लॉकडाउन में मिला शानदार चुदाई का मजा- 8

अंजलि शाह

09-04-2022

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हॉट GF Xxx कहानी में मजा लें मेरे भाई की जवान गर्लफ्रेंड की गांड चुदाई का! मैंने उसे अपने पड़ोसी कपल के साथ सेक्स के लिए बुलाया और जोश में आकर उसने गांड मरवा ली.


यह कहानी सुनें.


दोस्तो, मैं अंजलि फिर से एक बार आगे की कहानी लेकर आपके पास आ गई हूं।


कहानी के पिछले भाग ताश के खेल के बहाने सेक्स का मजा में मैंने आप लोगों को बताया था कि किस तरह हमने नेहा को ट्रिक किया और मेरे भाई यश ने और तपिश ने उसके साथ सेक्स किया।


अगले दिन क्या हुआ मैं आपको आज इस हॉट GF Xxx कहानी में बताती हूं।


जैसा कि आप जानते हैं, अगले दिन मुझे और नेहा को 11 बजे निधि और तपिश के घर जाना था और वहां पर मुझे चिकन व्हाइट सॉस पास्ता बनाकर और तैयार होकर निधि के साथ रिचर्ड से मिलने जाना था।


मैंने मम्मी को सुबह कहा- मैं 11 बजे निधि के घर जा रही हूं और वहां से तैयार होकर निधि के साथ रिचर्ड से मिलने जाने वाली हूं। मम्मी ने मुझे आल दी बेस्ट कहा।


यश ने कहा- मम्मी, मैं भी दी के साथ निधि दी के घर जाऊंगा। मैंने कहा- तू क्या करेगा? तो मम्मी ने कहा- ले जा इसे … ये तेरी थोड़ी बहुत मदद कर ही देगा और वहां तपिश के साथ कुछ खेल लेगा।


मैंने उसे घूरा, फिर मैंने कहा- ठीक है।


11 बजे, हम दोनों निधि के घर गये बेल बजाई तो निधि ने दरवाजा खोला। वो पूरी नंगी थी।


हम दोनों अंदर गये, हमने अपने सारे कपड़े उतार दिये और नंगे हो गये।


मैं अपने काग़ज़, कपड़े और पास्ता बनाने सामान लेकर निधि की तरफ गई. निधि ने मेरे कपड़े और काग़ज़ लिये और कहा- तुम किचन में चलो, मैं इन्हें बेडरूम में रखकर आती हूं।


यश ने पूछा- निधि, अभी तक नेहा नहीं आई? निधि ने कहा- तुम्हें कहीं नेहा दिख रही है? यश ने कहा- नहीं। तो निधि ने कहा- इसका मतलब नहीं आई।


अपने मोबाइल से यश ने नेहा को फोन किया तो नेहा ने कहा- बस दो मिनट में आ रही हूं।


यश ड्रॉइंग रूम में तपिश के पास चला गया और मैं किचन में आ गई।


थोड़ी देर में बेल बजी तो मैंने दरवाजा खोला। सामने नेहा थी और वो मुझे नंगा देखकर चौंक गई।


मैंने कहा- क्यों तुम रूल भूल गई? उसने कहा- मुझे तो मज़ाक लगा था। मैंने उससे पूछा- अंदर आना है या वापिस जाना है ताकि मैं तपिश को कह सकूं कि बच्ची आई थी और डरकर चली गई। नेहा बोली- दीदी, मैं बच्ची नहीं हूं और मैं किसी से नहीं डरती!


ऐसा कहकर वो अंदर आ गई। मैंने दरवाजा बंद किया और कहा- चलो रूल फॉलो करो।


तब नेहा ने अपने कपड़े उतारने शुरू कर दिये; वो पूरी तरह नंगी हो गई। मैंने उसकी चूत पकड़कर दबा दी।


वो बोली- उई मां, दीदी क्या करती हो? मैंने कहा- देख रही थी कि तेरे अंदर कितनी आग है! कहकर मैं हंसती हुई किचन में चली आई।


पीछे-पीछे नेहा भी किचन में आ गई। निधि को भी नंगी देखकर वो समझ गई कि यहां रूल सभी के लिये है।


