सेक्स की हवस में रंडी बन गई- 1

अनीषा

05-07-2023

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Xxx फ्री सेक्स का मजा एक आदमी ने अपनी बीवी की विधवा सहेली की चूत और गांड मार कर लिया. सहेली को भी लंड की जरीरत थी तो वह आसानी से नंगी हाकर चुद गयी.


हाय दोस्तो, मैं आपकी अनिषा! आप सभी को मेरा नमस्कार.


कैसे हो आप सब … उम्मीद है कि मेरे सभी पाठक ठीक होंगे.


मेरी पिछली कहानी थी: पोर्न फिल्म में लेस्बियन सेक्स का रोल


आज की सेक्स कहानी अंजलि की है. अंजली के पति ने Xxx फ्री सेक्स का मजा लिया उसकी सहेली के साथ!


अब आप लोग सोच रहे होंगे कि अंजलि कौन है, तो मैं बता दूं कि अंजलि मेरी पुरानी सहेली है.


अंजलि की उम्र 36 साल की है. अंजलि की शादी रमेश गुर्जर नाम के व्यक्ति से हुई थी. रमेश की उम्र 48 साल की थी. लेकिन आप सभी गुर्जर मर्दों को जानते ही होंगे कि उनके लंड काफी बड़े और मोटे होते हैं.


रमेश का लौड़ा भी कुछ ऐसा ही था. सेक्स के मामले में उसका लंड बड़ा मजबूत था.


मगर उसमें भी एक कमी थी. वो कमी आपको कहानी पढ़ने के दौरान मालूम हो जाएगी.


अंजलि की एक बेटी थी, जो कि अब जवान हो गई थी. उसका नाम सोनल था.


सोनल एक हॉस्टल में रह कर अपनी पढ़ाई करती थी क्योंकि उसका स्कूल बहुत दूर था इसलिए सोनल अपने घर की बजाए स्कूल के हॉस्टल में ही रहती थी.


एक दिन अंजलि के मोहल्ले में यास्मीन शेख परिवार रहने आया.


यास्मीन के परिवार में यास्मीन, उसका पति आदिम और यास्मीन की कड़क जवान बेटी नसरीन थी. यास्मीन का और आदिम परिवार सिर्फ तीन सदस्यों का ही था.


कुछ ही दिनों में उनकी गुर्जर परिवार से अच्छे से बनने लगी. यास्मीन की बेटी भी हॉस्टल रहने लगी थी.


उन्हीं दिनों एक अनहोनी के चलते यास्मीन का पति आदिम चल बसा. उसके जाने के बाद यास्मीन अब अकेली रहने लगी थी.


एक दिन अंजलि को उसके मायके जाना हुआ, तब अंजलि यास्मीन से बोली- यास्मीन, मैं मायके जा रही हूँ. उधर मेरी माँ की तबियत कुछ ठीक नहीं है और रमेश मेरे साथ चल नहीं सकते हैं क्योंकि उनका बिजनेस का काम यहीं से होता है. तो क्या तुम उनका खाना बना कर दे पाओगी? इस पर यास्मीन बोली- अरे बस इतनी सी बात अंजलि, तू बिंदास जा … टेंशन ना ले. मैं सब देख लूंगी.


अब अंजलि दूसरे दिन मायके चली गई.


यास्मीन खाने के समय अंजलि के घर गयी. उस वक्त तक रमेश सिर्फ अन्डरवियर में था. यास्मीन को देख कर उसने जल्दी से एक लुंगी कुर्ता शरीर पर डाल लिया.


यास्मीन ने हल्की सी मुस्कान दी और वह खाना बनाने लगी.


फिर जब वो किचन से बाहर आयी तो उसे रमेश के रूम से ‘आह … आह …’ की आवाज सुनाई दे रही थी.


जब यास्मीन ने दरवाजे के होल से अन्दर का नजर देखा, तो यास्मीन दंग रह गई. रूम में टीवी पर पोर्न फिल्म चल रही थी और रमेश पूरा नंगा होकर अंजलि की ब्रा हाथ में लेकर मुठ मार रहा था.


एक गुर्जर का मर्दाना लंड देखकर यास्मीन पागल हो गयी लेकिन उस समय वो अपने घर चली गई.


फिर दूसरे दिन यास्मीन एक सेक्सी सी मैक्सी पहन कर रमेश के घर आई.


