होटल में सगी चाची की चूत चुदाई की

डेविल किंग

21-08-2022

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न्यूड आंटी Xxx कहानी मेरी देसी चाची की चूत चुदाई की है. उनकी सेक्स की प्यास अधूरी रहती थी और मैं चाची को चोदना चाहता था पर पहल करते हुए मेरी फटती थी.


मेरा नाम रवि है. मैं 19 साल का हूँ. आज मैं आपको अपनी न्यूड आंटी Xxx कहानी बताने जा रहा हूँ.


मेरे मम्मी पापा के देहांत के बाद मैं अपने चाचा चाची के साथ रहने लगा था. मेरी चाची बहुत ही सुंदर हैं और वो तकरीबन 35 साल की हैं.


हम सब शहर में रहते हैं इसलिए चाची साड़ी की जगह सलवार सूट पहनना पसंद करती हैं. गांव में विवाहितों को सलवार सूट पहनना उधर के रीति रिवाज के खिलाफ है. शहर में चाची बिंदास सलवार सूट पहनती थीं. सलवार सूट में चाची बहुत सेक्सी भी लगती हैं.


मेरे चाचा ट्रांसपोर्ट का काम करते हैं, इसलिए वो काम के सिलसिले में अधिकतर बाहर रहते हैं. उनकी एक लड़की है, जो लगभग मेरी ही उम्र की है मगर वो दिखने में सुंदर नहीं है. वो पढ़ाई के लिए दिल्ली में रहती है इसलिए मैं और चाची ज्यादातर अकेले रहते हैं.


चाची मेरे सामने अक्सर नाइटी में रहती थीं. मैं देखता था कि चाची नाइटी के नीचे ब्रा पैंटी नहीं पहनती थीं.


चाची अक्सर मुझे अपने लिए नैपकिन मंगाती थीं. मैं भी बिना कुछ कहे ले आता था.


मैंने महसूस किया था कि चाची मुझसे खुलने की कोशिश करती हैं मगर मैं जरा सी भी कोशिश नहीं करता था क्योंकि मुझे डर लगता था. जबकि चाची को मैं vasna की नजर से देखता था, मैं अक्सर उनको सोचते हुए मुठ मारता था.


जब वो नहाने जाती थीं, तो मैं अक्सर दरवाजे में बने एक होल से उनको नंगी नहाते हुए देखता रहता था.


हमारे घर में सिर्फ एक ही बाथरूम था. घर में हम दोनों के अलावा कोई नहीं रहता था तो मैं आराम से उन्हें देख लेता था.


एक दिन शाम को उन्होंने साड़ी पहनी थी और साड़ी में चाची इतनी ज्यादा सुंदर लग रही थीं कि क्या बताऊं. मेरा जी कर रहा था कि अभी के अभी उन्हें चोद दूँ. मगर मैं डरता था इसलिए कुछ नहीं करता था.


चाची बोलीं- रवि, मैं कैसी लग रही हूँ. मैंने उनसे कहा- चाची, आप साड़ी में बहुत सुंदर लग रही हैं.


वो मेरी बात से बड़ी खुश हुईं और बोलीं- क्या मैं सलवार सूट में अच्छी नहीं लगती? मैंने कहा- हां आप सलवार सूट में भी बहुत सुंदर लगती हैं … पर आज आपने काफी दिनों बाद साड़ी पहनी है न, तो आप साड़ी में बहुत सुंदर लग रही हैं.


चाची ने हंस कर कहा- हां रवि, मेरे भाई के घर में शादी है न … तो आज साड़ी पहन कर देख रही थी कि कौन कौन सी साड़ी ले जाना ठीक रहेगा. मैंने कहा- शादी कब है चाची?


चाची- अगले सप्ताह पटना जाना है. मैंने कहा- ओके … पर चाचा तो एक महीने के लिए मुंबई गए हैं. क्या वो शादी में सीधे मुंबई से ही पटना आ जाएंगे?


चाची- नहीं, वो शादी में नहीं जाएंगे. तेरी बहन को भी पढ़ाई के कारण आने में दिक्कत है. तू ही मेरे साथ पटना चलना. मैंने हामी भर दी.


तभी उन्होंने मुझसे कहा- आज मेरे साथ तू बाजार चलना. मेरे भाई की लड़की की शादी है तो कुछ खरीदारी करना है. मैंने कहा- ठीक है चाची.


दोपहर को हम दोनों बाजार गए और चाची ने अपने लिए साड़ी खरीदीं. और उसके बाद वो एक लेडीज सामान की दुकान पर आ गईं.


उधर वो अपने लिए ब्रा पैंटी देखने लगीं. मैं बाजू में ही खड़ा था. चाची मुझसे कहने लगीं- बता कौन सी वाली ले लूं?


मैं सकुचा रहा था.


