नई भाभी की गर्म चूत की चुदाई

राहुल कुमार 12

09-01-2024

83,970

सेक्सी न्यू भाभी कहानी में मैंने अपने ममेरे भाई की नवविवाहिता पत्नी को चोदा. उनकी शादी को 1 महीना हुआ था. मैं मामा के घर गया तो मैंने भाभी को कैसे सेट किया?


मेरा नाम राहुल है और मैं 22 साल का हूँ.


यह सेक्सी न्यू भाभी कहानी उन दिनों की है, जब मैं सर्दियों की छुट्टियों अपने मामा के घर गया हुआ था.


मेरे मामा के लड़के की शादी को सिर्फ़ एक महीना हुआ था और भैया अपनी जॉब के लिए वापिस मुंबई चले गए थे.


भाभी यहीं घर में मामा मामी के देखभाल के लिए रह गई थीं.


जब मैं मामा के घर पहुंचा, तो उस समय मामा और मामी श्री ख़ाटू श्याम जी की पूजा के प्रोग्राम में 5 दिन के लिए गए हुए थे. उनके घर पर सिर्फ़ भाभी थीं … और उनके साथ मामा की लड़की थी.


मैंने उस वक्त भाभी को पहली बार देखा था. वे किसी परी से कम नहीं थीं. उनका फिगर 32-30-36 का था. एकदम नयी नवेली माल थीं. उनको देखते ही मैं पागल हो गया था और मेरा लंड खड़ा होकर मेरी पैंट में फूल गया था.


मेरे उधर पहुंचते ही दीदी मुझसे बात करने लगी. दीदी, भाभी दोनों मेरे बारे में पूछने लगीं.


भाभी मेरी बातों को बहुत ध्यान देकर सुन रही थीं और बार बार मेरी पैंट की तरफ देख रही थीं.


कुछ देर बाद दीदी और भाभी ने मुझसे खाना खाने के लिए कहा. मैं खाना खाकर लेट गया क्योंकि मैं बहुत थका हुआ था.


कुछ देर आराम करके मैं शाम को उठा तो देखा कि भाभी ने कपड़े बदल लिए थे और उन्होंने नीले रंग की साड़ी पहनी है. भाभी ने ब्लू साड़ी के साथ लाल रंग का ब्लाउज पहना था.


वे बेहद सेक्सी लग रही थीं. भाभी को इस क्रॉस मैचिंग में देखकर मैं पागल हो गया और मेरा लंड फिर से सलामी देने लगा.


और भाभी ने भी मेरे खड़े होते लंड को पुन: देख लिया था और वे मुँह छिपा कर हंसने सी लगी थीं.


मेरे जागने पर भाभी ने मुझसे पूछा- आपके चाय ले आऊं देवर जी? मैंने उन्हें देखते हुए कहा- हां भाभी.


फिर भाभी मेरे लिए चाय लेकर आ गईं और वे उधर ही बैठ कर चाय पीने लगीं.


मेरे साथ में हंसी मज़ाक करती हुई भाभी पूछने लगीं- और सुनाओ देवर जी, कॉलेज में सिर्फ़ पढ़ाई करते हो या कोई देवरानी भी सैट कर रखी है? तो मैं बोला- नहीं भाभी, अभी तक कोई अच्छी मिली ही नहीं है.


भाभी- अरे, इतने हैंडसम हो आप … फिर भी सिंगल? मैं- अरे भाभी जी, किस्मत में कोई अच्छी सी आई ही नहीं है.


भाभी- आपको कैसी लड़की चाहिए? मैं- कुछ ख़ास नहीं, पर आपके जैसी तो होनी ही चाहिए.


भाभी- हा हा हा, क्या देवर जी आप भी मजाक करते हैं. मेरी जैसी क्यों? क्या मैं आपको इतनी सुंदर लगती हूँ? वैसे भी मेरी किस्मत में तो पति का प्यार लिखा ही नहीं है. आपके भैया शादी होते ही वापिस जॉब पर चले गए. मैं- अरे कोई बात नहीं भाभी जी, मैं हूँ ना अभी सारी सर्दियों तक मैं आपकी सेवा के लिए यहीं हूँ.