उसकी इस मैक्सी में से यास्मीन का पूरा जिस्म दिख रहा था.


उधर आज भी रमेश अन्डरवियर में था. वह यास्मीन को ऐसे देखकर पागल हो गया. यास्मीन किचन में जाने लगी लेकिन रमेश ने पीछे से उसे पकड़ लिया.


तो यास्मीन बोली- छोड़ो, यह क्या कर रहे हो? तब रमेश बोला- क्या लग रही है मेरी पटाखा!


यह कह कर उसने अपना लंड यास्मीन की गांड में रगड़ दिया. अब यास्मीन तो आई ही चुदने थी.


कुछ देर नखरे दिखाने के बाद वो बोली- अच्छा चलो रूम में चलते हैं. वो दोनों रूम में आ गए.


रमेश यास्मीन को किस करने लगा और उसके होंठों को चूमने लगा.


उन दोनों के बीच जबरदस्त चूमाचाटी चलने लगी. ‘उउम्म … उउउह … उम्माह …’


यास्मीन ने रमेश के अन्डरवियर में हाथ डाला और उसका लंड पकड कर बोलने लगी- क्या धांसू लंड है यार … शौहर के मरने बाद आज ऐसा लौड़ा देखा है. आज तेरे इस मोटे लंड को मैं अपनी चूत में लेने वाली हूँ.


रमेश भी यास्मीन की चूचियां दबाने और चूसने लगा. यास्मीन रमेश का लंड सहलाने लगी.


रमेश ने यास्मीन की मैक्सी उतार दी और उसके बड़े बड़े चूचे दबाने लगा. दूध दबाते हुए रमेश बोल रहा था- आह … क्या मस्त मम्मे हैं तेरे.


कुछ ही देर में वो दोनों पूरे नंगे हो गए यास्मीन घुटनों के बल बैठ कर रमेश का लंड चूसने लगी.


उसने कुछ मिनट में ही रमेश के लौड़े को पानी झाड़ने पर मजबूर कर दिया था. जैसे ही लौड़े से वीर्य निकला, यास्मीन ने उसे अन्दर ही लेना शुरू कर दिया. उसके मुँह में रमेश ने अपना माल भर दिया.


यास्मीन ने लौड़े को चाट चाट कर एकदम साफ कर दिया.


फिर रमेश बेड पर लेट गया और यास्मीन उसके साथ 69 में लेट गई.


रमेश यास्मीन की चूत चाटने लगा और यास्मीन रमेश का लंड वापस खड़ा करने के लिए उसे मुँह में लेने लगी.


कुछ मिनट बाद यास्मीन की चूत का पानी रमेश के मुँह में आ गया और इसी बीच रमेश के लंड का पानी फिर से यास्मीन के मुँह में आ गया.


कुछ ही देर में यास्मीन ने रमेश का लंड फिर से खड़ा कर दिया.


रमेश ने अब यास्मीन को सीधा लेटा दिया और उसकी चूत में अपना लंड पेल दिया. वह यास्मीन को अपने लंबे मोटे लंड से चोदने लगा.


यास्मीन के मुख से कराहें निकलने लगीं ‘आआह आईई आह … बहुत बड़ा है तेरा आआह … मर गई.’


रूम में कामुक आवाजें गूँज रही थीं.


कुछ ही देर में फ़च फ़च की आवाजें भी आने लगीं.


लगभग दस मिनट में रमेश के लंड का पानी यास्मीन की चूत में गिर गया.


लंड झड़ने के बाद रमेश ने फिर से यास्मीन के हाथ में अपना लंड थमा दिया और वो दुबारा से चूसने लगी.


कुछ मिनट में यास्मीन ने लौड़े को चूस चाट कर फिर से खड़ा कर दिया.


इस बार रमेश ने यास्मीन की गांड में अपना लंड डाल दिया और यास्मीन की गांड मारने लगा.


उसने लगभग दस मिनट तक यास्मीन की गांड मारी और उसके लौड़े का पानी यास्मीन की गांड में ही टपक गया.


Xxx फ्री सेक्स का मजा लेने के बाद रमेश सीधा लेट गया; यास्मीन रमेश के सीने पर सर रख कर सो गयी.


यास्मीन रमेश की छाती सहलाती हुए बोली- तुम जल्दी पानी छोड़ देते हो, जबकि तुम्हारा लंड इतना तगड़ा है. तुम्हारे अन्दर स्टेमिना नहीं है.


