पड़ोस की अल्हड़ लड़की की चूत की खुजली मिटाई

_

18-09-2023

32,682

देसी सेक्सी लड़की की चुदाई का मजा मैंने अपने नए घर के पड़ोस की लड़की से लिया. वह आते जाते मुझे इशारे करती थी. एक दिन उसने मुझे अपने घर बुलाया.


दोस्तो, सभी को मेरा नमस्कार! मेरा नाम आर्थव है, उम्र 23 साल, वजन 54 किलो है।


यह मेरी पहली रियल कहानी है जिसमें मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मैंने अपने पड़ोस की लड़की को चोदा।


देसी सेक्सी लड़की की चुदाई आज से 4 साल पहले की है जब मैं 12वीं में पढ़ता था।


मेरे घर वालों ने एक मकान किराये पर लिया हुआ था। हम लोग जिस घर में पहले रह रहे थे वो भी किराये पर था तो घर बदल लिया था हमने।


बदले हुए घर में मेरा कोई खास मन नहीं लगता था। मैं अपने काम से काम रखता था। न गली में किसी से बात करता था और न ही घर में ही ज्यादा बोलता था।


एक दिन की बात है कि पड़ोस की एक लड़की मुझे कुछ इशारे कर रही थी।


वह उम्र में मुझसे थोड़ी बड़ी लग रही थी इसलिए मैंने एक बार देख कर फिर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।


असल में मैं सोच रहा था कि शायद उसकी मानसिक स्थिति कमजोर होगी इसलिए मेरा अन्य बातों पर ध्यान गया ही नहीं।


फिर अगले दिन वो अपने घर के मेन गेट पर बैठी हुई थी। जब मैं गुजरने लगा तो फिर से इशारे करने लगी।


मैंने पूछा- क्या हुआ? वो बोली- कुछ नहीं।


मैं सोच में पड़ गया, बड़ी अजीब लड़की है ये, पहले इशारे करती है, और फिर पूछो तो कुछ बताती नहीं। अब मुझे वो सच में पागल लग रही थी।


फिर जब मैं कुछ देर बाद वापस आया तो पूछने लगी- खाना खा लिया? मैंने कहा- हां। बस फिर उसने कुछ आगे नहीं पूछा। मैं भी अंदर चला गया।


उसके बाद फिर दो दिन तक वो मुझे नहीं दिखी।


तीसरे दिन मैं अपने घर के बाहर बैठा फोन में कुछ देख रहा था। वह लड़की भी मेरे पास आ गई।


कुछ देर वह वहीं खड़ी रही तो मैंने पूछा- क्या हुआ, ऐसे क्यों खड़ी हुई हो, कुछ काम है क्या? वह बोली- नहीं, काम तो कुछ नहीं है, क्या कर रहे हो? मैं बोला- कुछ भी तो नहीं।


उसने कहा- मैं भी बैठ जाऊं पास? इससे पहले मैं कुछ जवाब देता, वो खुद ही मेरे पास आकर बैठ गई। मैं फिर से हैरान था लेकिन मैं कुछ नहीं कहा।


फिर कुछ देर बाद बोली- मुझसे दोस्ती करोगे? मैं सोचने लगा।


वह उम्र में बड़ी थी और रंग की सांवली भी थी।


फिर मैंने सोचा कि दोस्ती का हाथ बढ़ाने में क्या जाता है। मैंने हां कर दी।


तब से हमारी बातचीत होने लगी।


दोस्तो, मैं आपको बता दूं कि हमारे उस घर में बड़ा आंगन था और वो खुला ही था। रहने के कमरे आंगन के पीछे बने हुए थे।


उस दिन दोपहर के 12 बज रहे थे और मैं नहाने के लिए जा रहा था। जाते समय मैं तौलिया साथ में रखना भूल गया।


मैं अंदर जाकर कपड़े उतार कर नंगा हो गया और नहाने लगा। मम्मी तब तक बाजार में जा चुकी थी।


मैंने आवाज दी लेकिन कोई सुनने वाला था ही नहीं, तो जवाब कैसे आता।


इसलिए मैं नहाने लगा यह सोचकर कि जब घर में कोई है ही नहीं तो तौलिया बहार निकल कर ले लूंगा।


नहाकर मैं बाहर आया। मेरी चड्डी गीली थी। मैंने वो तुरंत उतारी और उसकी जगह सूखी चड्डी पहन ली।


फिर मैं अपने गीले कपड़े सुखाने चला तो ऊपर से आवाज आई- नहा लिए? मैंने कहा- हां, नहा तो लिया।


शायद वो पहले से जानती थी कि घर पर कोई नहीं है इसलिए जब तक मैं अपने गीले कपड़े सुखाता, वह मेरे घर में चली आई और मेरे पास आ खड़ी हुई।


पास आते ही वो बोली- आपका तो बहुत लंबा और मोटा है। ये सुनकर मैं तो हक्का-बक्का रह गया।