सामने एक लड़की चाची को ब्रा पैंटी दिखा रही थी. वो कुछ और सैट लेने नीचे झुकी तो चाची मुझे एक जाली वाली ब्रा दिखाती हुई बोलीं- ये कैसी रहेगी? मैंने कहा- मैं क्या कह सकता हूँ. आपको जो पसंद हो वो ले लीजिए.


चाची हंस दीं और बोलीं- एकदम बुद्धू हो … बता नहीं सकता क्या? मैंने कहा- चाची, मैं अभी छोटा हूँ, मैं इन सबके बारे में नहीं जानता हूँ.


चाची बोलीं- कहां से छोटा है तू? मैं सकपका गया और चुप रहा.


चाची धीमे से बोलीं- नहाते वक्त तो छोटा नहीं दिखता. मैं एकदम से घबरा गया है और चाची हंसने लगीं.


फिर वो मेरे साथ वापस घर आ गईं. शाम को चाची बोलीं- अपने कपड़े एक अटैची में लगा लेना. शनिवार को पटना जाना है.


मैंने कहा- ठीक है चाची. चाची बोलीं- दो टिकट भी बुक करवा लेना. मैंने कहा- ओके.


मैंने ट्रेन में टिकट सर्च किए तो जगह खाली नहीं थी, लम्बी वेटिंग आ रही थी. मैंने चाची को बताया तो चाची ने कहा- बस से देख ले.


मैंने बस में देखा तो एक लग्जरी स्लीपर बस में जगह मिल गई. तो मैंने जल्दी जल्दी में दो बर्थ बुक कर लीं.


शनिवार शाम को बस थी. उस दिन हम दोनों की तैयारी पूरी हो गई थी.


बस के समय से आधा घंटा पहले हम दोनों बस स्टैंड आ गए.


बस में अन्दर गए तो पता चला कि हम दोनों को जो दो बर्थ मिली थीं, वो एक दो बर्थों वाली सीट थी. मैं मन ही मन में तो काफी खुश था कि आज चाची के साथ लेटने का अवसर मिलेगा. बस में झटके भी लगते हैं तो कुछ रगड़ सुख भी मिल जाएगा.


मैंने चाची से कहा- ये बर्थ तो दोनों के लिए मिली है. चाची बोलीं- तो क्या हुआ … अपन को कौन सा इसी में रहना है. सुबह पटना पहुंच जाएंगे. मैंने भी कुछ नहीं कहा.


चाची बोलीं- चलो मुझे ऊपर चढ़ने में जरा मदद कर दो. मैंने चाची को सहारा देकर ऊपर चढ़ाया तो चाची का मुलायम जिस्म छूने का मौक़ा भी मिल गया.


अब हम दोनों रात को एक साथ ही सोने वाले थे. बस चल दी, चाची सो गईं.


रात के बारह बजे थे, मुझे नींद नहीं आ रही थी. तभी मैंने देखा कि चाची ने करवट ली तो उनकी साड़ी पूरी तरह से गांड के ऊपर आ चुकी थी.


उन्होंने अन्दर पैंटी नहीं पहनी थी. मुझे पीछे से उनकी गांड और थोड़ी थोड़ी गोरी चूत भी दिख रही थी.


चाची की चूत देखने के बाद मेरा लंड पूरा तन गया था. मगर गांड फटी हुई थी तो बस लंड सहलाते हुए देखता रहा.


मैं उन्हें देखते देखते कब सो गया, मुझे पता ही नहीं चला.


अगली सुबह हम दोनों पटना पहुंच गए थे.


सभी मेहमानों को एक होटल में ठहराया गया था. हम चाची भतीजे को एक रूम मिला था. वहां से फ्रेश होकर शादी में गए.


रात को हम सोने के लिए वापस होटल आए.


रात को चाची अपनी नाईटी, ब्रा और पैंटी निकाल कर कुर्सी पर रख गईं और नहाने चली गईं. मैं बेड पर लेट गया.


चाची तौलिया लपेट कर बाहर आईं. उन्हें लगा कि मैं सो गया हूँ मगर मैं जाग रहा था.


तभी उन्होंने अपना तौलिये को निकाल दिया और पूरी नंगी हो गईं.


वो मेरी ओर देख रही थीं कि मैं सो रहा हूँ या नहीं. मैं सोने का नाटक कर रहा था.


चाची कुछ सोचने लगीं और फिर से बाथरूम में चली गईं. चाची ने दरवाजा पूरा नहीं लगाया था.


झिरी में से मैंने उन्हें देखा. अन्दर वो अपनी चूत में उंगली डाल रही थीं.


मुझे लगा कि चाची आज चुदाई के मूड में हैं.


फिर वो बाथरूम से बाहर आने लगीं तो मैं झट से पलंग पर जाकर सो गया. तभी अचानक से वहां बिजली चली गई. कमरे में अन्धेरा हो गया. मैंने सोने का नाटक जारी रखा.


