जूनियर लड़कियों संग चुदाई का मजा

विन जैन

13-02-2024

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स्टाफ गर्ल ऑफिस फक कहानी में पढ़ें कि मेरे ऑफिस में एक नई लड़की आयी. एक लड़की पहले से थी जो मेरे साथ टूर पर जाती और मजा देती थी. इस बार हम तीनों गए.


मेरे प्यारे दोस्तो, मैं 35 वर्षीय पुरुष एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी में काम करता हूँ. यह स्टाफ गर्ल ऑफिस फक कहानी मेरे दफ्तर में मेरी जूनियर लड़कियों की चुदाई की है.


मेरे दो प्यारी जूनियर हैं. एक 29 वर्षीया सबाह, जो पिछले कुछ वर्षों से मेरे साथ है और दूसरी 22 वर्षीया मिश्का, हाल ही में शामिल हुई है.


दोनों का कद छोटा है, इसलिए वे स्कूल जाने वाली लड़कियों की तरह अपनी वास्तविक उम्र से काफी छोटी दिखती हैं.


अपने छोटे प्यारे चेहरे, अच्छे स्लिम फिगर, छोटे गोल स्तन, मुलायम सांवली त्वचा, बड़ी मुस्कान और बोलने वाली आंखों के कारण सबाह बहुत आकर्षक है. सबाह बहुत सुंदर दिखती है. उसमें क्यूटनेस और सेक्स का एक बेहतरीन संयोजन है.


मिश्का बहुत गोरी है. चौड़ा सुंदर चेहरा, अच्छे फूले फूले गाल, जो शर्माने पर लाल हो जाते हैं. प्यारी आंखें, बड़े स्तन और अत्यधिक निकले हुए होंठ, जिन्हें कोई भी चूसना पसंद करेगा.


मिश्का इतनी सुंदर है कि जब वह सामने होती है तो उसे सालिम खा जाने का मन करता है.


सबाह मेरे साथ बहुत स्पष्टवादी है, लेकिन मिश्का नई होने के कारण थोड़ी शर्मीली थी. सबाह ने मेरे साथ कई दौरों में शिरकत की है और सभी दौरों के दौरान हमने हमेशा बहुत गर्म और जंगली सेक्स किया है.


एक बार ऐसा हुआ कि हम तीनों को टूर पर जाना पड़ा.


सबाह और मैं जाने से पहले अतीत के हमारे सेक्स एडवेंचर्स के बारे में बात कर रहे थे और मिश्का के साथ रहने के साथ उन्हें कैसे दोहराना है, इस पर भी बात कर रहे थे.


सबाह ने सुझाव दिया कि क्यों न मिश्का को भी अपने सेक्स एडवेंचर में शामिल करने की कोशिश करें.


मैंने बहुत उत्साहित महसूस किया और उससे कहा कि मैं भी उसी के बारे में सोच रहा था. दोनों प्यारी गुड़ियाओं के साथ त्रिगुट सम्भोग का आनन्द लेने के लिए मेरा मन भी हो रहा है.


बातचीत के बाद हमने मिश्का को कोई संकेत न देने का फैसला किया और होटल पहुंचने पर कार्रवाई करने की योजना बनाई.


शाम को होटल पहुंचकर हमने 2 कमरों वाला एक सूट लिया, जिसके बीच में कनेक्टिंग डोर था. अनु-सबाह ने एक कमरा लिया और मैं दूसरे कमरे में शिफ्ट हो गया.


हमने शाम को अपने कमरे में ड्रिंक्स के साथ पार्टी प्लान की.


सबाह ने शाम को सिर्फ स्लीवलेस टॉप और शॉर्ट्स पहने थे. मिश्का स्लीवलेस टॉप और लोअर में थी. मैं भी शॉर्ट्स में था.


मैं सोफे पर बैठ गया और फिर दोनों को एक साथ बिस्तर पर बैठने को कहा. सबाह मेरे नजदीक बैठी थी.


हम तीनों पीने लगे. हम सब बात कर रहे थे और मज़े कर रहे थे.


एक ड्रिंक लेने के बाद योजना के अनुसार मैंने सबाह का हाथ पकड़ लिया.


मिश्का ने आश्चर्य से उसकी ओर देखा. लेकिन उसने देखा कि सबाह इसमें सहज है.


मिश्का को अपने शरीर के अन्दर गर्म महसूस कराने के लिए हमने गंदे चुटकुले सुनाये.


