अपनी गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली की बार-बार चुदाई

विपुल राज

10-09-2023

0

कॉलेज गर्लफ्रेंड Xxx कहानी में पढ़ें कि मेरी गर्लफ्रेंड अपनी पहली चुदाई के लिए आतुर थी. हमने अच्छे होटल में जाकर पहले सेक्स का मजा लिया. उसके बाद क्या हुआ?


मेरा नाम विपुल है. मैं सूरत में रहता हूँ. मेरी उम्र 23 साल है. मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है और काफी मोटा भी है.


ये कॉलेज गर्लफ्रेंड Xxx कहानी मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड सोना की है. मेरी गर्लफ्रेंड 22 साल की है.


जब हम पहली बार मिले, तब से ही हम दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे थे.


जब मैंने अपनी गर्ल फ्रेंड की चुदाई की थी, तब मेरी उम्र 21 साल की थी और उस समय हम दोनों का ये पहला सेक्स था.


सेक्स करने से पहले जब हम गार्डन में मिलते, तब किसी एक सुनसान कॉर्नर ढूँढ कर बैठ जाते और देखते कि कोई हमें देख तो नहीं रहा है.


उस समय मेरी गर्ल फ्रेंड बार बार मुझसे कहती कि कुछ देर रुको … पहले देख लो. कोई हमारा पीछा करते हुए तो नहीं आ गया है. या कोई छिप कर हमारी फ़ोटो तो नहीं ले रहा है.


उसकी इन सभी चिंताओं से मेरी भी फटने लगती थी और मैं भी बड़ी होशियारी दिखाते हुए आस-पास देख कर ये पक्का कर लेता था कि हमें कोई नहीं देख रहा है.


उसके बाद ही हम दोनों किस करते और धीरे धीरे अपने प्यार में खोते चले जाते. मैं उसके निपल्स को टच करना शुरू कर देता और उसके बाद उसकी चूत को रगड़ना भी शुरू कर देता.


वह कामुक आवाजों में अपनी वासना का मुजाहिरा करने लगती तो मैं उसकी चड्डी में हाथ डाल देता और कुछ ही देर में उसको पूरी गर्म कर देता. इस तरह से मैंने उसको गार्डन और पार्क आदि में ले जाकर इतना ज्यादा तड़फाया कि वह रह ही न पाई.


एक दिन वह खुद सामने से बोली- चलो, किसी होटल में चलकर सेक्स करेंगे. मैंने कहा- नहीं यार, होटल में खतरा है.


वह कहने लगी- अब जो होगा सो देखा जाएगा. तुम मुझसे पैसे ले लो और किसी बड़े होटल में चलो. मैंने उससे पूछा- बड़े होटल में क्यों?


तो उसने कहा- किसी प्रतिष्ठित होटल में चलेंगे, तो खतरा नहीं होगा. किसी घटिया होटल में पुलिस आदि का खतरा तो रहेगा ही … साथ में कुछ वीडियो आदि बन जाने का खतरा भी होता है.


उसकी इस बात को सुनकर मुझे होश आया कि ये सब तो मैंने सोचा ही नहीं था. मैं तो पैसे बचाने के चक्कर में किसी ऐसे होटल में अपनी गर्ल फ्रेंड को ले जाकर उसकी चुदाई करना चाहता था, जिधर घंटा के हिसाब से कमरा मिलता हो.


मैंने कहा- ठीक है जान. जल्द ही मैं तुम्हें होटल वाली चुदाई का मजा दूंगा. वह हंसने लगी और मेरी पीठ पर मुक्का मारती हुई बोली- कैसे बोलते हो.


मैंने कहा- कैसे क्या बोलता हूँ जान. होटल में जाकर हम दोनों को चुदाई ही तो करनी है न! या कुछ और करना है? वह मुझको चूम कर बोली- सेक्स तो बस एक जरूरत है. बाकी उधर हम दोनों खूब प्यार भी तो करेंगे.


मैंने उसकी बात से इत्तफाक जताया और होटल में मिलने की बात पर हामी भर दी. मैं खुद ही अब उसे चोदने के मूड में था.


