मैंने अपनी बुर में पहला लंड कैसे लिया- 2

शनाया राजपूत

26-10-2021

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हॉट कॉलेज सेक्स कहानी में पढ़ें कि कैसे मैंने अपनी चुदाई करवाने के लिए एक लड़के को अपना यार बनाया. वो मुझे चोदने के लिए होटल में ले गया.


हैलो फ्रेंड्स, मैं शनाया एक बार फिर से आपके सामने हाजिर हूँ.


मेरी हॉट कॉलेज सेक्स कहानी के पहले भाग मेरी पहली चुदाई की दास्तान में अब तक आपने पढ़ा था कि मेरा ब्वॉयफ्रेंड शैंकी मुझे नंगी करके अपने साथ लिटाए हुए था और मेरे दूध चूस रहा था.


अब आगे हॉट कॉलेज सेक्स कहानी:


शैंकी ने मेरी चूत पर हथेली फेरते हुए हल्के से एक हाथ मार दिया. मैं चिहुंक गई मगर वो अब मेरी चुत पर आराम आराम से जीभ फिराने लगा.


उस समय मैं बहुत गर्म हो गई थी. मुझे एक गुदगुदी सी होने लगी और मैं वासना में सिसकने लगी.


उसने मेरी चूत में जीभ डालनी शुरू कर दी. मैं कामुक सिसकारियां ले रही थी.


कुछ समय बाद वो बोला- अब तू भी अपनी चुत से मेरा लॉलीपॉप चूस ले.


वो मेरी चुत चूसना छोड़ कर उठ गया और उसने अपने लंड जल्दी चूत पर रखकर थोड़ा दाब देते हुए अन्दर कर दिया.


उसका सुपारा ही अन्दर गया था कि मैं तड़फने को हुई.


मगर शैंकी ने जल्दी से लंड चुत से बाहर निकाल दिया.


उस समय एक अलग किस्म का दर्द मुझे महसूस हुआ, लेकिन लंड जल्दी निकाल लेने के करण मैं उस दर्द को सहन कर गई.


उसने मुझसे कहा- पहले मेरे लंड को चूसो. मैं मना करने लगी और बोली- ये गंदा है.


वो बाथरूम में जाकर लंड साफ करके आया. उसके लंड से शैम्पू की महक आ रही थी.


वो कहने लगा- अब चूसो.


मैं मना करने लगी तो उसने मुझे नीचे बिठाया और अपने पैरों के बीच में करके मेरे मुँह के पास अपना लंड कर दिया.


वो बोला- मुँह खोल दो जान जल्दी से!


मैं मुँह नहीं खोल रही थी तो उसने मेरे एक दूध को अपने एक हाथ से जोर से दबा दिया.


मेरी ‘आआ …’ निकल आई और मुँह खुल गया.


उसी समय उसने लंड मेरे मुँह के अन्दर कर दिया और बोला- बेबी, मुझे तुमने मजबूर कर दिया, तुम खुद भी तो कर सकती थी ये सब … लव यू सन्नो … सक इट डॉल.


उसका मोटा लंड मेरे मुँह में था. मैं कुछ न कह पाई.


अब उसने चूसने को कहा. मैंने अपना मुँह पूरा खोल दिया.


उसने आराम आराम से लंड को अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया. मैं उस समय कुछ समझ नहीं पा रही थी कि क्या करूँ.


फिर मैंने अपने मन में कहा कि मजेदार पल बनाना है, तो आज कुछ भी कर लो यार!


बस अब मैं उसके लंड को पकड़ कर चूसने लगी. पांच मिनट तक मैंने लंड की जमकर चुसाई की.


फिर उसने खड़े होकर मेरे मुँह में ही झटके देने शुरू कर दिए. मैं उससे छूट ही न सकी क्योंकि मेरे सर के बाल उसके हाथों में थे.


उसका लंड थोड़ा सा ही बाहर रह जा रहा था. बाकी लंड मेरे गले तक चला जा रहा था. उस पल मैं सांस भी नहीं ले पाती थी, मेरी आंखों से पानी बहने लगा.


मेरे गले में बहुत दर्द भी हुआ मगर शैंकी ने झड़ कर अपने लंड का पानी मेरे मुँह में ही छोड़ दिया.


वो लंड अन्दर अड़ा कर बोला- आंह मेरी जान सन्नो … पी जाओ, दर्द कम हो जाएगा.


मैं पी भी गई क्योंकि और कोई विकल्प ही नहीं था.


उसके वीर्य छोड़ देने से मैं उस पर गुस्सा हुई और उसको धक्का भी दे मारा.


मैंने उससे कहा- शैंकी मैं सब करना चाहती हूँ … और कर भी रही हूँ. लेकिन ऐसे नहीं करो प्लीज़ … थोड़ा मेरा ध्यान रखकर करो. मुझे ऐसा दर्द सहन नहीं होता है.