कुछ देर बाद सबाह ने मिश्का का हाथ पकड़कर उसे सहलाना शुरू कर दिया. मिश्का को शर्म महसूस हुई और वह किसी बहाने दूसरे कमरे में चली गई.


यह वह समय था जब हमने अपनी योजना पर काम शुरू किया.


मैंने तुरंत सबाह को अपनी बांहों में उठा कर उसे गोद में ले लिया और पूरे जोश के साथ उसके चेहरे और होंठ चूमने शुरू कर दिए. वह तुरंत ही वासना भरी आवाज में कराहने लगी.


एक मिनट तक पूरे जोश से चूमने के बाद मैंने उसके शरीर से उसके टॉप को उतार दिया और उसके छोटे गोल स्तन ब्रा से बाहर निकाल कर उसके निप्पल को चूसना शुरू कर दिया.


अचानक हमें मिश्का के कदमों की आहट सुनाई दी. वह कमरे में आई और उसने देखा कि सबाह मेरी बांहों में आधी नग्न है और मेरे हाथ उसके स्तन पर हैं. मैं उसके एक निप्पल को चूस रहा हूँ.


मिश्का हमें देखते हुए अपने चेहरे पर आश्चर्य के भाव के साथ खड़ी रही. उसका सुंदर चेहरा शर्म से पूरी तरह लाल हो गया.


सबाह मेरी गोद से उठ कर बिस्तर पर चली गई, उसने अपने ऊपर कंबल ले लिया. उसने ऊपर कुछ भी पहना था.


मिश्का अभी भी शर्म महसूस कर रही थी. पर वह फिर से उसके पास बिस्तर पर बैठ गई.


हम दोनों ने उसे और ड्रिंक्स ऑफर की. सबाह ने मुझे बिस्तर पर बुलाया ताकि मैं भी आराम से बैठ सकूं.


मैंने उसी का कंबल अपने ऊपर ले लिया. अब हम तीनों एक ही कंबल में थे.


मैंने अपनी प्यारी सबाह को कंबल के अन्दर खुलेआम छूना शुरू कर दिया और सुनिश्चित किया कि मिश्का भी वो सब देख सके कि मैं सबाह के साथ अन्दर क्या कर रहा हूं.


तभी अचानक से मैंने सबाह को फिर से उसके गाल पर चूम लिया.


सबाह ने कहा- सर, प्लीज़ मिश्का को भी थोड़ा प्यार कर लो, वह थोड़ा शर्मा रही है.


मैंने झुक कर मिश्का के सुंदर नर्म गाल पर एक गीला चुम्बन ले लिया. चुम्बन लेते ही उसका चेहरे और लाल हो गया.


फिर मैंने कहा- ठीक है, मुझे तुम दोनों के बीच आने दो. मैं उनके बीच में आ गया.


अधिक ड्रिंक्स के साथ अब मिश्का भी हमारे साथ सहज होने लगी थी.


फिर मैं मिश्का के कान में फुसफुसाया- क्या तुम भी मेरी गोद में आओगी? सबाह मुस्कुराई और उसने मिश्का से कहा- शर्माओ मत यार … और सर की गोद में बैठ जाओ.


मिश्का शर्म के साथ मुस्कुराई और मैंने उसे तुरंत अपनी बांहों में लेकर, अपनी गोद में खींच लिया, उसके सुंदर चेहरे को चूमना शुरू कर दिया.


मैंने देखा कि यह सब देख कर सबाह बहुत गर्म हो गई और मिश्का के स्तनों पर हाथ फेरने लगी थी.


मैंने मिश्का के कोमल होंठों को अपने मुँह में ले लिया और उन्हें चूसने लगा. उसके होंठ सच में बड़े मीठे और ताजे थे.


कुछ मिनटों के बाद हमें उसके चेहरे को देखने से महसूस हुआ कि मिश्का गर्म हो गई है. मैंने सबाह की ओर देखा और वह समझ गई.


वो मिश्का का टॉप भी उतारने के लिए उसके पास आई. मैंने सबाह से कहा- मैं तुम दोनों को अपने सामने एक दूसरी को नग्न करती हुई देखना चाहता हूं.


सबाह ने मिश्का का हाथ थाम लिया और दोनों पलंग से उतर कर मेरे सामने खड़ी हो गईं.


सबाह ने प्यार से मिश्का का टॉप और फिर ब्रा उतारी. आंखें बंद करके और चेहरे पर शर्मिंदगी के साथ मिश्का ने सबाह की ब्रा उतार दी.


मैंने दोनों को अपनी ओर मुड़ने को कहा.