ऐसा सुनकर भाभी शर्म से लाल हो गईं और वापिस अपने रूम में चली गईं. मैं समझ गया कि भाभी को अभी तक मर्द का साथ मिला नहीं है, इसलिए चुदाई की लिए उतावली हो रही हैं.


मैंने सोच लिया कि मैं आज भाभी की चुदाई करके ही रहूँगा. फिर रात हो गयी और हम लोग सो गए.


सिर्फ़ मेरे वाले रूम में हीटर लगा था, तो रात को भाभी मेरे रूम में हीटर के बहाने आ गईं. वे बोलीं- देवर जी, आप अगर बुरा ना मानो तो मैं यहीं सो जाती हूँ क्योंकि घर में सिर्फ़ यही एक हीटर है.


यह सुनकर मैं बोला- अच्छा तो आप और दीदी साथ में सो जाओ, मैं सोफा पर सो जाता हूँ. इस पर भाभी बोलीं- दीदी सो चुकी हैं और उनको हीटर नहीं चाहिए.


ये बोलकर भाभी मेरे बेड पर एक साइड में लेट गईं. भाभी ने नाइटी पहनी थी.


उनकी नीले रंग की नाइटी एकदम सॉफ्ट वेल्वेट वाली थी. यह उनके बदन से चिपक कर बेहद सेक्सी लग रही थी. उस नाइटी में उनके निप्पल के दाने और पैंटी की लाइन साफ समझ आ रही थी.


उन्हें देख कर मैं अपने मन में सोच रहा था कि भाभी को कैसे चोदूं. तभी भाभी मेरी तरफ गांड घुमा कर लेट गईं. उनकी रसीली गांड को देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैं थोड़ा उनके करीब को सरक गया.


वे सो गई थीं.


मैंने भाभी की नाइटी ऊपर कर दी और अपने मोबाईल की फ्लश लाइट ऑन करके नीचे से देखने लगा. क्या हॉट माल थीं सेक्सी न्यू भाभी … उन्होंने लाल रंग की डोरी वाली पैंटी पहनी हुई थी.


मुझसे रहा नहीं गया और मैंने पैंटी की डोरी खोल दी और मेरे सामने भाभी की एकदम पिंक चूत आ गयी. उनकी गुलाबी चूत को देखते ही मेरा लंड एकदम टाइट हो गया और उसकी नसें फूलने लगीं.


मैंने जल्दी जल्दी पैंट खोली और लंड बाहर निकाल लिया. लंड सहलाया तो वह भाभी की चूत में घुसने के लिए मरा जा रहा था.


मैंने भाभी के पास सरक कर पोजीशन बनाई और लंड को चूत के सामने सैट कर दिया. भाभी की चूत एकदम टाइट दिख रही थी मानो अभी तक उनकी किसी ने चुदाई की ही नहीं थी.


जैसे ही मैंने भाभी की चूत पर लंड रखा तो भाभी की चूत गीली हो गयी और पानी छोड़ने लगी. मैं समझ गया कि भाभी सिर्फ़ सोने की एक्टिंग कर रही हैं और कुछ नहीं.


इससे मेरा कॉन्फिडेन्स बढ़ गया और मैं लंड को चूत में धकेलने लगा. पर चूत में लंड नहीं जा रहा था क्योंकि मेरा लंड ज्यादा लंबा और मोटा था.


उधर भाभी भी उत्तेजना के मारे कांप रही थीं और ऐसी सर्दी में भी भाभी के बदन से पसीना निकलने लगा था.


इतने में मैंने फिर से लंड चूत में धकेला तो भाभी हल्के से बोलीं- इतना बड़ा लंड कैसे जाएगा अन्दर देवर जी? मैं बोला- फिर क्या करूं?


तो भाभी बोलीं- कोई क्रीम चिकनाई लगाकर आप मेरी चुदाई करो. यह कह कर भाभी उठीं और वे कोल्ड क्रीम ले आईं. मैंने क्रीम अपने लंड पर लगाई और भाभी की चूत में तो काफी सारी लगा दी.


अब मैंने लंड चूत पर लगा कर झटका मारा तो लंड का टॉप अन्दर चला गया.


भाभी चिल्ला पड़ीं- उई मां … मर गई. मैंने डर के मारे लंड बाहर निकाल लिया. लंड निकाल कर मैं रुक गया.


