जंगल में सहकर्मी की चूत मारी

ख़ुशी 3

25-09-2023

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टीचर चुदाई जंगल सेक्स कहानी में पढ़ें कि एक बार मैं स्कूल के लेडीज टॉयलेट में चला गया. मैं मूत रहा था कि एक लेडी टीचर अपनी साड़ी उठाए वहाँ आ गई। तो मेरे साथ क्या हुआ?


मेरा नाम राहुल है. मैं एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हूँ. मेरी हाईट 5 फुट 6 इंच है और मैं गठीले बदन का व्यक्ति हूँ. मेरी उम्र 30 साल है.


मेरी टीचर चुदाई जंगल सेक्स कहानी का मजा लें.


रीमा मेरे ही स्कूल में पढ़ाती थी.


उसकी उम्र 33 साल थी और थोड़ी सी मोटी थी.


लेकिन वह दिखने में बहुत आकर्षक थी उसके बड़े बड़े दूध और मोटे मोटे चूतड़ थे. गोरी चिट्टी रीमा साड़ी पहनती थी, उसका ब्लाउज गहरे गले का होता था तो इसकी वक्ष रेखा के दर्शन सुलभ थे.


एक दिन जेन्ट्स बाथरूम में बहुत बदबू आ रही थी और मुझे जोर से पेशाब आ रही थी तो मैं लेडीज टॉयलेट में चला गया.


संयोग से वहाँ कोई नहीं थी तो मैं अपना 7 इंच का लंड निकाल कर मूतने लगा.


तभी बाहर से साड़ी उठा कर रीमा आ गई. उसे लगा कि बाथरूम में कोई नहीं होगा.


लेकिन मुझे देखते ही चौंक कर उसने साड़ी नीचे कर ली. लेकिन तब तक मैं रीमा की गोरी और मोटी जांघें और सफेद चड्डी देख चुका था.


मेरा लंड मेरे हाथ में था जिसमें से धार निकल रही थी.


“वो … वो हमारे बाथरूम में गंदगी थी जिसके कारण मैं यहां आ गया!” मैंने सफाई दी. “कोई बात नहीं!” वह बोली.


तब तक मेरा मूतना पूरा हो चुका था. मैंने लंड को झटका दिया और चेन लगा ली.


इस घटना के बाद रीमा मुझे अजीब नजरों से देखने लगी. मैं समझ गया कि इसे चुदना है.


एक दिन मौका देख कर मैं रीमा के पीछे पीछे बाथरूम में आ गया. रीमा वहां साड़ी ऊपर कर के मूत रही थी.


मुझे देखते ही वह चौंक गई. अब महिलाएं पुरुष जैसे एकदम से अपना निकलता हुआ पेशाब नहीं रोक पाती तो वह बैठी मूतती रही और बोली- प्लीज़, यहां से जाओ!


मैंने अपना लंड निकाला और बोला- ठीक है. चला जाऊँगा … लेकिन इसे कैसे समझाऊं … इसने जब से तुम्हें देखा है, दिन रात आंसू बहा रहा है, गाढ़े गाढ़े आंसू!


रीमा ने वहीं बैठे बैठे मुस्कराते हुए मेरा लंड पकड़ लिया.


मैंने रीमा को उठाया और खड़ी करके उसके होंटों को अपने होंटों के बीच दबा लिया और चूसने लगा.


रीमा की जीभ मेरे मुख में आ गई और मैं उसकी जीभ चूसने लगा.


फिर मैंने रीमा से कहा- यार, अपने होंटों का इस्तेमाल इस पर भी कर दो! रीमा नीचे बैठ कर मेरे लंड को बड़े प्यार से चूसने लगी.


थोड़ी देर बाद रीमा बोली- तुम भी मेरी चूत चाटो ना!


तो मैं भी नीचे बैठ कर रीमा की चूत में उंगली कर कर के चाटने लगा.


तभी रीमा ने एकदम से अपनी चूत सिकोड़कर ढीली की और मेरे मुख में अपनी चूत के रस की पिचकारी छोड़ दी. रीमा की पिचकारी में एक अजीब सा स्वाद था.


फिर मैंने रीमा को खड़ी किया और एक टांग उठा कर उसकी गीली चूत में अपना लंड फंसा दिया.


थोड़ी देर बाद इस पोजीशन में चुदने के बाद रीमा थक गई. मैंने भी तुरंत रीमा को घुटनों के बल घोड़ी बना कर उसकी चूत में लंड पेल दिया.


यह हमारी पहली चुदाई थी जो जल्दबाजी में हुई.


एक दिन हमें एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में जंगल जाना पड़ा.


मैं और रीमा अपनी बाइक से जंगल के लिए निकले.


रास्ते भर रीमा मेरा लंड सहलाती हुई गई. मैं भी पीछे हाथ डाल कर उसके दूध दबाता गया.