तब मैंने देखा कि सबाह के स्तन अत्यंत नर्म गोल क्रिकेट की गेंदों के आकार के हैं. जबकि मिश्का के स्तन बड़े, सफेद और अछूते निप्पल वाले थे.


दोनों अपनी त्वचा के अलग-अलग रंग और अलग शरीर संरचना के साथ बहुत सुंदर लग रही थीं.


मैं बिस्तर पर घुटनों के बल खड़ा हो गया और सबाह के दाहिने और मिश्का के बायें स्तन को हाथों में पकड़ कर धीरे धीरे मसलना शुरू कर दिया. सबाह तुरंत सीत्कार करने लगी.


लेकिन मिश्का अभी भी शर्मा रही थी. वह अपना सिर नीचे करके खड़ी थी और उसका चेहरा सुर्ख लाल हो गया था.


फिर मैंने बारी-बारी से उनके निप्पलों को चाटना शुरू किया और उनके एक-एक स्तन को बहुत देर देर तक चूसता रहा.


अचानक मुझे मिश्का की ज्यादा कराहने की आवाज सुनाई देने लगी. अब वह गर्म होने लगी थी और उसके स्तन मेरे चूसने, चाटने और मसलने से गर्म हो गए थे.


सबाह ने मेरी टी-शर्ट को उतार दिया. मैंने फिर से अपनी गोद में मिश्का को खींच लिया और बहुत प्यार से उसके होंठ और चेहरे को चूमना शुरू कर दिया.


साथ ही मैं सबाह के छोटे छोटे स्तनों को दूसरे हाथ से मसलता रहा. मिश्का मेरी गोद में लेटी बंद आंखों के साथ अपनी गर्दन, हाथ, कंधे, छाती व अन्य नर्म कोमल हिस्सों पर मेरे चुंबन का आनन्द ले रही थी.


मैंने सबाह से मिश्का की बांहों को ऊपर उठाने के लिए कहा ताकि मैं उसकी कांख को चाट सकूँ. उसने मिश्का की बांहों को उसके सिर के ऊपर उठा लिया.


मैंने देखा कि मिश्का की बगलें मुलायम काले बालों से भरी हुई थीं, जो उसकी बांहों के सफेद रंग पर बहुत सुंदर लग रही थीं. मैं उसकी बगल को बहुत देर तक चूसता रहा.


फिर मैंने अपनी प्यारी गुड़िया सबाह को भी अपनी गोद में खींच लिया और दोनों नंगे बदन मेरे नंगे सीने से चिपक गईं.


मैं अपने हाथों और होंठों को उनके शरीर के हर हिस्से पर स्वतंत्र रूप से घुमा रहा था, लाड़ कर रहा था. ये बात मेरे आश्चर्य के लिए थी. मैंने पाया कि दोनों का तन समान रूप से नर्म है. साथ ही मैंने देखा कि जब मैं उनके नाजुक तन के ऊपर अपने हाथ फेर रहा था, तब मेरी नन्ही मनु, मिश्का के अंगों को भी अपने हाथों से महसूस कर रही थी.


वह भी बार बार मिश्का के होंठों और गालों पर बार बार चूम रही थी. इस तरह छोटी मिश्का हम दोनों की प्यारी गुड़िया बन गई थी.


बहुत देर के चाटने और चुंबन के बाद, लंबे समय तक उनके शरीर के सुंदर नर्म ऊपरी भाग के हर इंच को महसूस करने के बाद मैंने उन दोनों से फिर से खड़े होने के लिए कहा. दोनों के शरीर पूरी तरह गर्म हो चुके थे.


मैंने मिश्का के निचले हिस्से के वस्त्र को नीचे खींचना शुरू किया. लेकिन वह शर्म से फुसफुसाई- सर पहले सबाह को नंगी करो!


मैंने उसकी शर्म को समझा और सबाह के निचले हिस्से के वस्त्र उतार दिया.


सबाह ने अपनी चूत को ढकने के लिए पैंटी नहीं पहनी हुई थी इसलिए उसकी खूबसूरत बालों वाली चूत हम दोनों के सामने नंगी हो गई थी.


मिश्का सबाह की चूत को देख कर शर्म से मुस्कुरा दी और कुछ देर तक सबाह की टांगों के बीच घूरती रही.


उसने देखा कि मैं सबाह की चूत के बालों को अपने होंठों से चूम रहा हूँ. तो मिश्का उत्साह के साथ मुझसे बोली- सर मुझे भी नंगी कर दो.