फ़िर वो भी हमारी मदद करने में लग गई।


थोड़ी देर बाद तपिश और यश भी किचन में आ गये।


तपिश ने मेरे पीछे आकर पीछे से मेरे चूचों को पकड़ लिया और बोला- जान थोड़ा पास्ता हमारे लिये भी रख देना! ऐसा कहकर उसने मेरे चूचों को बहुत जोर से दबा दिया।


मैंने उफ्फ किया और कहा- तुम तीनों के लिये भी बनाया है। लंच में गर्म करके खा लेना।


उधर यश ने नेहा को पकड़ रखा था, वो नेहा के चूचों से खेल रहा था।


ये देख तपिश ने मुझे छोड़ दिया और नेहा की तरफ गया।


तब तपिश ने नेहा से कहा- आज तो बच्ची बड़ी लग रही है! कहकर उसने नेहा की चूत पकड़ ली।


नेहा ने कहा- मैं बच्ची नहीं हूं। अगर अगली बार बच्ची कहा तो मैं यहां से चली जाऊंगी। तपिश ने कहा- अगर तुम गई तो कन्फर्म हो जाएगा कि तुम बच्ची हो। नेहा चुप हो गई और हम सब हंसने लगे।


तपिश नेहा के पीछे आ गया और उसके चूतड़ पर अपना लंड रगड़ने लगा। नेहा ने कहा- अरे यार किचन में ही करोगे क्या? तपिश ने कहा- किचन में करने का अलग मजा है.


उसने निधि से पूछा- क्यों निधि? निधि बोली हां वो तो है।


तब यश ने नेहा को नीचे बिठा दिया और अपना लंड नेहा के मुंह में दे दिया। नेहा उसके लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसना शुरु कर दिया।


उधर तपिश ने फ्रिज से मक्खन निकाला और थोड़ा सा अपने लंड पर लगा लिया और नेहा के पास आकर कहा- ले इसे चूस! नेहा उसे चूसने लगी।


थोड़ी देर में तपिश का लंड पूरी तरह खड़ा हो गया। तपिश ने कहा- चल खड़ी हो और आगे झुककर यश का लंड चूस!


नेहा खड़ी हो गई और आगे झुककर यश का लोड़ा अपने मुंह में ले लिया। उसकी गांड पीछे की तरफ पूरी तरह उठ गई।


तपिश उसके पीछे आया और उसके पैर फैला दिये और बहुत सारा मक्खन हाथ में लेकर उसकी चूत और गांड के छेद पर लगा दिया। अब तपिश ने अपना लंड उसकी चूत पर सेट किया और उसके लटकते हुए चूचों को पकड़ा और एक झटके में अपना लोड़ा उसकी चूत में डाल दिया। वो चिल्लाई- मार दिया।


तब यश ने दोबारा अपना लंड उसके मुंह में ठूंस दिया। तपिश उसको पीछे से चोद रहा था और यश नेहा का मुंह चोद रहा था।


थोड़ी देर में नेहा का पानी छूट गया और वो चिल्लाई मैं गई।


उधर यश ने भी अपना पानी छोड़ दिया नेहा के मुंह पर! नेहा का मुंह एकदम सफेद हो गया।


निधि ने नीचे बैठकर नेहा का मुंह चाट लिया।


तपिश ने नेहा की चूत से अपना लंड निकाल लिया और उसे कहा- चल कुतिया, अब अपने दोनों हाथ किचन की स्लैब पर रखकर आगे झुक जा और पूरे पैर खोल दे। नेहा ने ऐसा ही किया।


अब तपिश ने अपने लोड़े पर बहुत सारा बटर लगाया और नेहा के चूतड़ पकड़े और एक झटके से उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। नेहा चिल्लाई- हाय मैं मर गई, निकालो इसे! मेरी गांड फट गई।


मैंने देखा अभी तो तपिश का आधा भी लंड अंदर नहीं गया था। नेहा के आँखों से पानी निकल रहा था।


तब मैंने यश को इशारा किया तो यश ने उसके चूचों को दबाना शुरु कर दिया। थोड़ी देर में नेहा का दर्द कम हुआ तो तपिश ने एक झटका और दिया और उसका लोड़ा और अंदर चला गया।


वो फिर चिल्लाई- मार दिया … फाड़ दी मेरी गांड! तपिश ने कहा- अब ढंग से फटी है। उसने कहा- तपिश निकालो इसे!