भाभी बोलने लगीं- बहुत बड़ा है, मैं नहीं ले पाऊंगी इतना बड़ा लंड … बहुत दर्द हो रहा है. कहीं आवाज सुनकर दीदी ना उठ जाएं. मैंने भाभी को समझाया और भाभी के मुँह पर हाथ लगा दिया.


भाभी के पैरों में अपने पैर फंसा कर मैंने लंड का झटका दिया तो लंड का सुपारा वापस चूत के अन्दर चला गया. पर भाभी रोने लगीं और मुझसे दूर होने के छटपटाने लगीं.


लेकिन मैंने भाभी की कमर पकड़ कर लंड पेले रखा. धीरे धीरे लंड चूत में घुसने लगा.


भाभी कराहने लगीं.


मैंने वापस लंड बाहर निकाला और भाभी को बेड पर उल्टा लेटा कर उनके ऊपर चढ़ गया. भाभी के मुँह में कपड़ा ठूंस कर मैंने फिर से झटका मारा. इस बार मेरा आधा लंड भाभी की चूत में चला गया और भाभी की आंखों से आंसू निकलने लगे.


उनके मुँह में कपड़ा ठुंसा हुआ था, तब भी उनकी दर्द भरी धीमी धीमी आवाजें ‘आह आह उन्ह मर गई …’ निकल रही थीं. इस बार मैं नहीं रुका और उन्हें पेलने में लगा रहा. मैंने एक और झटका मार कर अपना पूरा लंड अन्दर डाल दिया.


अब मैंने भाभी को कस कर पकड़ लिया और उन्हें चूमते हुए सहलाने लगा. मैं कुछ देर रुका रहा.


अब भाभी को भी मज़ा आने लगा और भाभी ने रोना बंद कर दिया. मैंने उनके मुँह से कपड़ा हटा दिया.


भाभी हांफती हुई बोलीं- देवर जी, आपके लंड ने तो मेरी जान ही निकाल दी है. अब प्लीज धीरे धीरे करना. मैं बोला कि भाभी अभी तो सिर्फ़ शुरुआत हुई है. अब देखिएगा कि कैसे आपकी नॉन स्टॉप चुदाई होती है.


बस ऐसा बोलकर मैंने भाभी के दोनों पैर फैला दिए और भाभी के पैरों पर मैंने अपने घुटने रख कर पैर दबा लिए कि भाभी हिल न पाएं. फिर से लंड में तेल लगा कर भाभी की चूत में झटका मारा तो भाभी ने पूरा लंड अन्दर ले लिया और मादक सिसकारियां भरने लगीं.


मैंने अपनी स्पीड पकड़ ली और जोर जोर से भाभी की चूत में हमला करने लगा. तेल की चिकनाहट के कारण भी चुदाई से पट फट की जोर जोर से आवाज आ रही थी. उनकी चूत के अन्दर से चूत रस के कारण ‘छक … पछ … फक्क …’ की आवाजें आ रही थीं.


भाभी अब अपना कंट्रोल खो चुकी थीं और जोर जोर से आवाज देने लगी थीं- आअहह … अओई एमाआ … मुम्म याहह … हाईए मर गई देवर जी किस जन्म की सजा दे रहे हो … प्लीज धीरे करो … मैं आज पहली बार चुद रही हूँ … वह भी इतने बड़े लंड से अहह …’


भाभी चीखती रहीं और मैं धकापेल में लगा रहा. काफी देर तक मैंने उनकी चुदाई की और मैंने अपने लंड का सैलाब भाभी की चूत में ही छोड़ दिया.


उस वक्त तो मजा आ रहा था. पर जैसे ही होश आया तो भाभी थोड़ा सा टेन्शन में आ गईं- देवर जी आपने तो अपना माल मेरे अन्दर ही छोड़ दिया. अब मैं क्या करूं? मैं बोला- कुछ नहीं भाभी, भैया को बुला कर जल्दी जल्दी एक दो बार चुदाई कर लेना. कोई दिक्कत नहीं है.


मैं इतना बोल ही रहा था कि भाभी उठ कर बाथरूम में अपनी चूत साफ करने चली गईं. मैं भी उन्हीं के साथ में अन्दर चला गया.