मैंने तुरंत उसका निचला वस्त्र और फिर उसकी पैंटी उतार दी.


उफ्फ … तुरंत सुंदर बहुत ही सेक्सी गोरी टांगें मेरे सामने थीं और उनके बीच मिश्का की चूत पर काले और घने घुंघराले बाल थे.


यह महसूस करने पर कि हम दोनों उसकी टांगों के बीच लालच से देख रहे हैं, मिश्का ने मुस्कुराते हुए अपने हाथों से चूत को ढक लिया.


मैंने उससे कहा- बेबी शर्म मत करो.


हम दोनों ने उसे अपनी बांहों में ले लिया. वह हम दोनों के बीच दब गयी थी और हम दोनों उसे हर जगह चूम रहे थे.


बीच में मैं अपनी मुलायम और रेशमी गुड़िया सबाह को भी चाट रहा था.


कुछ मिनटों के बाद मैंने दोनों को बिस्तर पर नग्न लेटने के लिए कहा.


वे दोनों बिस्तर पर लेट गईं और सबाह ने शर्मीली मिश्का को तुरंत अपनी बांहों में ले लिया.


मिश्का ने भी अपना चेहरा उसके स्तनों के बीच रख दिया.


मैं बिस्तर पर आ गया और उनसे कहा कि वे दोनों अपनी बांहों को अपने सिर के ऊपर करके और पैरों को फैला कर साथ में सीधी लेट जाएं.


जैसा मैंने कहा, वैसा ही सबाह ने अनुसरण किया और मिश्का को भी वैसे ही लेटने में मदद की.


मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए. दोनों मुझे नंगा होते हुए देख रही थीं.


जैसे ही मैंने अपना अंतिम कपड़ा उतारा तो मेरा लंड सामने आ गया.


जब मिश्का ने मेरा मोटा और लंबा पूरी तरह से खड़ा हुआ लंड देखा तो वह चौंक उठी.


सबाह को कोई आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि उसने उसे अपनी नन्ही सी चूत में कई बार लंड भर कर अन्दर लिया था.


मैंने मिश्का की टांगों को फैला दिया ताकि उसके छेद का आकार देखा जा सके. उसकी चूत फूली हुई थी और उसके पास सबाह से थोड़ा बड़ा छेद था.


उसकी गोरी टांगों के बीच उसकी चूत पर घने घुँघराले काले बालों का गुच्छा बहुत सुंदर लग रहा था.


मैंने मिश्का की चूत के बाल अपनी उंगलियों से छुए और धीरे से उन्हें चूम लिया.


साथ ही मैंने सबाह का हाथ मिश्का की चूत पर रख दिया. वह भी मिश्का की चूत पर अपनी उंगलियां घुमाने लगी.


मैं अपने दूसरा हाथ से सबाह की गीली चूत के छेद को महसूस करने लगा.


दोनों की चूत में उंगली फिराने के बाद मैंने दोनों के पंजों से शुरू करके उनके सुंदर शरीर को एक एक करके चाटना शुरू कर दिया.


मैंने बारी-बारी से उनकी टांगों का एक-एक इंच उनके कोमल शरीर के मध्य भाग तक चाटा और वे दोनों मद भरी आवाज में कराहने लगीं.


मैंने मिश्का का हाथ पकड़ कर सबाह की चूत पर रख दिया. अब वे दोनों एक-दूसरे की चूत में अपनी अपनी उंगलियां डाल रही थीं.


मैंने फिर से उनके ऊपर के बदन को हर जगह चाटना शुरु कर दिया.


कुछ देर बाद वो दोनों आंखें बंद करके लेटी हुई थीं और मेरे चाटे जाने का मजा लेती हुई सिहर रही थीं. उनके मुँह से केवल कराहने की आवाज आ रही थी.


वे दोनों वास्तव में मेरी जीभ और होंठों से अपने कोमल रेशमी शरीर के अंगों को चाटने का आनन्द ले रही थीं. उस समय वो दोनों ही एकदम नग्न अवस्था में बहुत सुंदर और मासूम दिख रही थीं.


मैंने बारी बारी से दोनों के नर्म होंठ चूसने शुरु किए. मैं जिसका भी होंठ अपने मुँह में लेता, वह बेहद कामुक होकर अपनी जीभ मेरे मुँह के अन्दर डाल देती और मैं उसे चूसने लगता.


जल्द ही दोनों की चूतों में से रस बाहर टपकने लगा. मैंने उनका एक एक हाथ पकड़ा और उन्हें अपने लंड पर रख दिया.


