैरह. अब वो खुल कर बात करने लगी थी.


हम दोनों सेक्स वाली बातें भी कर लेते थे. कुछ टाइम बाद उसकी मम्मी ने रिंकी को शहर में पढ़ने के लिए एडमिशन दिला दिया.


उसने 12वीं कक्षा में दाखिला लिया था. मैं शहर में रहता था तो सोचने लगा कि चाची मुझे ही कहेगी कि कभी हम शहर न आ पाएं तो उससे मिलने चले जाना.


मगर चाची ने उसको हॉस्टल में रखा और हॉस्टल भी ऐसा कि बिना अनुमति कोई नहीं मिल सकता … और तो और कोई फोन भी नहीं रख सकता था. सिर्फ एक घंटा के लिए फोन दिया जाता था.


इसी वजह से मेरी उससे चैट बंद हो गई.


लेकिन इस उम्र का क्या करें साहब. जब चूत को लंड और लंड को चूत चाहिए होता ही है.


लड़की हॉस्टल में कैद सी हो गई थी. इसी वजह से शायद उसकी चूत कुछ ज्यादा मचलने लगी होगी.


एक बार बीच में रिंकी बीमार हो गई तो उसकी मम्मी ने यानि मेरी काकड़ी ने मुझसे बोला- तू चला जा और उसको गाड़ी में बिठा देना.


मैं चोट खाया था, वो सब मुझे याद तो था लेकिन फिर भी मैं चला गया क्योंकि मुझे रिंकी चाहिए थी.


उसकी मम्मी ने हॉस्टल में मेरी फोटो दे रखी थी और फोन पर बात भी कर ली थी. मैं गया तो वार्डन ने रिंकी को मेरे साथ जाने की परमीशन दे दी.


मैं उसको ले आया लेकिन उसकी तबियत खराब थी, तो कुछ बात ज्यादा नहीं हुई. जब मैं उसे लेकर आ रहा था तो वो बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठी थी. अपनी पीठ पर मुझे उसके छोटे छोटे बूब्स गड़ते से महसूस हो रहे थे.


मैं उसको बस में बैठा दिया. वो घर पहुंच गई. घर जाते ही उसने मुझे फोन किया कि वो घर आ गई.


अब वापस फोन उसके हाथ में आया तो मैसेज पर बात चालू हो गई.


मैंने भी पूछ लिया- मुझे मिस किया क्या? वो बोली- फोन को बहुत मिस किया.


‘मुझे किया क्या?’ तो बोली- ना.


लेकिन वो शरारत कर रही थी. फिर बोली कि हां वहां हॉस्टल में एक घंटा फोन चलाने को मिलता था. उसमें भी घर पर बात करती, तो टाइम नहीं मिलता था.


पर सच बात तो ये थी कि बंदी चालू थी तो घर वालों के बाद ब्वॉय फ्रेंड से पक्के में बातें करती होगी.


कुछ दिनों बाद वो वापस हॉस्टल आने वाली थी तो मुझसे बोली- आपका कमरा कहां है, मुझे दिखाओ तो सही. मैंने उससे कहा- बस स्टॉप उतर कर फोन करना, मैं लेने आऊंगा.


जब वो आई तो मैं उसे लेने बस स्टैंड गया और उसको एक कैफे में ले गया उधर उसे कुछ नाश्ता करवाया, फिर कमरे पर ले गया.


वो सफर से थक गई थी, तो यंग सिस्टर मेरे बिस्तर पर पसर कर लेट गई. हमने थोड़ी देर इधर उधर की बात की.


फिर वो बोली- मैं आपकी कौन हूँ? मैंने कहा- ये कैसा सवाल है? वो बोली- तो फिर आप मुझसे कैसी बात करते हो. आप तो मुझसे कितने बड़े हो.


थोड़ी देर बाद मैं बोला- कुछ बुरा लगा क्या? वो बोली- नहीं बुरा तो नहीं लगा, लेकिन पहले ये तो बताओ कि मैं आपकी क्या हूँ. मैंने कहा- बहन.


वो बोली- अपनी बहन से ऐसे कौन बात करता है? मैं चुप हो गया.


वो बैठ कर बोली- आप इधर आओ. मेरे पास बैठो और फिर बताओ. मैं उसके पास बैठ गया.


उसके बाद थोड़ी पास खिसक कर मुझसे आंखें मिला कर पूछने लगी- मुझे पसंद करते हो क्या? मुझे लगा कि आज तो इसकी गर्मी भड़क गई लगती है. मैं कुछ नहीं बोला.


थोड़ी देर बाद मैंने कहा- अगर बुरा लगा हो, तो आगे नहीं करूंगा. तभी अचानक से वो मेरी तरफ खिसकी और उसने मुझे गले से लगा लिया.


मैं कुछ समझ नहीं पाया.


फिर वो बोली- मुझे लगता है कि शायद आप मुझे पसंद करते हो … और मैं भी आपको पसंद करने लगी हूँ. बस फिर क्या था. मैं जो चाहता था, वो तो सामने से हो रहा था.


मैंने बिना कुछ कहे उसको अपनी बांहों ले लिया लेकिन कुछ बोला नहीं. बस उसके कान के पास हल्की सी ऐसी किस की, जिससे उसको अहसास भी न हो.