मैंने यश को इशारा किया तो उसने नेहा के चूचों को जोर जोर से दबाना शुरु कर दिया।


थोड़ी देर में नेहा का दर्द कम हो गया। फिर तपिश ने धीरे-धीरे उसकी गांड मारना शुरु कर दिया।


थोड़ी देर में नेहा को मजा आने लगा तो वो अपनी गांड खुद ही आगे पीछे करने लगी। कुछ देर बाद तपिश ने अपना पानी नेहा की गांड में छोड़ दिया और अपना लोड़ा बाहर निकाल लिया।


तब मैंने यश को इशारा किया तो वो नेहा के पीछे आ गया। उसने नेहा की खुली गांड में अपना लोड़ा घुसा दिया।


नेहा चिल्लाई- प्लीज अब बस करो। यश ने उसकी बात नहीं सुनी और पूरी स्पीड से उसकी गांड मारना शुरु कर दिया।


उधर तपिश मेरे पास आया और उसने अपने लंड की और इशारा किया। उसका लंड बिल्कुल सफेद गाड़े वीर्य से भरा था।


मैं नीचे बैठी और उसका लंड मुंह में लेकर चूसने लगी और उसको पूरा साफ़ कर दिया।


उधर यश ने भी अपना पानी नेहा की गांड में छोड़ दिया. नेहा की गांड में से अपना लंड निकाल कर उसने निधि से कहा- निधि मेरा लंड साफ़ करो। निधि नीचे बैठ गई और यश का लंड मुंह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी देर में उसने यश का लंड पूरी तरह साफ़ कर दिया। मैंने देखा कि नेहा वहीं जमीन पर निढाल होकर लेट गई।


तब मैंने घड़ी देखी। मैंने निधि को टाईम बताया और हम दोनों फटाफट बेडरूम की तरफ भागे।


निधि और मैं जल्दी जल्दी एक साथ नहाकर तैयार हुई। निधि ने मुझे ब्लैक कोट दिया और खुद एक सफेद ट्रांसपेरेंट व्हाइट मिनी पहनी। उसने ब्रा नहीं पहनी। उसकी मिनी में छोटे छोटे पैच थे जिन्होंने उसके निप्पल ढक दिये थे।


हमने अपना सारा सामान और पैक खाना उठाया। निधि ने ई-पास के पेपर उठाये। तब हमने अपने मास्क लगाये और कार की चाबी ली।


निकलते निकलते मैंने तपिश से कहा- इस नेहा को ज्यादा मत निचोड़ना। तपिश ने कहा- अरे यार अभी तो शुरु किया है। आज तो हम इसे जन्नत की सैर करायेंगे।


मैं और निधि निकल गये।


निधि ने तपिश की होंडा सिटी ली और हम उसमें बैठकर माइक्रोसॉफ्ट के गेस्ट हाउस की तरफ चल पड़े।


सड़कें बिल्कुल खाली थी। हम 15 मिनट में पहुंच गये।


गार्ड ने मेन डोर खोला, निधि ने कार अंदर पार्क की। हमने सारा सामान लिया।


मैंने देखा गार्ड निधि को ऐसे घूर रहा था जैसे अभी उसे खा जाएगा।


हम रिचर्ड के यहां पहुंचे और निधि ने डोर बेल बजाई। एक लड़की ने दरवाजा खोला। कोई 25 – 30 साल की ब्लैक लड़की थी।


निधि ने कहा- हाय कैथी! उसने भी जवाब दिया- हाय निधि।


निधि ने मुझे बताया ये यहां की हाउस कीपर है। मैंने निधि को हैरानी से देखा तो निधि ने कहा- यहां इसे मेड नहीं कहते, ये रिचर्ड का हर तरह ख्याल रखती है तो इसे हाउस कीपर कहते हैं। ये बहुत अच्छा काम माना जाता है।


दोस्तो, इसके बाद सारी बातें इंग्लिश में की हैं जिसका मैं हिन्दी अनुवाद दे रही हूं।


हम लोग अंदर गये। मैं अंदर से गेस्ट हाउस देखकर शॉक हो गई।


वो एक 7 स्टार होटल का वीआईपी सूट जैसा था।


हम लोगों ने अपने पैकेट कैथी को दिये। मैंने चिकन पास्ता बनाया था और निधि ने रसमलाई बनाई थी।


हम अंदर गये तो ड्रॉइंग रूम में एक अमेरिकन बैठा था। निधि ने उसे कहा- हाय रिचर्ड! रिचर्ड उठा और उसने निधि से कहा- हाय निधि। कैसी हो?