मिश्का की आंखें अभी भी बंद थीं. जैसे ही उसने मेरे लंड को छुआ, मैंने देखा कि उसके शरीर में जोर से कंपकपी हुई.


उसने अपनी चूत में घुसी सबाह की उंगलियों को अपनी जांघों से कसकर दबा लिया और एक बहुत तेज सिहरन के साथ पहला स्खलन सुख प्राप्त किया.


जब वह स्खलन सुख प्राप्त कर रही थी तो मैंने उसके स्तन को अपने मुँह में भर लिया और उसे बहुत जोर से चूसकर खींचा. इससे उसके आनन्द की तीव्रता बढ़ गयी.


जब वह पूर्ण स्खलित होने के बाद शांत हुई और जोर जोर से सांस ले रही थी. तो मैंने उसका दूध छोड़ कर सबाह का छोटा स्तन अपने मुँह में भर लिया और उसे तब तक चूसा, जब तक वह जोर जोर से कराहने नहीं लगी.


मैंने और जोर से चूसते हुए स्तन को खींचा और उसने भी इसका मजा लिया. साथ ही उसने अपनी जांघों को दबाते हुए अपनी चूत को रगड़ा ताकि उसको भी स्खलन का सुख प्राप्त हो सके.


इस समय मिश्का की उंगलियां उसके गीले छेद के अन्दर थीं. सबाह ने भी अपनी चूत का सैलाब बह जाने दिया.


जब तक उसकी चूत ने रस बहाना खत्म नहीं किया, तब तक मैंने उसके एक चूचे को जोर जोर से खींचते हुए चूसा.


उन दोनों के शांत होने के बाद अब उन स्वप्न सुंदरियों को चोदने की बारी मेरी थी. मैंने उनकी उठी हुई भुजाओं और बालों वाली कांख को चाट कर उनके ऊपरी हिस्से पर शुरुआत की.


पहले मैंने सोचा कि अपनी प्यारी सबाह को चोद लूं ताकि मिश्का उसके अन्दर मेरा लंड घुसते हुए देखकर सहज हो जाए.


मैंने सबाह की ओर देखा और वह समझ गई.


वह फ़ौरन लेट गई और उसने अपनी टांगों को फैला कर ऊपर उठा लिया.


मैं उसकी टांगों के बीच आ गया और अपना लंड उसकी छोटी सी चूत के बाहरी होंठों पर रख दिया.


मैंने मिश्का को चुदाई देखने के लिए कहा. वह उठी और झांकने लगी कि सबाह की टांगों के बीच क्या हो रहा है.


कुछ देर तक सबाह की चूत के छेद के मुहाने पर अपना लंड घुमाने के बाद मैं धीरे-धीरे उसमें लंड को अन्दर पेलने लगा.


मिश्का खुली आंखों से सबाह की खुलती हुई चूत को देख रही थी और बीच-बीच में सबाह के चेहरे को भी देख रही थी. सबाह धीमी आवाज में कराह रही थी.


उसका मुँह खुला था और होंठ अलग थे, आंखें बंद थीं. मैंने मिश्का से कहा- सबाह के होंठ चूमो.


मिश्का ने तुरंत उसके गाल, होंठ, गर्दन आदि को चूमना शुरू कर दिया. जब मुझे यकीन हो गया कि मेरी छोटी गुड़िया तैयार है तो मैंने अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया और अपनी प्यारी बच्ची को बहुत प्यार से लेकिन पूरी ताकत से चोदने लगा.


मैंने मिश्का को उसके बूब्स भी चूसने के लिए कहा. मिश्का ने एक दूध को अपने मुँह में लिया और दूसरे को मैंने अपने मुँह में ले लिया.


सबाह अब जोर-जोर से कराह रही थी और अपने धड़ को आगे बढ़ा रही थी ताकि मेरे लंड को ज्यादा से ज्यादा अपने अन्दर ले जा सके.


मैं भी उसे पूरी ताकत से चोद रहा था. उसे मेरे लंड के साथ, जो उसके अन्दर था, अपने दूसरे कामोन्माद को महसूस करने में देर नहीं लगी.


उसके दोनों छोटे स्तन मेरे और मिश्का के मुँह में भरे हुए थे. कुछ ही मिनट में ही सबाह ने जोर से आवाज़ निकाली और मुझे और मिश्का को जोर से अपने बदन पर भींच लिया.