भाभी ने मुझे देखा, तो मैंने उनसे कहा- मुझे भी साफ कर दो. भाभी इठला कर बोलीं- कैसे?


मैंने भाभी को पकड़ कर नीचे बैठाया और अपना लंड उनके मुँह के सामने कर दिया. भाभी समझ गईं और लंड को मुँह में लेकर चूसने लगीं.


फिर सेक्सी न्यू भाभी मेरे लंड को हाथ सहलाती हुई बोलीं- आज ही सारे मज़े ले लोगे मेरे देवर जी? मैं मुस्कुराने लगा.


भाभी इतने मजे से लंड चूस रही थीं कि मेरा लौड़ा फिर से टाइट हो गया. मैंने भाभी को उठाया और शॉवर के नीचे झुका कर उनके पीछे से लंड लगा दिया और जब तक भाभी संभलतीं मैंने एक करारा झटका मारते हुए लंड चूत के अन्दर पेल दिया.


मैं उन्हें चोदने लगा, तो भाभी बोलीं- आहह देवर जी … आपका मन नहीं भरा अभी तक … इतना भी मत सताओ यार, दीदी उठ जाएंगी. पर मैंने उनकी एक नहीं सुनी और जोर जोर से चोदने लगा.


भाभी भी मस्ती में आ गईं और जोर जोर से चिल्लाने लगीं- आह … अह कितने अन्दर तक पेल रहे हो देवर जी … ओह उईए मां … मर गयी आहह … और जोर से चोदो मजा आ रहा है अहह … अहं मैं मर गयी अओह.’


फिर मैंने भाभी को अपनी गोद में उठा लिया और उन्हें जोर जोर से ऊपर नीचे उछालने लगा. इस तरह से मेरा लंड अपने आप उनकी चूत में आ जा रहा था. मैं उन्हें काफी देर तक अलग अलग मुद्राओं में चोदता रहा और भाभी भी मजा लेती रहीं.


अब वे पूरी तरह से थक चुकी थीं और हिलने की हालत में भी नहीं थीं. हम दोनों बाथरूम में चुदाई में मगन थे और दीदी ऊपर अपने कमरे में सोई हुई थीं.


उस रात को मैंने 12 बजे से 3 बजे तक भाभी की 3 बार चुदाई की. भाभी की चूत पूरी तरह से सूज गयी थी. उनको बहुत दर्द भी हो रहा था और चला भी नहीं जा रहा था.


भाभी बोलीं- देवर जी, आप मेरे रूम में चले जाओ, नहीं तो इसी रूम में रहोगे तो फिर से चढ़ जाओगे. मेरी ये हालत देखकर दीदी को भी शक हो जाएगा. आपके पास कोई दर्द निवारक दवा हो, तो मुझे दे जाओ. मैंने अपने सामान में से एक पेन किलर निकाल कर भाभी को खिला दी और खुद दूसरे कमरे में चला गया.


सुबह सब उठे तो देखा कि भाभी अपनी टांगों को फैला कर धीरे धीरे चल रही हैं. दीदी ने उनसे पूछा- भाभी आपको क्या हुआ, तबीयत तो ठीक है?


भाभी बोलीं- नहीं, कुछ नहीं … कल काम कुछ ज्यादा कर लिया था तो पैर दुख रहे हैं. मैं बोला- भाभी तेल मालिश करवा लो … अच्छा रहेगा.


ये सुन कर भाभी अपनी चूत को देखकर इशारा करने लगीं. फिर वे मेरे लंड की तरफ देखकर बोलीं- नहीं देवर जी, मैं कभी मालिश नहीं करवाऊंगी. उससे तो और ज्यादा दर्द हो जाता है. मैं दीदी से नजर बचा कर हंसने लगा.


दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी यहीं खत्म होती है. हालांकि उन 5 दिनों में मैंने भाभी को बहुत चोदा था.


आख़िरी वाले दिन दीदी को सब मालूम चल गया था, तो मैंने दीदी और भाभी दोनों को घोड़ी बना कर चोदा था. अगर आप चाहेंगे, तो मैं वह सेक्स कहानी भी अगली बार बताऊंगा.


इस सेक्सी न्यू भाभी कहानी पर अपने विचार मुझे भेजें. [email protected]


Family Sex Stories

ऐसी ही कुछ और कहानियाँ