रमेश बोला- यार यास्मीन, मैं बचपन से ही अय्याश रहा हूँ और मैं बहुत सी धंधे वाली रंडियों के पास जाता था. फिर शादी होने के बाद मेरा उधर जाना कम होने लगा.


यास्मीन बोली- तुम अंजलि को कैसे खुश करते हो? रमेश बोला- वह तो हो जाती है.


यास्मीन मन ही मन हंसने लगी.


फिर पूरे दो दिन तक रमेश और यास्मीन चूत गांड की चुदाई का खेल खेलते रहे.


दो दिन बाद अंजलि अपने मायके से आ गयी. लेकिन अभी जब भी रमेश को मौका मिलता था तो वह यास्मीन को चोदना नहीं छोड़ता था.


मगर बोलते हैं ना कि सच्चाई छुपती नहीं है … और सेक्स तो किसी से भी नहीं छुप पाता है.


एक दिन अंजलि किसी काम से बाहर गयी. वह दो दिन का बोलकर गई थी. लेकिन कुछ कारण से वह उसी दिन वापस लौट आयी.


उसने अपने घर की बेल बजाई लेकिन बेल की स्विच रमेश से बंद हो गयी थी जिससे बेल बजी नहीं. अंजलि डुप्लीकेट चाभी से दरवाजा खोल कर अन्दर आ गयी.


उस समय यास्मीन और रमेश सेक्स कर रहे थे. यह देखकर अंजलि दंग रह गयी.


यास्मीन और रमेश अंजलि को देख कर एकदम से सकपका गए.


तब यास्मीन जल्दी से अपने कपड़े पहन कर अंजलि से बोली- अंजलि तूने जो देखा है … वो … अंजलि यास्मीन की बात काटती हुई बोली- तू अपने घर जा.


यास्मीन चली गई. इधर रमेश और अंजलि के बीच लड़ाई हुई.


अंजलि ने रमेश से बोल दिया कि अगर मैं किसी मर्द से सेक्स करूँ और तुम देख लो … उस समय तुमने कुछ कहा या किया, तो मैं तुम्हें छोड़ूँगी नहीं. अब देखना मैं क्या करती हूँ. वो इतना बोल कर चुप हो गई.


रमेश को लगा कि ये अभी गुस्से में है, इसलिए ऐसा बोल रही है.


दूसरे दिन अंजलि यास्मीन के घर गयी और यास्मीन से बोली- मेरा पति कैसा लगा सेक्स में? यास्मीन बोली- उसका लंड तो बड़ा है, लेकिन स्टेमिना नहीं है. तू कैसे खुश रह पाती है?


अंजलि बोली- मेरा पति जैसा भी है, मैं उससे खुश रहती हूँ. यास्मीन ने अपने फोन से रमेश की रिकॉर्डिंग सुनाई जो रमेश बोला था कि वो धंधे वाली पास जाता था.


यह सुन कर अंजलि यास्मीन से बोली- अब मैं भी पराये मर्द से मजे लेना चाहती हूं, कोई जुगाड़ कर.


यास्मीन बोली- एक जुगाड़ हो सकती है! अंजलि बोली- क्या? तब यास्मीन बोली- देख मेरे शौहर के जाने बाद मैं भी मर्द खोज रही हूँ लेकिन ऐसे कोई मर्द नहीं मिलता है. हां इंटरनेट पर एक साइट है, जहां मर्द अपने लिए औरतें ढूंढते हैं.


अंजलि बोली- तू साइट का नाम बता. यास्मीन ने साइट बताई.


अंजलि मोबाईल पर उस साइट को खोल कर देखने लगी. वो बोली- अरे यह तो कॉल गर्ल वाली साइट है?


तब यास्मीन बोली- हां देख ना … यहां से मर्द आसानी से मिलते हैं और रकम भी!


अंजलि बोली- नहीं, इधर से बहुत दिक्कत होगी. कोई कैसा मर्द, कोई कैसा! यास्मीन बोली- तो तेरे पास कोई है तो बोल!


अंजलि बोली- एक है. यास्मीन बोली- कौन?


तब अंजलि बोली- सुनील गुर्जर. यास्मीन बोली- यह कौन है?