फिर दो दिन बाद उसने ट्यूशन से छुट्टी मार कर मुझसे कहा- चलो, आज किसी होटल में चलते हैं. मैंने मोबाइल में एप डाउनलोड किया और एक थ्रीस्टार होटल में एक कमरा बुक कर लिया.


कुछ देर बाद हम दोनों उस होटल में चले गए. मैंने जाने से पहले एक बड़ा सूटकेस ले लिया था ताकि हम दोनों बाहरी यात्री के जैसे लगें.


बुकिंग करते समय ही सारी औपचारिकताएं पूरी कर ली जाती हैं तो होटल में सिर्फ बुकिंग डिटेल दिखाने की जरूरत रहती है. जल्द ही हम दोनों कमरे में आ गए थे.


कमरे के अन्दर जाते ही मैंने पीछे से उसको टाइट हग दिया और उसने लिप किस शुरू कर दिया. हम दोनों एक दूसरे में खोने लगे.


कुछ बीस मिनट के बाद उसने मेरा लंड पकड़ लिया. मैं भी अपने संयम को खोता जा रहा था.


अगले ही पल मैंने उसको बेड पर धक्का दे दिया और उसका टॉप उतार दिया. वह मस्ती में मेरी आंखों को वासना भरी नजरों से देख रही थी.


उसके बाद मैंने उसकी पैंट को चड्डी समेत नीचे खींच दिया. वह पहली बार मेरे सामने अपनी चड्डी उतरने से एकदम से सकपका सी गई और अपनी बुर को अपनी हथेली से ढकने लगी.


उस वक्त वह सिर्फ एक ब्रा में रह गई थी. मैंने उसकी हथेली को हटा दिया तो देखा. एकदम चिकनी बुर मेरे लौड़े के लिए रो रही थी.


लिसलिसा सा पानी उसकी बुर पर चमक रहा था. मैंने अपने कपड़े उतारना शुरू किए और जल्द ही उसके सामने अपने लंड को लहराने लगा.


लंड भी एकदम चिकना था, कल ही झांटों को साफ किया था. वह मेरे लंड को बड़ी हसरत से देख रही थी.


मैंने उसके बाजू में लेट कर उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसकी ब्रा को खोल कर उसे पूरी नंगी कर दिया. अब मैं उसको किसी भूखे शेर की तरह भंभोड़ने लगा.


उसके लिप्स, निपल्स, चूत सबको खाने लगा.


कुछ ही देर में वह भी पूरी तरह से गर्म और चुदास से पागल हो गयी. वह मुझे हर जगह पागलों की तरह चूमने लगी. हम दोनों जन्नत में थे.


मैंने अपनी पैंट को उठाया और उसकी जेब से कंडोम का पैकेट निकाला और लंड को पहना दिया.


अब मैंने उसके दोनों पैरों को ऊपर करके अपने लंड को उसकी सील पैक बुर के छेद में लगा दिया.


वह मचलने लगी. गर्लफ्रेंड की बुर चिकनी थी और बराबर रस छोड़ रही थी.


मैंने सुपारा सैट किया और अपने लंड को एक ही बार में उसकी कुंवारी चूत में अन्दर पेल डाला. लंड अन्दर घुसा तो वह चिल्लाई और कराह कर बोली- धीरे धीरे करो … लग रही है. मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.


लेकिन मैं कहां रुकने वाला था. लंड धीरे धीरे घुसेड़ो या एक झटके में पेलो, जाना तो उसे कुंवारी चूत के अन्दर ही. फिर अन्दर जाएगा तो झिल्ली को तो फाड़ेगा ही.


ये सब उसे समझाने का न तो समय था और ना ही कोई जरूरत थी. यदि किसी चीज की जरूरत थी तो वह थी चुदाई की.


यही सब सोच कर मैंने दूसरी बार और ज़ोर से लंड को पेला. वह ज़ोर से चिल्लाई लेकिन बाद में शांत हो गयी.