निधि उसके पास गई और उसके गाल पर एक किस दी और कहा- देख लो, मैं ग्रेट हूं। तुम कैसे हो रिचर्ड?


रिचर्ड- मैं ठीक हूं पर बोर हो रहा हूं। निधि- कोई बात नहीं, अब मैं आ गई हूं तो सारी बोरियत खत्म!


मैंने रिचर्ड को देखा, वो करीब साढ़े छह फुट का होगा; हट्टा कट्टा, बिग बुल की तरह।


उसने मुझे देखा तो मैं उससे बोली- गुड आफ्टरनून सर! रिचर्ड- तुम शायद अंजलि हो। मैं- येस सर!


रिचर्ड- पहली चीज, मुझे सिर्फ रिचर्ड कहो। मैं- जी रिचर्ड सर! रिचर्ड- सिर्फ रिचर्ड … सर नहीं। मैं- येस रिचर्ड। रिचर्ड- ये बात हुई ना!


तब रिचर्ड ने कहा- पहले लंच कर लेते हैं। फिर बाद में बाकी सब! हमने सिर हां में हिलाया।


हम लोग डायनिंग रूम में आ गये। कैथी ने मेरा कोट ले लिया।


उसने डायनिंग टेबल पर खाना लगा रखा था.


अब मैंने पहली बार कैथी को ढंग से देखा। वो एकदम काली थी। बाद में मुझे पता चला वो क्यूबा से थी। उसकी फिगर 38 – 28 – 38 होगी। ग़ज़ब फिगर थी। उसने टाइट जीन्स और टी-शर्ट पहनी थी। उसके दूध एकदम बड़े बड़े और गांड बिल्कुल शकीरा की तरह मोटी मोटी थी।


हम सब डायनिंग टेबल के चारों तरफ बैठ गए। गोल डायनिंग टेबल थी।


कैथी भी हमारे साथ बैठ गई। मैंने नोटिस किया खाना एकदम अमेरिकन स्टाइल का था। सलाद, फ्रूट, जूस, मीट बॉल, मेरा पास्ता और निधि की रस मलाई। कोई ब्रेड नहीं थी।


टेबल ऐसे लगी थी जैसे कोई फाइव स्टार होटल हो। तरह-तरह के फोर्क, नाइफ और स्पून रखे थे और हर एक का अलग यूज था। मुझे उनका ज्यादा इस्तेमाल तो आता नहीं था।


मुझे परेशान देखकर रिचर्ड ने कहा- डोंट वरी, जैसे तुम्हें खाना है खा लो।


हम लोगों ने खाना शुरु किया। रिचर्ड ने पास्ता लिया और खाकर कहा- ये तो बहुत टेस्टी है. निधि ने कहा- अंजलि ने ये स्पेशल तुम्हारे लिये बनाया है। रिचर्ड ने कहा- तुम इतना टेस्टी पास्ता बनाती हो तो रेस्टोरेंट खोल लो। तो मैंने कहा- ये तो बस हॉबी है।


हम लोगों ने खाना खा लिया।


खाने के बाद हमने रसमलाई खाई तो रिचर्ड ने पूछा- ये भी तुमने बनाई है? मैंने कहा- नहीं ये तो निधि ने बनाई है। तब रिचर्ड ने कहा- निधि तुम खाने में भी टेस्टी हो और बनाने में भी।


निधि ने कहा- अभी तो तुमने अंजलि को टेस्ट नहीं किया, वो तो मुझसे भी टेस्टी है। रिचर्ड ने कहा- चलो देखेंगे। मुझे कुछ ज्यादा समझ नहीं आया।


खाना खाने के बाद रिचर्ड ने कहा- ऑफिस में चलो। मुझे समझ नहीं आया क्योंकि लॉकडाउन था तो ऑफिस कैसे खुल सकता है?