उसने सॉरी कहा और मेरे ऊपर लेट गया. वो मेरे मम्मों को चाटने लगा. मेरी चूत और मम्मों को बारी बारी से चाटता रहा.


मैं फिर से मजे लेने लगी थी.


कुछ समय बाद उसका लंड फिर से कड़क हो गया.


उसने मुझसे कहा- चलो डार्लिंग अब चुदाई करते हैं.


मैं एक पल को डर गई लेकिन मन तो मेरा भी था. मन में सब कुछ फिर से चलने लगा.


शैंकी का लंड बड़ा हुआ तो क्या हुआ … चुदना तो एक दिन है ही. ये मैं सोच कर रेडी होने लगी.


उसने मुझे चित लिटाया और मेरे दोनों पैर फैला कर चुदाई की पोजीशन में लिटा दिया. फिर वो अपने लंड को हाथ में पकड़ कर मेरी चूत के मुँह पर रखने लगा, चुत की दरार में लंड फिराने लगा.


उसने एक बार वहां अपना थूक भी लगा दिया था. मैं डर रही थी तो उसने मुझे हिम्मत दी और किस किया.


वो करीब दो मिनट तक ऐसे ही करता रहा.


फिर उसने मुझसे पूछा कि अब यदि तुम तैयार हो तो मैं लंड अन्दर डाल दूँ? मैंने आंखों को नीचे ऊपर करके हां कहा.


उसने मेरा एक पैर अपने कंधे पर रख लिया और लंड को चूत की फांकों पर रख दिया.


फिर शैंकी ने मेरे हाथ पकड़े और लंड को झटके से चुत के अन्दर डाल दिया.


इस झटके में उसका लंड 3 इंच अन्दर हो गया. बाकी का 5 या 6 इंच बाहर रह गया.


उस समय मेरी आंखें दर्द से बंद हो गईं और मैंने ‘रुको रुको …’ करके चिल्ला दी. मेरा जिस्म तड़फने लगा.


उसने मुझे किस किया और रुका रहा. फिर थोड़ी ही देर बाद उसने एक और झटका दे दिया.


इस बार उसका लंड सिर्फ दो इंच ही बाहर बच गया था, बाक़ी पूरा लौड़ा चुत के अन्दर घुस गया था.


अब मेरी आंखों से पानी आने लगा और मैं रोने चिल्लाने लगी. मेरा सर घूमने लगा, मेरी सील खुल गई थी.


मुझे चूत में बहुत दर्द होने लगा था और चादर पर खून के दाग लग गए थे. मैंने अपना हाथ लगाकर देखा तो खून ही था.


तभी शैंकी ने बताया- जान तुम्हारी सील खुल गई है. मैं डर गई और आंखें बंद करके बेहोश हो गई.


मुझे होश ही नहीं था. शैंकी मुझे चोदता रहा.


बीस मिनट बाद शैंकी के पानी मारने पर मैं उठी.


तब तक शैंकी का लंड साफ हो गया था और मेरी चूत भी साफ हो चुकी थी.


बिस्तर पर वो चादर नहीं थी.


दोस्तो, उस समय मैंने कमरे के अन्दर ही बंद आंख से तारे देख लिए थे. फिर मैं उठी तो चूत में एक अजीब दर्द सा उठा.


शैंकी ने मुझे दो गोलियां दीं, जिसमें से एक दर्द कम करने की थी और दूसरी प्रेग्नेंसी रोकने की थी. मैंने दोनों गोलियां खा लीं.


उसके बाद शैंकी ने मुझे फिर से लिटा दिया. मैं उसको मना करने लगी.


वो ‘बाबू बाबू …’ करके लंड को चूत तक ले ही गया और उसने किस करके लंड को अन्दर डाल दिया. फिर जल्दी जल्दी से शैंकी ने 7-8 झटके दे दिए.


उस समय मैं फिर से बहुत चिल्लाई, लेकिन अबकी बार दर्द कम हो गया था. मुझे चुदने में मजा आने लगा था. हालांकि अब भी थोड़ा थोड़ा दर्द होता था.


जब शैंकी का लंड चुत के अन्दर जाता, तब ज्यादा दर्द होता था. वो मेरे दर्द को मजे में बदलने के लिए मेरे दूध चूस रहा था.


मुझे भी शैंकी से अपने मम्मे चुसवाने में बड़ा मजा आ रहा था. जिस समय वो मेरे निप्पल को खींच कर चूसता था तो नीचे मेरी चुत में मुझे बड़ा मजा आने लगता था. उसी समय शैंकी अपना लंड चुत में रगड़ देता था तो दर्द का अहसास होने लगता था.


फिर इसी तरफ वो मुझे धकापेल चोदने लगा और मेरे दूध चूसता रहा.


न ही शैंकी के झटके रुके और न ही मेरे मुँह से ‘अअह …’ निकलना बंद हो पाया.


अब शैंकी मुझे जोर जोर से चोदने लगा. मेरे हाथों में नीचे की चादर थी, जो मेरे दर्द और मजे को सह रही थी.