अंजलि बोली- सुनील गुर्जर केसरी पार्टी के नेता का बेटा है और मेरा दूर का रिश्ते में देवर लगता है. जब मेरी नयी नयी शादी हुई थी, ये तब से मुझे लाइन मारने की कोशिश कर रहा था. लेकिन मैंने उससे भाव नहीं दिया था.


तब यास्मीन बोली- अरे तो उससे बात कर ना … और उसे बुला यहां. अंजलि ने हां कर दी और अपने पति के मोबाईल से फोन नंबर लेकर दूसरे दिन फोन किया.


उसने सुनील गुर्जर से बात की और अपने घर आने को बोली. सुनील झट से आ गया.


उस समय रमेश घर पर नहीं था. अंजलि ने ब्लू कलर की शिफॉन की साड़ी पहनी थी. उसने ये साड़ी अपनी नाभि से नीचे बांधी थी. इससे अंजलि की नाभि दिखाई दे रही थी.


सुनील बोला- बोलो अंजलि भाभी … क्यों बुलाया है? अंजलि सीधे और सपाट स्वर में बोली- तुम्हें सेक्स करना था ना मुझसे!


सुनील ने एक पल को उसे देखा और वो भी सीधा बोला- हां, मैंने तो तुझे लाइन भी मारी थी लेकिन तूने साली भाव ही नहीं दिया था.


अंजलि बोली- अब मैं चाहती हूँ और मैं अकेली नहीं हूँ, मेरी एक सहेली भी तेरे नीचे आने को राजी है.


यह कह कर अंजलि ने यास्मीन को आवाज देकर कमरे में बुला लिया. यास्मीन ने भी सेक्सी ड्रेस पहनी हुई थी.


सुनील उसे घूर कर देखते हुए बोला- यह पटाखा कौन है? अंजलि हंस कर बोली- मेरी पड़ोसन है. अब तू आम चूसने के मजे ले, गुठलियां न गिन.


अब सुनील के एक बाजू यास्मीन थी और दूसरी तरफ अंजलि थी. दोनों सुनील को किस कर रही थीं और सुनील भी उन दोनों को किस कर रहा था.


‘उउमम्माह … उउमम्माह.’


सुनील का एक हाथ अंजलि की पीठ पर दूसरा यास्मीन की गांड पर था.


यास्मीन अंजलि सुनील की पैंट के ऊपर से उसका लंड सहला रही थी. उसके बाद कुछ मिनट तक उन तीनों में किसिंग चली, फिर वो तीनों पूरे नंगे हो गए.


सुनील सोफ़े पर बैठा हुआ था और अंजलि और यास्मीन घुटने के बल बैठकर सुनील का लंड चूसने लगी थीं.


काफी देर तक लंड चुसाई के बाद सुनील का लंड एकदम कड़क हो गया.


लौड़े को कड़क देख कर अंजलि और यास्मीन दोनों समझ गईं कि इसमें से अब नमकीन अमृत निकलने वाला है. यह महसूस करते ही दोनों और जोर से लौड़े को चूसने में लग गईं.


उसी समय सुनील का वीर्य छूटा और उसने उन दोनों के मुँह को अपने वीर्य से भर दिया.


यास्मीन और अंजलि ने अपनी अपनी ब्रा से एक दूसरे का मुँह साफ कर लिया. वो दोनों फिर से दोनों सुनील का लंड चूसने लगीं.


दस मिनट बाद सुनील ने दोनों को सीधे बेड पर लेटा दिया और टांगें खोलने को बोला.


उन दोनों ने अपनी अपनी टांगें खोल कर सुनील के सामने अपनी चूत फैला दी.


सुनील ने दोनों की चूत पर हाथ फेरा और एक एक करके दोनों की चूत चाटने लगा. काफी देर तक दोनों की चूत चाटने के बाद यास्मीन और अंजलि से रहा न गया और वो दोनों सुनील की चूत चुसाई से ही झड़ गयीं.


सुनील ने उन दोनों की चूत का पानी चाट कर पी लिया.


अब सुनील ने अंजलि की चूत में अपना लंड सैट किया और अंजलि की चूत चोदने लगा.


वह यास्मीन से बोला- तुम अंजलि के मम्मे चूसो. यास्मीन अंजलि के बूब्स चूसने लगी.


सुनील अंजलि चूत चोदने में लगा था. अंजलि सुनील के बड़े लंड से कराह रही थी और ‘आआह उइइ …’ करती हुई चीख रही थी.