पर मुझे थोड़ी देर में समझ आ गया कि रिचर्ड ने अपना ऑफिस वहीं बनाया हुआ था। मैं निधि और रिचर्ड के पीछे-पीछे चली गई और वो दोनों गैलरी से होते हुये अंदर गये और अंदर एक शानदार ऑफिस था।


एक बहुत बड़ी ऑफिस टेबल, एक्जीक्यूटिव चेयर और एक बहुत बड़ा सोफा सेट विद सेंटर टेबल। चारों तरफ बड़ी बड़ी अलमारी और टेबल पर तीन चार लैपटॉप, प्रिंटर और ना जाने क्या क्या!


ऑफिस एकदम ठंडा था।


रिचर्ड ने निधि को इशारा किया और वो सोफ़े पर बैठ गई। उसने मुझे इशारा किया और मुझे टेबल के सामने कुर्सी पर बैठा दिया. वो सामने एक्जीक्यूटिव चेयर पर बैठ गया।


उसने मेरे पेपर मांगे और उन्हें देखने लगा।


फिर उसने मेरे से पूछना शुरु किया- तुमने इंजीनियरिंग दो साल पहले की थी तो जॉब क्यों नहीं की? मैं- मैंने एक स्टार्ट-अप का सोचा था और उसके लिये फाइनेंस का इंतजाम कर रही थी. अब जब फाइनेंस आया तो लॉकडाउन हो गया। अब फाइनैंसर मना कर रहे हैं।


रिचर्ड- तो तुम्हें कोई अनुभव नहीं है। मैं- नहीं है।


रिचर्ड- तपिश को कैसे जानती हो। मैं- निधि और तपिश मेरे पड़ोसी हैं। रिचर्ड- तो तपिश ने सिर्फ इसलिये रिक्मेंड किया है। मैं- नहीं हम बहुत अच्छे फ्रेंड हैं और वो मेरा टैलेंट जानता है।


रिचर्ड- लास्ट सवाल, मैं तुम्हें क्यों रखूं? मैं- रिचर्ड मेरे पास कुछ अच्छे आईडिया हैं और मैं बहुत हार्ड वर्किंग भी हूं और मैं माइक्रोसॉफ्ट और तुम्हारे लिये एक बड़ा ऐसेट बनूंगी। रिचर्ड- ये सब मैं रोज सुनता हूं।


तब निधि बीच में बोली- यार रिचर्ड, अब ये सब छोड़ो ना, मैं इसकी गारंटी लेती हूं कि तुम निराश नहीं होंगे, ना ऑफिस के काम में और ना पर्सनल काम में! रिचर्ड- ठीक है, पर इसे सब सिखाना पड़ेगा।


निधि- पर्सनल काम में तो ये मुझसे भी बेहतर है और ऑफिस का काम तपिश सिखा देगा। रिचर्ड- तो ठीक है पर्सनल काम आज चेक कर लेते हैं और ऑफिस के काम के लिये तीन महीने का प्रोबेशन रख लेते हैं।


तब रिचर्ड ने मुझे बोला- देखो अंजलि, ऑफिस का तीन महीनों का प्रोबेशन टाईम रहेगा और काम अच्छा करोगी तो परमानैंट कर देंगे और तुम्हें मुझे पर्सनली रिपोर्ट करना होगा। और पर्सनल काम भी करने होंगे, जैसे निधि, तपिश के लिये मेरे काम करती है। सैलरी अभी सात सौ डॉलर पर मंथ होगी और परमानैंट होने पर दो हजार से तीन हजार डॉलर तक होगी। तुम्हारे ऊपर डिपेंड करेगा। मैं- ठीक है रिचर्ड।


रिचर्ड निधि से- अब तपिश की जिम्मेदारी है कि वो इसे कितनी जल्दी काम सिखाता है। निधि- डोंट वरी रिचर्ड, ये बहुत जल्दी सीख जाएगी। रिचर्ड- निधि, आज इसका पर्सनल टैस्ट ले लेते हैं। निधि- क्यों अंजलि, ठीक है? मैं- हां, ठीक है।


मुझे समझ आ गया था कि मुझे अब रिचर्ड से चुदना है।


तब रिचर्ड खड़ा हुआ और बोला- चलो लिविंग रूम में चलते हैं। हॉट GF Xxx कहानी में आपको खूब मजा आया होगा. मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं. अंजलि [email protected]


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