वो गर्म थी और सब जानती थी, उसने मेरी इस हरकत को भांप लिया. उसने भी जवाबी किस मेरे गाल पर कर दी.


मैंने उसे और जोर से बांहों में भर लिया और धीरे से कहा- हां मैं तुझे पसंद करता हूँ. आई लव यू! उसने भी आई लव यू कहा और हम दोनों एक दूसरे को जोर से हग करने लगे.


मैं उसके गालों पर किस करने लगा और वो मेरी बांहों में सिमटने लगी. मेरी किस धीरे धीरे होंठों की ओर बढ़ने लगी. फिर वो पल भी आया, जब मैंने उसके मुलायम कोमल होंठों को पहली बार किस किया.


वो एकदम से सिहर उठी. वो मेरे लंड पर अपनी चूत का दबाव डालने की कोशिश कर रही थी.


मैं उसके ऊपर वाले होंठों को अपने होंठों से चूसने लगा और वो भी चूसने लगी. मैंने उसको बिस्तर पर लिटा दिया और उसके पूरे चेहरे पर किस करने लग गया.


वो पूरी तरह गर्म हो चुकी थी. मेरा हाथ उसकी पटियाला सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत को मसलने लगा. वो अपने चूतड़ ऐसे हिलाने लगी मानो अभी चूत में लंड ले लेगी.


शायद वो घर से ही मन बना कर आई थी. उसका मन देख कर मैंने उसकी पटियाला सलवार का नाड़ा खोल दिया. वो गांड उठाने लगी तो मैंने उसकी सलवार को धीरे से सरका दिया.


अब मैंने भी अपनी पैंट खोल कर फैंक दी.


फिर उसको किस करते करते उसकी पैंटी और अपनी अंडरवियर भी निकाल दी.


वो नीचे से नंगी हो गई थी. मैं उसकी चूत को सहलाने लगा. उसकी चूत पूरी पानी पानी हो गई थी. मैंने अपना लंड चूत की फांकों से टच कर दिया तो वो ऐसे कसमसा उठी मानो कह रही हो कि आज तो लंड डाल ही दो.


मैं ठीक से पोजीशन बना कर उसके ऊपर चढ़ गया. फिर उसकी टांगें चौड़ी करके चूत पर लंड टिकाया और धक्का दे दिया.


वो तड़प कर पीछे हटने लगी. मैंने रिंकी को कसके जकड़ लिया और उसे चूमने लगा.


थोड़ी देर बाद मैंने दूसरा धक्का मारा और पूरा लंड चूत में जड़ तक चला गया. मेरी यंग सिस्टर दर्द से कसमसा रही थी लेकिन शायद उसे लंड के मजे के सामने वो दर्द कम लग रहा होगा इसलिए वो बस लगी रही.


कुछ देर बाद मैं लंड अन्दर बाहर करने लगा. वो भी साथ देने लगी. किस करने लगी और चूतड़ उठा कर चुदवाने लगी.


मैंने अपनी बहन की पन्द्रह मिनट तक मस्त चुदाई की, उसके बाद वो झड़ गई. मैं अभी बाकी था.


वो बोली- अब रुक जाओ. मैंने कहा- दो मिनट और ले ले.


मैंने धक्के तेज कर दिए और लंड चूत के बाहर निकाल कर पेट पर झड़ गया.


उसके बाद हम दोनों थोड़ी देर एक दूसरे के पास लेटे रहे.


फिर अचानक से उसका फोन बजा, उसकी मम्मी का फोन था.


उसको याद आया कि हॉस्टल जाकर फोन करना था. उसने फोन पर कह दिया कि बस आ गई हूँ, आपको अभी फोन करती हूँ.


फिर वो बोली- जल्दी से मुझे हॉस्टल छोड़ दो. हम दोनों फटाफट तैयार हुए.


उसको थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन चल सकती थी.


मैंने जाने से पहले उसको हग किया और दो मिनट किस की. फिर आई लव यू बोला. उसने भी आई लव यू टू का जवाब दिया.


मैंने उससे पूछा- दुबारा कब आओगी? वो बोली- अगली बार घर जाऊंगी तब.


फिर मैं उसे हॉस्टल छोड़ आया.


इस सब में एक से डेढ़ घंटा हो गया था.


पता नहीं उसने अपनी मम्मी से क्या बहाना बनाया होगा.


उसके बाद से मेरी कजिन बहन मुझसे अक्सर चुदाई करवाने आने लगी थी. क्योंकि लड़कियों के हॉस्टल में कोई लड़का नहीं है. वो गर्ल्स स्कूल में पढ़ती है और हॉस्टल के नियम बहुत सख्त हैं तो चूत भभक जाती होगी.


वो अब शाम को अपने ब्वॉयफ्रेंड से ज्यादा मुझसे बात करती है.


मुझे मेरे 600 रुपए तो नहीं मिले मगर बहन की चूत चोदने मिल गई थी.


आपको मेरी यंग सिस्टर फक़ स्टोरी कैसी लगी, प्लीज़ मुझे मेल करें. [email protected]


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