कुछ ही झटकों के बाद शैंकी ने मुझे उठाया और दीवार पर मेरे हाथ रख दिए.


मेरे चूतड़ों को पीछे किया और कहने लगा कि तेरी चूत अभी थोड़ी ही लाल हुई है. मैं साफ साफ देख रहा हूँ.


मैंने कहा- दिखाओ, मुझे देखना है! वो बोला- रुको अभी दिखाता हूँ.


मैं सोचने लगी कि ये मुझे मेरी चुत कैसे दिखाएगा, तभी वो मुझे अपने लंड पर उठाए हुए बिस्तर पर आ गया और उधर से अपना मोबाइल उठा कर मेरी चुत की फोटो खींचने लगा.


शैंकी ने मुझे मेरी लाल हुई चुत पड़ी फोटो निकाल कर दिखाई. मेरी चूत सच में बहुत लाल हो गई थी. चुत की दरार में थोड़ा घाव भी दिख रहा था.


मैंने उससे कहा- तुमने मेरी चुत फाड़ दी है. वो हंसने लगा और बोला- दो दिन में ही सब ठीक ही जाएगी और तुम खुद ही फिर से चुत चुदवाने के लिए मचल उठोगी.


मुझे उसकी बात पर भरोसा नहीं हो रहा था मगर उसकी बात बाद में सही निकली थी.


फिर शैंकी ने मेरी चुत में अपना थूक लगाया और लंड को पीछे से ही चूत पर रखकर अन्दर पेल दिया.


मेरी ‘आअ … ह्ह्ह्ह अअह ईईई …’ की चीख निकली. मेरी कामुक आवाजें कमरे में गूँजने लगीं. आस पास कोई सुनने वाला भी नहीं था.


शैंकी घोड़े की तरह मेरे ऊपर चढ़ गया था और मुझे चोदने में लगा था. उसका लंड मेरी चूत में बहुत अन्दर तक जाने लगा था.


शैंकी पूरी दम से झटके लगा देता और उसका लंड मानो मेरे पेट तक चला जाता. शैंकी के लंड को मैं अपनी बच्चेदानी के मुँह पर महसूस कर रही थी.


करीब 20 मिनट उसने मेरे बाल पकड़ कर और मेरे हाथ पकड़ कर मुझे बहुत चोदा. इस बीच मैं एक बार झड़ चुकी थी. मेरा पानी शैंकी के लंड पर बहने लगा और उसके लंड के गोटों तक आ गया था.


फिर उसने मुझे अपनी गोद में लिया और बेड के किनारे पर बैठ कर मुझे अपनी गोद में उछालता रहा.


काफी देर बाद उसने अपने लंड का पानी मेरी चूत में छोड़ दिया. उसके पानी में बहुत गर्मी थी, बहुत ही गर्म माल था. मेरी चूत में मुझे सिकाई सा मजा मिल रहा था.


चुदाई के बाद मैं करीब एक घण्टे तक करवट बदल बदल कर लेटती रही.


शैंकी ने फिर से लंड हाथ में पकड़ा दिया.


उसने इस बार मेरी फिर से देर तक चुदाई की. उस रात शैंकी का मन मेरी गांड मारने का भी था लेकिन मैंने मना कर दिया.


उस रात उसने अलग अलग स्टाइल में मेरी चार बार चुदाई की.


सुबह 5 बजे शैंकी ने मुझे उठा दिया और फिर से मेरी चुदाई करने लगा.


अब मेरी हालत बहुत खराब हो गई थी.


जैसे तैसे मैं सुबह 11 बजे अपने घर पहुंची और नहा धो कर खाना खाकर सो गई.


इस बीच में चलने में बहुत दर्द महसूस हो रहा था. उस दिन मैं दिन रात लेटी रही.


दो तीन दिन बाद मुझे फिर से शैंकी के लंड की जरूरत महसूस होने लगी थी.


एक महीने बाद शैंकी ने मुझे फिर से होटल ले जाकर 3 घंटे तक चोदा.


जब उसका मुझसे मन भर गया तो उसने मुझसे ब्रेकअप कर लिया.


पहली चुदाई के डेढ़ महीने बाद ब्रेकअप हो गया था. मैं उस दिन बहुत रोई थी क्योंकि मैं तब तक अपना सब कुछ खो चुकी थी.


लेकिन शैंकी ने मेरे मम्मों को एक अच्छा आकार दे दिया था और चुदाई के डर से मुक्त कर दिया था.


आज की तारीख में मैं हर महीने में कम से कम दो या तीन बार अलग अलग लंड से जरूर चुद लेती हूँ. मुझे अब चुदने में मजा आने लगा है.


मेरी बाकी की दूसरी चुदाई की कहानी आपको जल्द ही पढ़ने को मिलेंगी.


आपको मेरी हॉट कॉलेज सेक्स कहानी अच्छी लगी होगी. कमेंट और मेल जरूर करना. आपकी अपनी प्यारी शनाया [email protected]


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