बीस मिनट बाद सुनील ने अंजलि की चूत से लंड निकाला.


अभी भी सुनील का लौड़ा तना हुआ था. उसने अब यास्मीन की चूत में अपने लंड को पेला और अब यास्मीन की चीखने की बारी आ गई थी.


वह कराहती हुई चीखने लगी- आआह … मर गई … आह धीरे पेलो.


इस तरह से लगभग आधा घंटा की धुआंधार चुदाई के बाद सुनील का पानी यास्मीन की चूत में छूट गया.


अब सुनील का लंड एकदम चिकना हो गया था. वो उन दोनों से बोला- चूसो इसे!


दोनों लंड चूसने लगीं और दस मिनट में सुनील का लंड फिर से खड़ा हो गया.


अब सुनील ने अंजलि और यास्मीन को बिस्तर से हाथ टिकवा कर डॉगी बना दिया. उसने यास्मीन की गांड में लंड डाला और अंजलि की गांड पर थप्पड़ मारे जा रहा था.


यास्मीन चीख कर कह रही थी- धीमे धीमे पेलो. लेकिन सुनील अपनी मस्ती में यास्मीन की गांड मार रहा था.


उसने बीस मिनट बाद यास्मीन की गांड से लंड निकाला और अंजलि की गांड में पेल दिया.


अंजलि की गांड सुनील को बहुत टाईट लगी. वह अपना पूरा लवड़ा अंजलि की गांड में नहीं घुसा पा रहा था.


तब सुनील बोला- अंजलि, मेरा लंड चूस और यास्मीन तू पीछे से अंजलि की गांड चाट कर उसमें अपना थूक डाल!


यास्मीन अंजलि की गांड चाटने लगी और कुछ मिनट बाद फिर से सुनील अंजलि की गांड के पीछे आ गया.


इस बार उसने पूरा लवड़ा गांड के अन्दर तक पेल दिया और अंजलि की गांड चुदाई का मजा लेने लगा.


बाद में सुनील ने अपना पानी अंजलि की गांड में छोड़ दिया और दोनों की ब्रा से अपना लंड साफ करवा कर सोफ़े पर बैठ गया.


इस तरह से उन दोनों के लिए सुनील का मजबूत लंड मिल गया था.


अब सुनील रोज आने लगा. रमेश घर में होता, तब वह यास्मीन से सेक्स करता और जब रमेश नहीं होता तो दोनों से!


उसके आने से रमेश को अंजलि पर शक हो गया था लेकिन वो कुछ बोल नहीं पा रहा था.


ऐसे ही चार महीने हो गए.


सुनील कभी कभी अपने दोस्तों को भी लाता और यास्मीन अंजलि ग्रुप सेक्स भी करतीं.


फिर होली आयी. तो अंजलि और यास्मीन की बेटियां नसरीन और सोनल हॉस्टल से घर आ गईं.


तब सुनील की नजर दोनों की बेटियों पर गयी. सुनील अंजलि यास्मीन से बोला- तुम दोनों की बेटियों से भी मैं सेक्स करना चाहता हूँ.


अंजलि और यास्मीन ने मना कर दी. सुनील बोला- ठीक है, मेरे पास तुम दोनों की नंगी फोटो हैं, उन्हें मैं नेट पर डाल दूंगा या अपनी बेटियों से मेरा मिलन करवाओ.


अंजलि और यास्मीन बोलीं- दोनों अभी कच्ची कलियां हैं. सुनील बोला- इसी लिए तो बोल रहा हूँ कि उन दोनों की सील तोड़ने में मजा आएगा.


यह सुनकर अंजलि और यास्मीन घबरा गईं. वे दोनों सुनील को मनाने लगीं कि उन्हें रहने दो.


मगर सुनील नहीं मान रहा था.


अब इस सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको पढ़ने मिलेगा कि किस तरह से उन दोनों कच्ची कलियों की चुदाई हुई और एक बार चुदाई के बाद उनकी किस तरह से गैंग बैंग चुदाई होना शुरू हो गई और वो दोनों परिवार रंडीखाने में तबदील हो गए.


आपको यह Xxx फ्री सेक्स कहानी कैसी लग रही है, प्लीज मुझे मेल करके जरूर बताएं. मेरी ईमेल आईडी है [email protected]


Xxx फ्री सेक्स का मजा कहानी का अगला भाग:


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