वो कुछ पलों के लिए जोर जोर से दिल धड़काने लगी पर मैंने उसे चोदना जारी रखा. जब मुझे लगा कि उसका स्खलन समाप्त हो गया है तो मैंने उसे प्यार करके शांत किया.


फिर मैंने अपने अभी भी कसकर खड़े अंग को उसकी रस बहती चूत से बाहर निकाला और सबाह से कहा कि वह पहली बार प्यारी मिश्का की कोमल बालों वाली चूत को चोदने में मेरी मदद करे.


सबाह की चुदाई देखकर मिश्का इतनी हॉट हो गई थी कि वह मुँह से सबाह का दूध नहीं छोड़ रही थी.


किसी तरह सबाह ने अपना चूचुक मिश्का के मुँह से बाहर निकाला और मिश्का को सीधे लेटने को कहा.


उसने मिश्का के पैरों को चौड़ा करने में उसकी मदद की और उसके चेहरे, स्तन, बांहों व गर्दन को चाटना और चूसना शुरू कर दिया.


मैं मिश्का की खुली टांगों के बीच आ गया, उसकी चूत पर से बालों को हटा कर ढके छोटे से छेद को देखा और उस पर अपने लंड के सुपारे को छुलाया. मिश्का की चूत पूरी गीली थी.


सबाह ने मिश्का को आराम से देखा और उसने मिश्का के बालों में हाथ डालकर उसे आश्वस्त किया कि सब ठीक हो जाएगा, बस आराम से लेटी रहो और अपने पैरों को खुला रखो.


मैं भी उस सुंदर बच्ची को आश्वस्त और उसके नए सिरे से खुलने वाले तंग छेद को प्यार करने लगा. उसके अन्दर धीरे धीरे धक्का शुरू करने के लिए मैंने मिश्का के होंठ चूम लिए.


मैंने सबाह को उसके स्तन और निप्पल को जोर से चूसने के लिए कहा और सबाह के ये करते ही मिश्का फिर से कराहने लगी.


मैं सही समय की तलाश में था कि वह कब पूरी तरह से हॉट हो जाए.


सबाह ने उसके एक स्तन को पकड़ लिया और मसलते समय वह दूसरे को जोर से चूसने लगी.


मिश्का जोर से कराहने लगी; वह सबाह की तरफ देखने लगी.


जैसे ही उसका ध्यान सबाह पर भटका, मैंने तुरंत अपना पूरा मोटा लंड उसकी चूत के छेद के अन्दर धकेल दिया.


मिश्का ने आंखें बंद कीं और जोर से आह आह करने लगी. उसके चेहरे पर थोड़ा दर्द दिखा. वह चिल्लाने को हुई ही थी कि मैंने उसके कमसिन होंठों को अपने मुँह में भर लिया.


एक मिनट के लिए मैंने अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर रोककर रखा, अपने लंड को चूत के छेद में समायोजित करने के लिए इंतजार किया. फिर उसे पहले धीरे-धीरे … और फिर गति को तेज़ करना शुरू कर दिया.


जैसे-जैसे उसका कराहना तेज होता गया, मेरी गति तेज होती गई.


चंद मिनटों की चुदाई के बाद अचानक मिश्का पूरी तरह से पिघल गई और अपने दूसरे स्खलन के साथ कांपने लगी. उसी पल मैं भी उसके अन्दर झड़ गया.


सबाह अभी भी बहुत जोर से उसके स्तन और निप्प्ल चूस रही थी. मिश्का काफी देर तक हांफती रही.


जब वे दोनों शांत हुईं, तो मैं उनके कोमल शरीरों पर गिर पड़ा.


उनकी चूत से बहुत देर तक गर्म रस टपकता रहा.


मैं अपनी बांहों में दोनों को पकड़ कर, उनके होंठों पर बहुत प्यार से चूमता रहा.


फिर हम तीनों ने कुछ देर आराम किया.


उसके बाद मैंने नग्न मिश्का को अपनी बांहों में उठा लिया और नग्न सबाह के साथ स्नानागार में ले गया. हम सबने एक दूसरे को साबुन से नहलाया.


नहाने के बाद वे दोनों बहुत सुंदर लग रही थीं. खुले बालों में भीगी हुई जन्नत की हूर लग रही थीं.


हम तीनों ने पूरी रात कुछ भी नहीं पहनने का फैसला किया और साथ में डिनर का आनन्द लिया.


उस घटना के बाद से मिश्का हमारी नियमित साथी बन गयी और हम तीनों ने हर मौके पर एक-दूसरे के साथ खूब आनन्द लिया.


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