पड़ोस की आंटी को पटा कर सेक्स का मजा- 2

सोनू शर्मा 11

07-04-2024

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आंटी एनल सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं पड़ोसन आंटी की चूत मार चुका था और अब मेरा निशाना उनकी गांड पर था. एक बार आंटी ने मुझे सेक्स के लिए बुलाया तो मैंने उनकी गांड मारी.


दोस्तो, मैं सोनू शर्मा एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी के अगले पार्ट में आपका स्वागत करता हूं. इसमें मैं आपको बताने वाला हूँ कि कैसे मैंने नेहा आंटी की गांड मारी.


अगर आपने नेहा आंटी की चूत चुदाई की कहानी वाला पहला भाग पड़ोस की आंटी को पटा कर चूत मारी नहीं पढ़ा है, तो प्लीज उसे जरूर पढ़ लीजिए. समें किस तरह से आंटी ने मेरे साथ सेक्स संबंध बनाए थे, उसकी जानकारी आपको हो जाएगी.


आंटी एनल सेक्स कहानी शुरू करने से पहले मुझे आप लोगों को कुछ बताना है. ये कहानी या आने वाली जितनी भी मेरी कहानी होंगी, कोई भी कल्पना नहीं होगी … हर कहानी असली होगी.


अब ज्यादा देर ना करते हुए मैं अपनी सेक्स कहानी पर आता हूं.


हम दोनों एक लंबी चुदाई का मजा लेने के कारण काफी थक चुके थे. उसी कारण से हम दोनों की नींद लग चुकी थी. उठने के बाद हम दोनों ने एक दूसरे को देखा और मुस्कुरा कर चुंबन करने लगे.


मुझे होंठों पर चुंबन करना बहुत पसंद है, खास कर बड़ी औरतों के साथ. नेहा आंटी मुझे चूमने के साथ साथ मेरा लंड भी सहला रही थीं.


इसी वजह से कुछ ही मिनट बाद मेरा लंड खड़ा हो गया. नेहा आंटी ने भी पुनः चुदाई का मूड बना लिया था, तो वे नीचे को हुईं और लंड को मुँह में लेकर काफ़ी अच्छे से चूसने लगी थीं.


मुझे आंटी से लंड चुसवाने में काफी मजा आ रहा था. इतने में आंटी का फोन बजने लगा, तो वे मुझे इशारा करती हुई चुप रहने को बोलीं.


कॉल पर बात करते समय नेहा आंटी का मुँह उतर गया था. जब कॉल कट हुआ, तब मैंने पूछा- क्या हुआ?


नेहा आंटी- अरे यार, मेरा पति 5 मिनट में घर पर आ रहा है … और वह बता रहा है कि 2 घंटे बाद गांव से भी कुछ रिश्तेदार आ रही हैं. इसलिए अभी तू चला जा, मुझे अभी बहुत काम आ गया है. मैं- ठीक है आंटी, लेकिन अभी मेरा लंड खड़ा है उसका क्या?


नेहा आंटी- अगर समय होता तो मैं अभी इसे शांत कर देती लेकिन मेरा पति आ रहा है. प्लीज अभी तू चला जा. मैं तुझे खुद मैसेज कर दूँगी कि तुझको कब आना है! मैं- कोई बात नहीं आंटी, मैं समझ सकता हूं.


अपने मन में मैं उसके पति को काफ़ी गालियां दे रहा था कि साला बीच में टपक आया. एक और राउंड हो जाने के बाद आ जाता तो कौन सा तेरा कुछ घट जाता!


उसके बाद मैं भी अपने घर पर आ गया.


मैं अपने बिस्तर पर लेटा हुआ था और नेहा आंटी के बारे में ही सोचते सोचते मुझे नींद लग गई.


शाम 5 बजे मेरी नींद खुली तो मैं अपनी पढ़ाई करने में लग गया.