जंगल पहुंचने के दौरान मेरे लंड से पानी टपक रहा था और रीमा की चूत में से पानी बह रहा था.


अब हम दोनों की चुदाई की इच्छा हो रही थी. लेकिन रास्ते में कैसे करते!


जंगल में जाकर मैंने अपनी बाइक खड़ी की और बातें करते करते घूमने दूर निकल गए.


अब थोड़ा घना जंगल हो गया था और मैं ऐसी जगह ढूंढ रहा था जहां रीमा की चुदाई जम कर की जाए.


तभी रीमा बोली- यार, मुझे टट्टी आ रही है.


मुझे बड़ा गुस्सा आ गया कि बहन चोद चुदाई के नाम से टट्टी आ गई. लेकिन मैंने कहा- ठीक है, कर लो! कह कर मैं थोड़ा दूर हट गया.


रीमा वहीं बैठ कर हल्की होने लगी.


थोड़ी देर बाद उसने आवाज दी- राहुल पानी की बोतल देना!


तभी मुझे याद आया कि पानी की बोतल तो मैंने गाड़ी से निकाली ही नहीं.


मैंने रीमा को यह बात बतायी तो वह बोली- अरे यार, मैं धोए बगैर नहीं उठूंगी.


अब मैं सोच रहा था कि जंगल का मामला है, मैं कैसे इसे अकेला छोड़ कर पानी लेने जाऊँ.


मुझे कुछ सूझ नहीं रहा था.


तभी रीमा बोली- यार एक काम करो, मेरी गांड पर पेशाब की धार छोड़ दो. उससे मैं धो लूंगी.


मुझे यह तरीका जमा.


रीमा वहां से उठ कर आयी और साड़ी ऊपर कर के फिर से घोड़ी बन गई. मैंने लंड निकाला और रीमा की गांड पर पेशाब की धार छोड़ने लगा.


रीमा ने जल्दी से अपनी गांड पर लगी हुई टट्टी साफ की और जमीन से रगड़ कर हाथ साफ किए.


अब टाईम था रीमा को चोदने का!


मैंने रीमा का ब्लाउज़ ऊपर कर के उसके मोटे मोटे बूब्बस बाहर निकाले और खूब दबा दबा कर चूसने लगा.


और नीचे मेरी उंगली उसकी चूत में अंदर बाहर होने लगी.


रीमा भी मस्ती में आकर मेरा लंड दबा दबा कर सहलाने लगी.


मैं नीचे झुका और रीमा की लपलपाती चूत में अपनी जुबान डाल दी.


रीमा तड़प उठी और जोर जोर से अपनी चूत मेरे मुंह पर रगड़ने लगी!


अब मैंने देर करना उचित नहीं समझा और रीमा की साड़ी खींच कर मैंने बिछा दी और रीमा को पीठ के बल लिटा कर उसकी चूत में लंड घुसा दिया और धक्के मारने लगा.


एक मिनट बाद रीमा बोली- यार, एक मिनट रुकना! मैं रुक गया लेकिन लंड आधा रीमा की चूत में घुसा रहा.


तभी रीमा ने पेशाब की धार छोड़ी रीमा का गर्म पेशाब निकला जिससे मेरा लंड और पागल हो गया.


मैंने और तेज धक्के लगाने शुरू कर दिए. बीच बीच में रीमा पेशाब निकालती रही और सन्नाटे में फचर फचर की आवाज से जंगल गूँजने लगा.


फिर मैंने अपना माल रीमा की चूत मैं छोड़ दिया और निढाल हो गया.


तभी मैंने देखा कि हमारे आसपास तीन गाँव वाले और एक औरत खड़ी हुई बड़े कुत्सित अंदाज में हंस रहे थे. चेहरे से वे चारों ख़तरनाक दिख रहे थे.


वह औरत कोई चालीस साल की होगी. और मर्द भी 35 से 40 साल तक की उम्र के लगभग थे.


शायद वे सब जंगल से लकड़ी काट कर चोरी करते थे इसलिए उनके हाथ में कुल्हाड़ियाँ थी.


उन्हें देख कर हम दोनों बहुत घबरा गए.


मैं बोला- भैय्या, हमें जाने दो!


पर उन्होंने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया. उनकी आंखें रीमा की नंगी चूत पर ज़मी हुई थी जिसमें से मेरा माल निकल कर बह रहा था.


वह औरत काली सी थी जिसके दांत लगातार तम्बाकू खाने से लाल पीले हो रहे थे.


वो मेरे मुरझाए हुए लंड को देख रही थी. शायद उसे मेरा लंड पसंद आ गया था.


दोस्तो, टीचर चुदाई जंगल सेक्स कहानी कैसी लगी? बताइयेगा जरूर! मेरा ईमेल है [email protected]


बाकी कहानी अगली बार जब आप मुझे इमेल करेंगे फिर बताऊँगा कि उन गाँव वालों ने हमारे साथ क्या किया.


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