अब पूरा लंड चूत में पेवस्त हो गया था. लंड ने अपनी जगह बना ली थी. चूत ने भी कुछ चिकनाहट पैदा कर दी थी जिस वजह से लंड को जगह मिलने लगी थी.


मैं धीरे धीरे स्ट्रोक मारने लगा. वह भी गांड उठा कर साथ देने लगी.


हम दोनों को चुदाई का मज़ा आने लगा.


करीब दस मिनट बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए. झड़ने के बाद जो सुख मिला वह अकल्पनीय था.


हम दोनों एक दूसरे की बांहों में एकदम निढाल पड़े थे. कुछ देर के लिए हमारी आंखें मुंद गई थीं.


बाद में उठ कर देखा तो लाल छींटों ने हमारी विजय गाथा को लिख दिया था.


फिर मैंने खाना ऑर्डर किया. हम दोनों ने खाना खाया.


वह मेरी गोदी में बैठ गई थी और हम दोनों नंगे बदन थे.


खाना के बाद मैंने उसे एक दर्द निवारक दवा दे दी जो मैं अपने साथ लाया था.


उसके बाद हम दोनों ने फिर से सेक्स किया और एक घंटे के लिए सो गए.


दूसरे राउंड में वह मेरे ऊपर थी. मैं उसके नीचे था.


उसके बूब्स हवा में थिरक रहे थे. वह नजारा देख कर मज़ा आ रहा था.


मैंने उसकी गांड में एक थप्पड़ मारा तो वह चिहुंक सी गयी और उसने मेरा लंड पूरा अन्दर तक ले लिया. फिर मैंने उसी पोजीशन में 10 मिनट तक दनादन चुदाई की.


बाद में उसका पानी निकल गया और वह थक गयी. लेकिन दूसरा राउंड होने की वजह मेरा अभी तक नहीं हुआ था.


मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को कहा. इस पोजीशन में तो नज़ारा देखने का मज़ा आ गया.


उसके चूतड़ देख कर ही मैं पागल हो गया. ऐसा लगा कि पूरे दिन ऐसे ही इसे देखता रहूँ.


फिर मैंने लंड अन्दर डालने की कोशिश की लेकिन हम दोनों पहली बार डॉगी स्टाइल कर रहे थे तो लंड फिसल रहा था.


बाद में थोदी देर की कोशिश के बाद लंड अन्दर चला गया और मैं कुत्ते की तरह स्ट्रोक मारने लगा. वह भी बोली- इस आसन में ज़्यादा मज़ा आ रहा है.


बीस मिनट तक इस पोजीशन में सेक्स करने के बाद मेरा निकलने वाला था.


मैंने कंडोम निकाल दिया और लंड उसके मुँह में दे दिया. वह लंड को मस्ती से चूसने लगी. उस वक्त तो मानो जन्नत की सैर का मजा आ रहा था.


जब मेरा लंड झड़ने लगा तो उसने सारा माल पी लिया.


फिर हम दोनों ने फ्रेश होकर कपड़े पहने और वापस आ गए.


उसी दिन शाम को उसके मम्मी पापा बाहर चले गए. उसने मुझे कॉल किया और बताया- एक घण्टे का टाइम है. घर आ जाओ.


मैं लपक कर उसके घर आ गया और जल्दी से उसकी चड्डी उतार कर चूत चाटने लगा. वह अपनी चूत में मेरा सिर दबा रही थी मेरी सांस फूलने लगी थी, उसने मेरे सिर को अपनी चूत पर इतना ज्यादा दबा दिया था.


वह दस मिनट बाद मेरे मुँह पर झड़ गयी. मैं भी सारा पानी पी गया और उसे किस करने लगा.


उस दिन घर में चुदाई तो नहीं हो पाई मगर चुदाई से ज्यादा मजा आ गया था.


फिर मैं अपने घर वापस आ गया.


अब जब भी मौका मिलता है, कॉलेज गर्लफ्रेंड Xxx का मजा लेते हैं.


शायद तो अब तक हमने कबीर सिंह का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया होगा.