उसके बाद 9:30 बजे नेहा आंटी का मैसेज आया- जल्दी से छत पर आ जा. मैं- ओके आता हूँ.


तब मैं छत पर पहुंचा. काफ़ी अंधेरा छा गया था.


तभी आंटी ने एकदम से साइड से मुझे अपनी तरफ खींचा. मैं थोड़ा सा डर गया था. फिर जब मैंने उनको देखा, तो मैं खुश हो गया.


मैं- अरे आंटी, मैं तो डर ही गया था! नेहा आंटी- चुप कर!


नेहा आंटी ने एकदम से अपने होंठों को मेरे होंठों पर लगा दिया और मैं भी उनका पूरा साथ दे रहा था. कभी आंटी मेरी जीभ को चूसने लगतीं, कभी मैं उनकी जीभ को चूसने लगता.


मैं एक हाथ से उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके स्तनों भी मसलता हुआ दबा रहा था … और दूसरे हाथ से उनकी चूत को भी मसल रहा था. साथ ही मुझे डर भी लग रहा था कि कोई देख ना ले.


इसलिए हम दोनों किस करते समय पूरे चौकन्ने थे.


नेहा आंटी- अभी मुझे जाना होगा. अगले 3-4 दिन हम नहीं मिल पाएंगे क्योंकि रिश्तेदारों को दिल्ली घूमना है और पति ने भी ऑफिस से छुट्टी ले रखी है. इसलिए तू मुझे कॉल या मैसेज मत करना, मैं खुद करूंगी. मैं- ठीक है.


उसके बाद रोज हम एक दूसरे को देखते थे लेकिन बात नहीं हो पा रही थी.


मैं भी अब अपने काम में लग गया था.


इस तरह से 6 दिन गुजर गए थे.


सातवें दिन रात को 10:20 पर नेहा आंटी का संदेश आया- हैलो, कल सुबह 5:30 बजे मेरे घर पर आ जाना. तेरे अंकल की मॉर्निंग में 7 बजे से ड्यूटी है, तो वे घर से जल्दी निकल जाएंगे और घर पर कोई नहीं होगा. मैं- ठीक है डार्लिंग.


अगली सुबह आंटी के बताए टाइम पर मैं घर के बाहर निकला और मैंने नेहा आंटी को मिस कॉल मारा. उन्होंने अपना गेट थोड़ा सा खोल कर रखा हुआ था.


मैं इधर उधर देखता हुआ आगे बढ़ा और एकदम से उनके घर के अन्दर घुस गया. अन्दर आते ही मैंने गेट को ताला लगा दिया.


फिर जैसे ही मैं पीछे मुड़ा, तो नेहा आंटी मेरे सामने खड़ी थीं. क्या कांटा माल लग रही थीं!


हालांकि आंटी ने ट्रेडिशनल ड्रेस पहनी थी. नेहा आंटी उड़ीसा की हैं.


मैंने उन्हें देखा, तो अपनी ओर खींच कर लिप किस चालू कर दी. आंटी भी पूरा साथ दे रही थीं.


कुछ मिनट तक बड़े बेताबी से मैंने उन्हें किस की. मैं- क्या बात है आंटी, आज तो आप बड़ी सेक्सी लग रही हो … वैसे साड़ी का नाम क्या है?


नेहा आंटी- हमारे उड़ीसा मैं इसको कटकी साड़ी बोलते हैं! आज मेरा मन किया कि इसे तेरे लिए पहनूँ!


मैं- सच में आप इसमें बहुत सुंदर लग रही हो. आज आपको चोदने में काफी मजा आएगा. नेहा आंटी- तो रोक कौन रहा है, शुरू हो जाओ न!


आंटी मेरे पास आईं और किस करते करते ही मेरे कपड़े उतारने लगीं. मैं भी उनकी साड़ी निकालने लगा.


उसके बाद मैं उनकी पूरी बॉडी को चाटने लगा. जल्दी ही आंटी की बॉडी का कोई ऐसा हिस्सा नहीं बचा था, जहां पर मैंने उन्हें चूमा ना हो.