चाची बाहर आईं और उन्होंने अपनी ब्रा और पैंटी पहन ली थी. उन्होंने नाईटी नहीं पहनी, वो बस ब्रा पैंटी में ही मेरे पास आकर सो गईं. मैं उन्हें देख रहा था और मेरा लंड तन गया था.


कुछ देर बाद मैंने थोड़ी हिम्मत करके उनकी कमर पर हाथ रखा और धीरे धीरे उनकी चूचियों की तरफ हाथ बढ़ाने लगा. तभी मुझे लगा कि चाची जाग रही हैं मगर सोने का नाटक कर रही हैं.


मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए. मैं चाची से चिपक गया और उनकी चूचियों को मसलने लगा.


चाची की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो मैं अपने तने लंड को उनकी गांड पर रगड़ने लगा.


मेरा लंड एकदम से हार्ड हो गया था. अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पीछे से उनकी ब्रा का हुक खोल कर उसको उतार दिया.


फिर चाची को सीधा करके उनको किस करने लगा. तभी चाची ने आंखें खोल दीं और मुझे धक्का मारती हुई कहने लगीं- ये क्या कर रहे हो. मैं तुम्हारी चाची हूँ.


मगर मैंने कुछ नहीं सुना और उनको किस करने लगा. वो थोड़ा विरोध कर रही थीं मगर मुझे पता था कि वो भी चुदना चाहती हैं इसलिए मैं लगा रहा.


धीरे धीरे चाची भी मेरा साथ देने लगीं.


वो कराहने लगीं- कबसे तुझे गर्म करने की कोशिश कर रही थी. अब जाकर मेरे काम का हुआ है. मैंने उन्हें चूमते हुए कहा- मेरी हिम्मत नहीं होती थी चाची. वरना तो कब का चोद चुका होता.


चाची बोलीं- हां, मुझे याद करके बाथरूम में मुठ मारता था न, मैं सब देखती थी. चल … आज मेरे ऊपर चढ़ जा और चोद दे मुझे! यह सुनकर मैं चाची की चूचियों को चूसने लगा और वो हल्की आवाज में कामुक सिसकिरियां भरने लगीं.


मैं धीरे धीरे चाची की चूचियां चूसते चूसते उनकी चूत पर अपना हाथ ले गया और पैंटी के ऊपर से ही चूत को रगड़ने लगा.


इतने में बिजली आ गई और सब कुछ उजागर हो गया. मैं अब चाची को ठीक से देख पा रहा था. वो इतनी सेक्सी लग रही थीं कि मैं रुक नहीं पाया.


मैंने झट से चाची की पैंटी को खींचा और उनको नंगी करके उनकी चूत पर लंड टिका दिया.


अभी चाची कुछ समझ पातीं कि मैंने धक्का लगा दिया और मेरा पूरा लंड चूत में अन्दर घुसता चला गया. चाची जोर से चीख पड़ीं मगर मैं रुका नहीं … जोर जोर धक्के लगाने लगा. चाची जोर जोर से सिसकारियां भरने लगीं.


हमारे बीच मस्त चुदाई चलने लगी.


कोई दस मिनट तक धकापेल चुदाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गए और वैसे ही चिपक कर सो गए. सुबह मैं उठा और देखा कि न्यूड आंटी Xxx चूत पसारे सो रही हैं.


मेरा लंड एकदम अकड़ा हुआ था और उनकी चूत के पास हिल रहा था. चाची कुछ बोले ना इसलिए मैंने अपने फोन से उनकी नंगी वीडियो और फोटो निकाल ली.


अब मैं फिर से चाची के ऊपर चढ़ गया और चूत में लंड पेल कर उनको चोदने लगा. लंड अन्दर जाते ही चाची जाग गईं और मेरा पूरा साथ देने लगीं.


चाची ने गांड हिलाते हुए कहा- आज मैं पूरा दिन और रात तुमसे चूदूंगी. मैंने उनसे कहा- फिर शादी मैं कौन जाएगा?


उन्होंने कहा- मैं बीमार होने का बहाना कर दूँगी. मैंने मुस्कुरा कर उन्हें चूमा और कहा- हां, मैं आपकी देखभाल करने की कह दूंगा.


चाची हंस दीं और बोलीं- अब जोर जोर से चोदो. मैंने उनको घोड़ी बनाया और पीछे से लंड पेल कर चोदने लगा.


थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया और चाची के बाजू में लेट गया. न्यूड आंटी मेरे लंड को चूसने लगीं.


थोड़ी देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया और वो मेरे ऊपर चढ़ कर लंड चोदने लगीं. मैं फिर से झड़ गया.


उस दिन मैंने चाची को सारे दिन में कई बार चोदा. दूसरे दिन हम घर चले गए.


उसके बाद तो मैंने चाची को न जाने कितनी बार चोदा और अभी भी चोदता हूँ.


दोस्तो, मैं अगली बार और एक नई सेक्स कहानी लेकर आऊंगा. आप मुझे बताएं कि आपको न्यूड आंटी Xxx कहानी कैसी लगी? [email protected]


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