मैंने हैरानी से उसकी ओर देखा. तो वह खिलखिलाकर हंसते हुए बोली- मैंने ऊपर से सब देख लिया है।


अभी मैं उसकी ओर हैरानी से देख ही रहा था कि उसने फिर कहा- जब भी आपको गर्मी चाहिए हो तो मुझे बता देना।


अब तक मेरे अंदर नीचे ही नीचे कहीं वासना जाग उठी थी। जिसका पता मुझे मेरी तंद्रा टूटने के बाद लगा, जब उस लड़की ने मजाक में ही मेरे लंड पर हाथ मार दिया और हंसते हुए वहां से जाने लगी।


अगर मैं एक पल की भी देरी करता तो चूत मेरे हाथ से निकल जाने वाली थी। इसलिए मैंने तुरंत होश में आकर उसे रोकते हुए कहा- सुनो तो? मेरी आवाज सुन वो रुकी और पीछे मुड़कर मुस्कराते हुए बोली- क्या हुआ?


मैंने कहा- अभी चाहिए है मुझे गर्मी! वो बोली- नहीं, अभी नहीं। कल आना, कल मम्मी सुबह बैंक के काम से बाहर जाएगी, तब आ जाना। मैंने भी कह दिया- चलो, ठीक है।


अगले दिन मैं भी स्कूल नहीं गया। मैं सुबह से ही गेट के आसपास मंडराने लगा और उसकी मां का घर से निकलने का इंतजार करने लगा।


लगभग 10 बजे उसकी मम्मी घर से निकल गई।


उसके जाने के कुछ देर बाद ही मैं उसके घर में घुस गया।


वह भी जैसे पहले से ही तैयार बैठी थी। हम दोनों रूम में गए और मैंने उसे पकड़ लिया।


मैं उससे लिपटने लगा. वह भी मेरा साथ देने लगी।


मैं जोर जोर से उसके बदन को भींचने लगा। उसने हंसते हुए कहा- रुको जरा, आराम से कर लो, मम्मी को वापस लौटने में अभी टाइम लगेगा।


मैं बोला- आराम गया मां चुदाने, तू जल्दी से कपड़े उतार! उसने पहले तो अपनी पजामी नीचे की और फिर पैंटी उतार दी।


मैंने भी जल्दी से अपनी पैंट उतारी.


इतने में वह बोल पड़ी- आराम से करना! बहुत बड़ा है तुम्हारा। मैंने कहा- पहले किसका लिया है, जो तुम्हें मेरा बड़ा लग रहा है!


वह बोली- जीजा का लिया था, लेकिन उनका बहुत छोटा है, और काफी पतला भी। तुम्हारा ज्यादा मोटा और लम्बा है। मैंने कहा- ठीक है, आराम से करूंगा।


फिर मैं उसके बूब्स दबाने लगा। मेरा एक हाथ उसके चूचे पर था और दूसरा उसकी चूत पर चल रहा था।


मैंने उसकी चूत में अंदर उंगली देनी चाही तो उसकी आह्ह … करके सिसकार निकल गई। चूत में हल्की सी उंगली जाते ही मेरा लंड इतना टाइट हो गया, मानो कि अब फट जाएगा।


फिर मुझसे रहा न गया। मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी चूत में लंड को रगड़ने लगा।


वह भी जैसे चुदने के लिए बहुत प्यासी हो रही थी; वह नीचे से चूत को उठाकर लंड पर रगड़वा रही थी।


फिर मैंने एक धक्का मारा और लंड को चूत में फंसा दिया। वह एकदम से छटपटा उठी, मुझे अपने ऊपर से हटाने के लिए मेरी छाती में धक्का मारने लगी।


उसकी आंखों से आंसू और चूत से खून आने लगा। खून देखकर मैं भी थोड़ा डर गया कि कहीं इसे कुछ हो न जाए।


मैं वहीं रुक गया; मैंने आगे कुछ नहीं किया।


उसे मैंने चुप करवाया। फिर समझाकर धीरे धीरे उसे चोदना शुरू किया।


कुछ देर में उसे मजा आने लगा। फिर तो वह खुद ही बोलने लगी- और तेज, और तेज करो। मैं भी अब पूरी स्पीड पकड़ गया, मैं तेजी से उसकी चूत में धक्के लगाने लगा।


अब बेड पूरा हिलने लगा। उसकी चीखें अब आंहों में बदल चुकी थीं। मैं हर आह … के साथ और ज्यादा जोश महसूस कर रहा था।


फिर मैंने उसे बेड के किनारे पर डॉगी पोजीशन में कर लिया। मैंने पीछे से चूत में लंड घुसाया और कमर पकड़ कर उसकी चूत मारने लगा। एक बार फिर से देसी सेक्सी लड़की की चुदाई शुरू हो गई।


लगभग 20 मिनट तक मैंने उसे पेला और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया।


मैं दो मिनट उसके ऊपर झुका रहा, लंड जब सिकुड़ने लगा तो मैंने बाहर खींच लिया।


लंड उसकी चूत के खून और रस में सना हुआ था। हम दोनों ने अपने अपने गुप्तांगों को साफ किया जल्दी से … फिर मैं उसके घर से निकल आया।


मेरे आने के कुछ देर के बाद वह भी बाहर आ गई। उस वक्त मैं अपने घर के गेट पर बैठा था।


मैंने इशारे में उसे गांड चुदाई करवाने के लिए कहा। लेकिन उसने गांड चुदाई से मना कर दिया। मैंने पूछा- क्यों? वह पास आकर धीरे से बोली- इतना लंबा-मोटा लंड है, मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया है, अब क्या गांड भी फाड़ोगे!