आंटी की बॉडी पर किस करते करते मैं उनकी चूत के पास आ गया. उनकी चूत से अलग ही खुशबू आ रही थी जो मुझे मदहोश कर रही थी.


मैंने जल्दी से उनकी पैंटी निकाली और पागलों की तरह उनकी चूत चाटने लगा.


कुछ मिनट तक मैंने उनकी चूत चाटी … जिसमें वे एक बार डिस्चार्ज हो गई थीं.


अब मैं भी अपनी चड्डी उतार कर पूरा नंगा हो गया और उनको लंड पकड़ा दिया. वे किसी भूखी शेरनी की तरह मेरा लंड चूसने लगी थीं. मैं लंड चुसवाने के साथ साथ उनकी चूत में जोर जोर से उंगली कर रहा था.


आज मेरा इरादा उनकी गांड मारने का था. वह क्या है ना … रात में मैंने गांड मारने वाली वीडियो देखी थी, इसलिए आज मेरा मन था कि आंटी की गांड का हलाला करूं.


मैं- आंटी मुझे आपकी गांड मारनी है! नेहा आंटी- चूतिया हो गया है क्या भैनचोद … मैंने कभी अपनी गांड में लंड नहीं लिया है!


मैं- तो आज ले लो. आराम से करूंगा. आपको भी मजा आएगा. प्लीज़ मना मत करना यार आंटी … मेरा बहुत मन हो रहा है.


आंटी ने काफी देर तक नाटक किया पर अंत में वे अपनी कुंवारी गांड मरवाने को मान गईं.


नेहा आंटी एनल सेक्स के लिए थोड़ा डर रही थी- पक्का आराम से करेगा ना … क्योंकि उधर से यह मेरा फर्स्ट टाइम है!


मैं- हां आंटी, मुझे पता है. मैं आराम से ही करूँगा. आप बस यह बताओ कि तेल की बोतल किधर है? वे बोलीं- तेरी साइड में टेबल है, उसके ऊपर एक आले में रखी हुई है.


मैंने तेल उठा लिया और अपने लंड पर लगाने लगा. फिर मैंने उनकी गांड पर भी तेल लगाया.


तेल लगवाते समय आंटी की गांड बार बार खुल बंद हो रही थी. उनका डर खत्म हो गया था क्योंकि मैंने उनकी गांड को उंगली से काफी ढीली कर ली थी और उन्हें भरोसा दिलाया दिया था कि चूत के जैसे गांड भी लंड के हिसाब से फैल जाती है. बस उनको गांड ढीली रखनी होगी.


कुछ देर बाद मैंने आंटी को डॉगी पोजीशन में खड़ी कर दिया और उनकी गांड पर मेरा लवड़ा सैट कर दिया.


मैं लंड के सुपारे को गांड के छेद पर रगड़ने लगा. वे भी लंड की गर्मी से झुलसने लगीं और मैं उनकी चूत के दाने को मसल कर उनकी उत्तेजना बढ़ा रहा था.


उसके बाद मैंने जब देखा कि आंटी गांड मरवाने के लिए तैयार हैं तो मैंने एकदम से झटका दे मारा. मेरा टोपा गांड के छल्ले को फाड़ता हुआ अन्दर चला गया.


नेहा आंटी थोड़ी जोर से चिल्ला दीं- आह मर गई … छोड़ रे मादरचोद … आह लंड निकाल अपना … साले बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है.


मैं कौन सा लंड निकालने वाला था; मैं वैसे ही एक मिनट रुका रहा.


अब तक आंटी को भी थोड़ा आराम हो गया था. मैंने अब तेल की शीशी से कुछ और तेल टपकाया और आराम से लंड को गांड में चिकनाहट दे दी.


वे समझ रही थीं कि मैं फंसे हुए लौड़े को बाहर निकालने के लिए तेल डाल रहा हूँ. पर मैंने एक और तेज झटका दे मारा.