फिर एक बार उसकी सहेली नेहा ने हमारी सेक्स चैट पढ़ ली और वह मुझको सताने लगी. वह भी मुझसे चुदवाने की बात कहने लगी.


मैं खुश हो गया लेकिन मैंने अपनी गर्ल फ्रेंड सोना को कुछ नहीं बताया.


दूसरे दिन नेहा बोली- कल मेरे घर पर कोई नहीं रहेगा. कल मेरे आ जाना और बनाना फ्लेवर वाला कंडोम लेकर आना. साथ में दो बियर और एक पैकेट सिगरेट का भी ले आना. मैं समझ गया कि ये पक्की छिनाल है.


दूसरे दिन मैं वह सब सामान लेकर उसके घर पहुंच गया. जब उसने दरवाज़ा खोला तो मैंने चौंक गया. उसके साथ एक और लड़की भी थी. मैं उसको नहीं जानता था.


दोनों मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रही थीं. नेहा ने मेरा और उस लड़की का परिचय करवाया. उस लड़की का नाम शिज़ा था.


मैं भी मन में खुश हो रहा था कि एक लंड के ऊपर खेलेगी और एक मुँह के ऊपर … मज़ा आ जाएगा.


हम तीनों सोफे पर बैठ गए, बियर और सिगरेट का मजा लेने लगे. मैं उन दोनों के बीच में था. उन दोनों ने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं मज़े ले रहा था.


बाद में नेहा ने मेरा पैंट उतारा और मेरे गोटों से खेलने लगी. शिज़ा मुझे लिप किस कर रही थी और नेहा लंड मुँह में ले रही थी.


बाद में दोनों मिल कर मेरा लंड चूसने लगीं. वे दोनों बारी बारी से मेरा लौड़ा चूस रही थीं.


कुछ मिनट में ही मेरे लंड का पानी निकल गया. दोनों ने बहुत ही अच्छे से लंड चूसा था.


फिर मैंने दोनों को नंगी किया और दोनों को बेड में लेटा कर बारी बारी से उनकी चूत चाटने लगा. कसम से इतना मज़ा आ रहा था कि पूछो ही मत!


एक की चूत चूसता और दूसरी की चूत को हाथ से मसलता. दोनों ज़ोर ज़ोर से आवाजें कर रही थीं.


उनकी कामुक आवाजों को सुनकर मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. बाद में मैंने जैसा सोचा था, वैसा ही हुआ.


नेहा लंड पर बैठ गई और शिज़ा मेरे मुँह पर चूत रख कर बैठ गयी.


हमारी थ्रीसम चुदाई आरम्भ हो गयी. मुँह से चूसने से मेरा एक बार काम हो गया था, अब मेरा लंड काफी देर तक झड़ने वाला नहीं था.


मैं दोनों को खुश कर सकता था इसलिए मैंने स्पीड बढ़ा दी और जल्द ही नेहा का पानी निकाल दिया.


अब बारी थी शिज़ा की. शिज़ा को मैंने डॉगी स्टाइल में चोदने का सोचा. लेकिन वह बोली- मुझको काऊगर्ल वाला करना है.


शिज़ा मेरे लौड़े पर चूत फंसा कर काऊगर्ल की पोजीशन में आ गयी. मैं स्ट्रोक मारने लगा.


उधर नेहा शिज़ा की चूत के ऊपर के दाने को रगड़ रही थी. इससे यह हुआ कि शिज़ा का पानी जल्दी छूट गया और वह थक कर बाजू में लेट गयी.


मेरा लंड अभी भी बांस सा खड़ा था. खड़ा लंड देख कर नेहा फिर से बोली- मुझे एक और बार करना है.


मैंने उसको भी अपने लंड के ऊपर बैठा लिया और दे दनादन चुदाई की. वह भी थक गई.


बाद मैं हम तीनों नंगे चिपके कर लेट गए.


उस दिन के बाद से मुझे चूत की कभी कमी नहीं हुई. आपको मेरी कॉलेज गर्लफ्रेंड Xxx कहानी कैसी लगी. प्लीज मुझे अवश्य बताएं. [email protected]


Teenage Girl

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