मैंने कहा- अरे नहीं, बिल्कुल धीरे से करूंगा। वह बोली- नहीं, मम्मी के आने का टाइम हो गया है। उसके बाद वह अंदर चली गई।


काफी देर मैं वहीं बैठा रहा।


अब तक फिर से मेरे अंदर वासना जागने लगी थी।


जब उसकी मम्मी बहुत देर तक वापस नहीं लौटी तो मैं वासनावश फिर से अंदर जा पहुंचा।


मुझे देखकर वो थोड़ी हैरान हुई, फिर कहने लगी- जाओ, कोई आ जाएगा। मैं लंड की तरफ इशारा करते हुए बोला- लेकिन ये तो फिर से खड़ा हो गया है, इसका क्या करूं? वह बोली- बाथरूम में जाकर हिला लो।


मैंने कहा- बस एक बार गांड दे दो, फिर मैं चला जाऊंगा। वह मना करने लगी।


लेकिन मैं भी जिद पर था। उससे मैंने कहा- मैं एक बार तो करके ही जाऊंगा, मुझे नहीं पता। फिर वो हारकर बोली- ठीक है, जल्दी करो जो करना है।


मैंने जल्दी से लंड निकाला और उसे पजामी और पैंटी नीचे करने के लिए कहा।


वह पजामी और पैंटी एक साथ निकालकर मेरे सामने बेड पर हाथ टिकाकर झुक गई। मैंने पहले उसकी गांड में उंगली देनी चाही लेकिन पूरी तरह से नहीं गई। वह बार-बार उचक रही थी।


फिर वह तेल लेकर आई। मैंने उंगली पर तेल लगाया और एक उंगली उसकी गांड के छेद में घुसा दी। वह उचक गई लेकिन उंगली इस बार अंदर चली गई।


मैंने एक दो बार और उंगली को अंदर बाहर किया। धीरे धीरे वह उंगली को लेने लगी।


अब तक काफी तेल उसकी गांड के छेद में जा चुका था।


फिर मैंने लंड पर तेल लगा लिया और गांड के छेद पर लंड को रख कर एक धक्का मार दिया। उसकी जोर से चीख निकल गई और वह छटपटाते हुए रोने लगी।


वह एकदम से खड़ी हो गई और लंड लेने से मना करने लगी, बोली- मैं चूसकर तुम्हारा माल निकाल दूंगी, लेकिन गांड में नहीं लूंगी, बहुत दर्द हो रहा है।


फिर वह नीचे बैठकर मेरा लंड चूसने लगी। मैं भी उसके मुंह को चोदने लगा।


मैं पूरे जोश में उसके मुंह में लंड को पेल रहा था लेकिन माल नहीं निकल रहा था।


मैंने फिर से उसको खड़ी किया और चूत में लंड देकर चोदने लगा।


उसे दर्द होने लगा और वह मुझे हटाते हुए बोली- फिर कभी कर लेना, अब मम्मी आने वाली है, मुझसे लिया भी नहीं जा रहा है। कभी फुरसत में आना।


मैंने कहा- बस, 2 मिनट में होने वाला है। फिर से मैंने उसकी चूत में लंड चढ़ा दिया और तेजी से उसे चोदने लगा।


वह कराहती हुई चूत में लंड लेती रही और मैं चोदता रहा।


पांच मिनट की चुदाई में लंड से माल फूट पड़ा और मैं उसकी चूत में खाली होने लगा। माल छूटने के बाद मैंने लंड को बाहर खींच लिया।


वह बोली- ठीक है, अब तुम जल्दी से जाओ, ये सब मैं खुद ही साफ कर लूंगी। मैंने कहा- मेरा भी साफ कर दो जल्दी। वह लंड को कपड़े से साफ करने लगी।


मैं बोला- थोड़ा चूसकर साफ कर दो। फिर उसने मेरे लंड को चूसकर भी साफ कर दिया।


उसके बाद मैंने अपनी पैंट ऊपर की और मैं वहां से निकल आया।


इस तरह मैंने पड़ोसन लड़की की चुदाई का मजा लिया।


दोस्तो, आपको ये कहानी कैसी लगी, मुझे अपने मैसेज में जरूर बताना। आप देसी सेक्सी लड़की की चुदाई कहानी के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में भी अपनी राय रख सकते हैं। मुझे आप सबकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा।


Teenage Girl

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