इस बार मेरा पूरा लंड गांड की तलहटी में चला गया था. आंटी की हालत खराब हो गई थी.


वे निरंतर गाली बक रही थीं- मां के लौड़े ने मेरी गांड फाड़ दी … हरामी कुत्ता साला.


मैं कुछ नहीं बोला बस वैसा ही रुका रहा और उनके दोनों मम्मों को अपने हाथ में पकड़ कर दबाते हुए निप्पलों को मींज रहा था. कभी एक हाथ से मैं उनकी चूत को भी सहला दे रहा था.


अब मैं आराम आराम से आंटी की गांड में अपने लंड को आगे पीछे करने लगा था.


जैसे ही उनका दर्द कम हुआ तो मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी और उनकी गांड में जोर जोर से शॉट मारने लगा. अब आंटी भी अपनी गांड चुदाई को काफी एन्जॉय कर रही थीं.


मैंने आधा घंटा तक उनकी गांड मारी और अपने लंड का सारा माल उनकी गाद में ही निकाल दिया. आंटी की हालत गांड मरवाने से काफी खराब हो गई थी.


उन्होंने मुझसे अलग होते हुए कहा- मेरे पेट और गांड में कफी दर्द हो रहा है. मैंने उन्हें किस करना शुरू किया. काफी देर तक हम दोनों ने किस किया.


इसी कारण से मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.


मैंने उनकी चूत फिर से चाटनी शुरू कर दी. वे बोलीं- साला पक्का हरामी है. मानेगा नहीं?


मैंने कहा- क्यों आपको लंड लेने का मन नहीं है क्या? वे हंस दीं.


मैं फिर से उनके ऊपर चढ़ गया. उसके बाद मिशनरी पोजीशन में मैंने आंटी की खूब देर तक चूत बजाई और साथ में उनके होंठों को किस भी किया.


मुझे चुदाई के वक्त होंठों को चूमना सबसे ज्यादा पसंद आता है. आंटी भी मेरे लंड का काफी मजा ले रही थीं.


उसके बाद मैंने सारा माल अन्दर ही निकाल दिया और आंटी एनल सेक्स करके उनके ऊपर ही पसर गया.


मैं- आज कैसा लगा आंटी आपको? नेहा आंटी- साले तूने तो आज गांड मार कर मेरी कुछ ज्यादा ही हालत खराब कर दी. अभी भी काफ़ी दर्द हो रहा है, लेकिन मज़ा भी बहुत आया.


मैं- कोई बात नहीं आंटी, दर्द निवारक दवा ले लेना, सब ठीक हो जाएगा. अभी मैं भी जा रहा हूं. आप अपना ध्यान रखना. नेहा आंटी- ठीक है.


हम दोनों ने थोड़ी देर और किस का मजा लिया और मैं अपने कपड़े पहन कर घर पर आ गया.


दोस्तो, मैंने जिस दिन आंटी की गांड मारी थी, उसके दो दिन तक आंटी सही से चल ही नहीं पा रही थीं. उनको काफी दर्द होता रहा था.


बाद में मैं उनकी चूत गांड दोनों की सेवा करने लगा था.


अब तो ऐसा हो गया था कि छत पर दस मिनट का समय लेकर भी आंटी आतीं, तो मैं उनकी साड़ी पेटीकोट को उठा कर पैंटी साइड में कर देता और लंड पेल कर गांड मार लेता था.


तो दोस्तो, यही थी आंटी के साथ हुई सेक्स कहानी. अब तक मैंने नेहा आंटी की गांड चूत सैकड़ों बार मारी है.


आप आंटी एनल सेक्स कहानी पर अपना फीडबैक जरूर दें क्योंकि एक लेखक न होते हुए सेक्स कहानी लिखने में काफी मेहनत लगती है और आपके फीडबैक से प्रोत्साहन मिलता है. [email protected]


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